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Updated: 29 दिसम्बर, 2019 02:52 PM
अनुज मौर्या
अनुज मौर्या
  @anujkumarmaurya87
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जब से मोदी सरकार (Modi Government) ने नागरिकता कानून (CAA) लाई है, तब से पूरे देश में एक बहस सी छिड़ गई है. बहस इस बात की कि इस कानून में मुस्लिमों को जगह क्यों नहीं दी गई है. सरकार बार-बार ये तर्क दे रही है कि कानून सिर्फ अल्पसंख्यकों के लिए है, जिन पर धार्मिक आधार पर उत्पीड़न हो रहा है. हालांकि, विरोधी पार्टियां इसे अपने राजनीतिक हित के लिए इस्तेमाल कर रही हैं. इसी बीच अल्पसंख्यकों पर होने वाली जुल्म के कुछ उदाहरण भी सामने आने लगे हैं. पहले पाकिस्तान (Pakistan) से दानिश कनेरिया (Danish Kaneria) का मामला सामने आया, जिसमें कोई खिलाड़ी उनके हिंदू होने की वजह से उनके साथ खाना खाना पसंद नहीं करता था. अब दूसरा मामला शाहिद अफरीदी (Shahid Afridi) से जुड़ा सामने आ रहा है, जिसमें वह हिंदू (Hindu) धर्म के प्रति अपनी नफरत दिखा रहे हैं.

Shahid Afridi CAA Hindu religionशाहिद अफरीदी की बातों ने साबित कर दिया है कि वह हिंदू धर्म से नफरत करते हैं.

हिंदू धर्म से अफरीदी को नफरत क्यों?

शाहिद अफरीदी ने अपनी जिंदगी का एक वाकया बताते हुए कहा था कि वह अपनी पत्नी से कहते थे कि स्टार प्लस ना देखा करें. देखें भी तो बच्चों को ना देखने दिया करें. वह बोले कि हिंदू धर्म में वो एक ड्रामा होता है ना हाथ घुमाने (आरती की तरह हाथ घुमाकर बताया) का, यूं-यूं करने का. उन्होंने बताया एक दिन स्टार प्लस चल रहा था और टीवी के सामने उनकी बेटी आरती करने की स्टाइल में हाथ घुमा रही थी, जिसके बाद उन्होंने गुस्से में आकर टीवी तोड़ दिया. शाहिद अफरीदी ने हिंदू धर्म में आरती करने को ड्रामा कह दिया, लेकिन ये तनिक भी नहीं सोचा कि जिसे वह ड्रामा कह रहे हैं, वह हिंदू धर्म के रीति-रिवाजों का अहम हिस्सा है. उनकी इस बात से हिंदू धर्म के लोग भी आहत हो सकते हैं. खैर, पाकिस्तान में हिंदुओं के आहत होने की खबर कोई नई नहीं है. आए दिन किसी न किसी हिंदू का उत्पीड़न होता ही है. ऐसे देश में एक पाकिस्तानी किसी हिंदू की भावनाओं की क्या कद्र करेगा.

हिंदू-मुस्लिम बिल्कुल अलग

दो धर्मों में आपको कुछ समानताएं भले ही मिल जाएं, लेकिन हिंदू-मुस्लिम धर्म तो जैसे एक दूसरे के विरोधी हैं. दोनों धर्मों की परंपराएं, रीति-रिवाज बिल्कुल अलग हैं. शाहिद अफरीदी ने जिस तरह आरती करने को हिंदू धर्म का ड्रामा कहते हुए हिंदू धर्म का अपमान किया है, वह भी यही दिखाता है कि दोनों धर्मों की परंपराओं में जमीन आसमान का फर्क है. शायद यही वजह है कि 1947 में देश का बंटवारा भी धर्म के आधार पर किया गया, ना कि इलाकों के आधार पर. खैर, वो कहते हैं ना 'अनेकता में एकता', ये आपको भारत में तो देखने को मिल जाएगी, लेकिन पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश में नहीं दिखेगी. ये वो तीनों देश हैं, जिनके अल्पसंख्यकों के लिए नागरिकता कानून बनाया गया है, ताकि उन्हें भारत में शरण दी जा सके और रोज-रोज के उत्पीड़न से उन्हें बचाया जा सके.

दानिश कनेरिया पहले ही खोल चुके हैं पोल

मैच फिक्सिंग के आरोप में आजीवन बैन झेल रहे पाकिस्तानी स्पिनर दानिश कनेरिया भी कह चुके हैं कि उनके साथ भेदभाव होता रहा है. बता दें कि दानिश के बाद मोहम्मद आमिर, सलमान बट और मोहम्मद आसिफ पर भी बैन लगा था, लेकिन वह टीम में वापसी कर चुके हैं, जबकि दानिश का बैन बरकरार है. दानिश कई बार उनके साथ हो रहे भेदभाव के बारे में बता भी चुके हैं. दानिश ने अपनी इस पीड़ा को तीन साल पहले भी इंडिया टुडे के साथ शेयर किया था कि किस तरह पाकिस्‍तानी क्रिकेट बोर्ड ने हिंदू होने के नाते किस तरह उनके साथ भेदभाव किया है. जबकि पाकिस्‍तानी फैंस से उन्‍हें प्‍यार ही मिला है. लेकिन मौजूदा माहौल में दानिश कनेरिया से जुड़ी ये कंट्रोवर्सी भारत और पाकिस्‍तान दोनों ही देशों में बहस का विषय बन गई है.

शोएब अख्तर ने भी खोले राज

पाकिस्तानी क्रिकेटर शोएब अख्तर ने कहा है कि पाकिस्तानी ड्रेसिंग रूम में दानिश कनेरिया के साथ दुर्व्यवहार होता रहा है. उन्होंने बताया कि कोई पाकिस्तानी खिलाड़ी खाने की टेबल पर उनके साथ सिर्फ इसलिए नहीं बैठता था, क्योंकि वह हिंदू हैं.

एक ओर इमरान खान की ओर से आरोप लगाया जा रहा है कि मोदी राज में मुसलमानों के साथ ज्यादती हो रही है, वहीं दूसरी ओर पाकिस्तान से ही ऐसी-ऐसी घटनाएं सामने आ रही हैं, जो इमरान खान को सवालों के घेरे में ला रही हैं. पहले दानिश कनेरिया के साथ हिंदू होने के नाते भेदभाव होने का मामला सामने आया था, अब शाहिद अफरीदी ने भी हिंदू धर्म के लिए अपनी नफरत बयां कर दी है. ऐसे देश में अल्पसंख्यक कितने प्रताड़ित हो रहे हैं, इसका तो आपको अंदाजा लग ही गया होगा. ऐसे में लोगों के सामने सिर्फ दो ही रास्ते होते हैं. या तो वह सारी जिंदगी प्रताड़ना सहते रहें, या फिर धर्म परिवर्तन कर लें.

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