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Updated: 18 अक्टूबर, 2016 04:08 PM
रितेश कुमार श्रीवास्तव
रितेश कुमार श्रीवास्तव
  @journalistritesh
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एक गांव में दो भाई रहते थे. दोनों के बीच बंटवारा हो चुका था. लेकिन घर के बीच में पड़नेवाली सैकड़ों एकड़ की एक पुश्तैनी जमीन को लेकर विवाद था. नियम से ये जमीन बड़े भाई को मिलनी चाहिए थी लेकिन छोटे भाई ने इसके कुछ भाग पर अवैध कब्जा जमा रखा था. बड़े भाई के डर से छोटे भाई ने अवैध कब्जे वाली जमीन पर गुंडे-मवालियों को बसा दिया था. छोटा भाई ना सिर्फ पैसे से कमजोर था बल्कि उसके परिवार के लोग भी उचित शिक्षा के आभाव में बेहद पिछड़े थे. वो भी अवैध कब्जे वाली जमीन पर रहने वाले गुंड़े-मवालियों की संगत में बिगड़ गए थे. हर वक्त गुंड़ों के साथ मिलकर वो बड़े भाई को बर्बाद करने के लिए प्लानिंग बनाते. लेकिन बड़े भाई के आगे उनकी एक ना चलती. उल्टा कई बार तो वो मुंह की खा चुके थे.

दोनों भाइयों की लड़ाई को गांव में रहनेवाला एक शातिर पड़ोसी बड़े ही गौर से देखता था. एक दिन उसने एक चाल चली. वो छोटे भाई के घर आने-जाने लगा. बातचीत शुरु हुई. मुलाकात दोस्ती में तब्दील हो गई. एक दिन उसने बड़े भाई के खिलाफ छोटे भाई को भड़काते हुए कहा कि देखो तुम्हारा परिवार छोटा है. तुम्हारे परिवार के लोग अनपढ़, गंवार, जाहिल  हैं. खाने-पीने के सामान से ज्यादा तुम्हारे घरों में बंदुके हैं. गोली खरीदने के लिए पैसा तुम्हारे पास है नहीं, तो तुम अपने बड़े भाई से लड़ोगे कैसे. जबकि तुम्हारा बड़ा भाई ना सिर्फ पैसे से मजबूत है बल्कि उसका परिवार भी बड़ा है. उसके घर में पढ़े-लिखे लोग हैं. आस-पास के गांवों में भी उनकी अच्छी पकड़ है. शहर के बड़े साहब लोगों से भी उनके अच्छे ताल्लुक है. जिस दिन वो चाहेंगे अपनी जमीन तुमसे जबरन छीन लेंगे. तुम कुछ कर भी नहीं पाओगे.

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ये सुनकर छोटा भाई बेहद डर गया. उसने पड़ोसी से उपाय पूछा. मौके की ताक में बैठे शातिर पड़ोसी ने थोड़ा सोचकर कहा कि मेरे पास एक प्लान है. जिससे तुम्हारे घर में भी चार पैसा आएगा. तुम्हारे परिवार में खुशहाली आएगी और तुम्हारे आवारा और लफंगे लड़कों को भी घर बैठे काम मिल जाएगा. साथ ही अवैध जमीन पर चल रहे गुंडे-मवालियों के अड्डे भी खत्म हो जाएंगे. इतना ही नहीं अपने भाई की जिस जमीन पर तुमने अवैध कब्जा जमा रखा उस पर भी वो अपना दावा छोड़ देगा.

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 दो भाइयों के झगड़े में पड़ोसी का फायदा

पड़ोसी की बात सुनकर छोटे भाई की आंखों में चमक आ गई. गरीबी, तंगहाली और भूखे-नंगे परिवार के सदस्यों की उन्नति के लिए उसने प्लान जानने की उत्सुकता दिखाई. मौके की ताक में बैठे शातिर पड़ोसी ने फौरन ही प्रस्ताव रखा कि अगर अवैध कब्जेवाली जमीन पर तुम मुझे एक सड़क बनाने दो, जो मेरे घर को सीधे गांव की नदी से जोड़ेगी, तो मैं तुम्हारे परिवार की तकदीर बदल दूंगा. मैं ना सिर्फ तुम्हें बड़े भाई से सुरक्षा की गारंटी दूंगा बल्कि तुम्हारे परिवार के लोगों को रोजगार भी मुहैय्या करवाउंगा. अनपढ़ छोटा भाई पड़ोसी की चिकनी-चुपड़ी बातों में आ गया. वो तो सिर्फ इस बात से खुश था कि दबंग पड़ोसी का साथ पाकर अब वो अपने बड़े भाई अच्छे से सबक सिखाएगा. उससे पुराना हिसाब-किताब पूरा करेगा.

