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Updated: 14 नवम्बर, 2019 06:40 PM
बिलाल एम जाफ़री
बिलाल एम जाफ़री
  @bilal.jafri.7
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महाराष्ट्र (Maharashtra) में उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackeray) के झूठ और चुनाव बाद मुख्यमंत्री के पद के लिए मचे घमासान पर देश के गृह मंत्री अमित शाह (Amit Shah) ने अपनी चुप्पी तोड़ी है और तमाम अहम सवालों के खुलकर जवाब दिए हैं. न्यूज एजेंसी एएनआई से बात करते हुए  गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि, हमने चुनाव के वक्त सौ बार कहा था कि गठबंधन सरकार बनी तो देवेंद्र फडणवीस (Devendra Fadnavis) ही मुख्यमंत्री होंगे, लेकिन तब किसी ने विरोध नहीं किया. शाह ने महाराष्ट्र में राष्ट्रपति शासन (President Rule in Maharashtra) लगाए जाने पर कहा कि राज्यपाल ने उचित कदम उठाया है और अब सबके पास सरकार बनाने के लिए 6 महीने का वक्त है. उद्धव ठाकरे की मनगड़ंत बातों और आरोपों  के अलावा 50-50 के बंटवारे पर प्रतिक्रिया देते हुए शाह ने ये भी कहा कि, अब वे नई मांगें लेकर आए हैं जो हमें स्वीकार्य नहीं है. ध्यान रहे कि अलग अलग मंचों से उद्धव ठाकरे यही बात दोहरा रहे हैं कि भाजपा ने उनसे वादा किया था कि यदि महाराष्ट्र में गठबंधन बनता है तो ढाई साल शिवसेना की सरकार रहेगी और बचे ढाई सालों में भाजपा सत्ता संभालेगी.

उद्धव ठाकरे, नरेंद्र मोदी, देवेंद्र फडणवीस, प्रियंका चतुर्वेदी, महाराष्ट्र महाराष्ट्र पर उद्धव ठाकरे का झूठ पीएम मोदी के उस विडियो से पकड़ा गया था जिसमें वो खुद मौजूद थे

अब जबकि शाह ने प्रतिक्रिया दे दी है और उद्धव ठाकरे का झूठ पकड़ा गया है तो हमें पीएम मोदी के उस भाषण पर भी गौर कर लेना चाहिए जो उन्होंने चुनाव से ठीक पहले 18 अक्टूबर को दिया था. अपने भाषण में पीएम मोदी इस बात को बिलकुल स्पष्ट कर चुके थे कि यदि महाराष्ट्र में गठबंधन की सरकार बनती है तो देवेंद्र फडणवीस ही सत्ता की कमान संभालेंगे और मुख्यमंत्री बनेंगे.

मामले में दिलचस्प बात ये भी है कि जिस समय पीएम मोदी भाषण दे रहे थे, मंच पर आज भाजपा पर झूठे आरोप लगाने वाले उद्धव ठाकरे भी मौजूद थे.

उद्धव ठाकरे, नरेंद्र मोदी, देवेंद्र फडणवीस, प्रियंका चतुर्वेदी, महाराष्ट्रपीएम मोदी के साथ मंच साझा करते उद्धव ठाकरे

अब जबकि सबूत के रूप में ये विडियो सामने है. तो हमारे लिए ये कहना अतिश्योक्ति नहीं है कि तब साथी नेताओं के अलावा महाराष्ट्र की जनता तक ने देश के प्रधानमंत्री की बातें सुन ली थी. मगर उद्धव ठाकरे उसे नहीं सुन पाए थे. कह सकते हैं कि जिस वक़्त पीएम मोदी महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री के लिए देवेंद्र फडणवीस का नाम प्रस्तावित कर रहे थे, उस वक़्त उद्धव ठाकरे के दिमाग में अलग ही खिचड़ी पक रही थी. हो सकता है सत्ता की मलाई मिलता देख उद्धव अपने वो प्लान तैयार कर रहे थे जिनको हथियार बनाकर आज वो राज्य का मुख्यमंत्री बनने का सपना अपनी आंखों में संजोये हैं.

महाराष्ट्र के विषय में अमित शाह की चुप्पी तोड़ने के बाद शिवसेना की तरफ से प्रतिक्रिया का आना स्वाभाविक था. मामले पर शिवसेना नेता प्रियंका चतुर्वेदी सामने हैं और उन्होंने बड़ी ही बेबाकी के साथ झूठ को सच करने के लिए ट्वीटर का इस्तेमाल किया था. पीएम मोदी के उस विडियो जिसमें उद्धव ठाकरे ने भी उनके साथ मंच साझा किया था पर शिवसेना का पक्ष रखते हुए प्रियंका चतुर्वेदी ने कहा है कि  एक सार्वजनिक भाषण बनाम गठबंधन के साथियों के साथ निजी समझौता, समझौते की शर्तों के लिए आपका तर्क नहीं हो सकता है.

प्रियंका चतुर्वेदी के ट्वीट का यदि गहनता से अवलोकन किया जाए तो न सिर्फ ये पूर्वाग्रह से ग्रसित है. बल्कि इसे देखकर ये भी साफ़ हो जाता है कि उद्धव ठाकरे के झूठ पर एक और झूठ बोलने के लिए इन्होंने पूरी वफादारी का परिचय देते हुए पार्टी का पक्ष रखा है. प्रियंका को याद रखना चाहिए कि देश उनकी बातों को देख है. उध्दव ठाकरे की बातों को सुन रहा है और ये मान चुका है कि सिर्फ सत्ता सुख के लिए पार्टी किसी भी सीमा को लांगने और कैसी भी विचारधारा अपनाने को आतुर है.

बहरहाल बात मुख्यमंत्री बनने के लिए उद्धव ठाकरे के झूठ से हुई है तो चलते चलते बता दें कि  शिवसेना के मुख्यमंत्री को लेकर पीएम मोदी के विडियो ने सब सा कर दिया है. 

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लेखक

बिलाल एम जाफ़री बिलाल एम जाफ़री @bilal.jafri.7

लेखक इंडिया टुडे डिजिटल में पत्रकार हैं.

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