करार होने के अगले ही दिन पड़ोसी के इंजीनियर, मिस्त्री और मजदूर विवादित जमीन की नाप जोख करने पहुंच गए. शातिर बिजनेसमैन पड़ोसी को देखते ही बड़ा भाई सारी चाल समझ गया. वो विवाद में पड़ने की जगह शांत रहा. जैसे ही शातिर पड़ोसी ने जमीन पर काम शुरु किया वहां पर जमे गुंडों ने मजूदरों को धमकाना शुरु कर दिया. पड़ोसी ने फौरन छोटे भाई को हिदायत दी की अपने परिचितों को संभालों और अब से जमीन पर काम करनेवाले हमारे कर्माचारियों की सुरक्षा की जिम्मेदारी तुम्हारी होगी. गरीबी से परेशान छोटे भाई ने किसी तरह से पैसों का इंतजाम करके कर्मचारियों की सुरक्षा के लिए गार्ड तैनात कराए. इस वजह से जो गुंडे-मवाली उसके दोस्त थे अब दुश्मन बन गए.

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सड़क बनाने के साथ-साथ आप-पास की जमीन पर पड़ोसी ने शॉपिंग मॉल, पॉवर प्लांट, महंगे होटल्स, बड़े अस्पताल, ज्वैलरी के बड़े शो रूम, इलेक्ट्रानिक्स उपकरणों का एक्सपोर्ट हाउस, मोबाइल असेम्बल करने की कंपनियां, तेल की बड़ी-बड़ी फैक्ट्रियां भी लगानी शुरु कर दी. ये सब देखकर छोटा भाई बेहद खुश हुआ. उसे लगा कि अब उसके दिन बहुर जाएंगे. उसका बड़ा भाई ये सब देखकर ही जल-भुनकर मर जाएगा. लिहाजा, वो खुशी से झूमने लगा.

लेकिन जब प्रोजेक्ट बनकर तैयार हुआ तो शातिर पड़ोसी अपने असली रंग में आ गया. उसने छोटे भाई के सामने नई-नई शर्तें लगा दी. कहा कि अगर तुम लोगों को सड़क के साथ-साथ दूसरी सुविधाओं का प्रयोग करना है तो उसकी कीमत देनी पड़ेगी. हर सुविधा के लिए बाजार दर से दुगनी कीमत की डिमांड पड़ोसी ने रख दी. साथ ही ये भी कहा कि चूंकि तुम लोगों की औकात तो है नहीं कि महंगे मॉल्स, होटल्स, जिम में जा सको तो तुम्हारे लोग यहां पर काम कर इन सुविधाओं को मुफ्त में देखने का सौभाग्य प्राप्त कर सकते हैं.

मन मारकर छोटे भाई ने सभी शर्ते मान ली. लेकिन जब उसे पता चला कि जिस बड़े भाई से बदला लेने के लिए उसने अवैध कब्जेवाली जमीन पड़ोसी को दी थी अब वो भी इस सड़क के जरिए ना सिर्फ पड़ोसी के साथ बल्कि दूसरे लोगों के साथ कारोबार करेगा. उसके सामान भी सड़क के जरिए नदी तक जाएंगे, उसके लोग मॉल्स, जिम, होटल्स में घूमने आएंगे तो उसके पैरों तले जमीन ही खिसक गई. जब उसने पड़ोसी से कहा कि उसने धोखा दिया है तो जवाब सुनकर चौंक गया. पड़ोसी ने कहा, "जो अपने भाई का नहीं हुआ वो दूसरों से ईमानदारी की उम्मीद कैसे कर सकता है? जंग और बिजनेस में सब जायज है."

लेखक

रितेश कुमार श्रीवास्तव रितेश कुमार श्रीवास्तव @journalistritesh

लेखक आजतक में पत्रकार हैं

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