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Updated: 14 अप्रिल, 2019 07:21 PM
श्रुति दीक्षित
श्रुति दीक्षित
  @shruti.dixit.31
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किसी भी देश के आम नागरिकों के लिए बढ़ती हुई महंगाई एक बेहद गंभीर समस्या हो सकती है. इसके आगे विकसित देश भी परेशान हो जाते हैं और अगर ये महंगाई भयावह रूप ले ले तो वेनेजुएला और जिम्बाब्बे जैसे देशों की तरह किसी भी देश की अर्थव्यवस्था चरमरा जाती है. महंगाई तब और भी ज्यादा खतरनाक हो जाती है जब कोई देश भयानक कर्ज में डूबा हो. यही हालत इस वक्त पाकिस्तान की हो रही है. महंगाई की मार झेल रहा इमरान खान का 'नया पाकिस्तान' इस वक्त ऐसे हालात से गुजर रहा है कि वहां पेट्रोल डीजल तो छोड़िए दूध भी आम आदमी की पहुंच से बाहर हो गया है.

पाकिस्तान में शहरों के हालात ऐसे हैं कि दूध का दाम 120 से 180 पाकिस्तानी रुपए लीटर तक हो गया है. जहां आधिकारिक तौर पर दूध के दामों में 23 पाकिस्तानी रुपए प्रति लीटर की वृद्धी की गई है वहीं खुदरा बाजार में ये दाम 180 रुपए हो गया है. पाकिस्तानी मीडिया के अनुसार ये दाम कराची डेयरी फार्मर्स अयोसिएशन ने बढ़ाए हैं.

दूध का दाम बढ़ने का कारण?

इसका दोष भी महंगाई के ऊपर ही है. दरअसल, डेयरी धारकों ने सरकार से पहले ही दाम बढ़ाने को कहा था, लेकिन ऐसा हुआ नहीं. पर चारा, पशु आहार से लेकर मशीनों और पेट्रोल तक सब कुछ महंगा होने के कारण इस तरह की बढ़त की गई है. प्रशासन ने दूध के दाम 94 रुपए तय किए हैं, लेकिन महंगाई के कारण ये फैसला खुद व्यापारियों ने ही लिया है. जरा सोचिए क्या आलम होगा वहां कि महंगाई का कि सरकार का फैसला भी नहीं मान रहे लोग.

आलम ये है कि लोग इमरान खान सरकार को ही गलत कहने लगे हैं और उनके हिसाब से महंगाई की असल जड़ इमरान खान ही हैं. बाजार में हालत और बुरे हैं जहां दुकानदारों को ग्राहक भी नहीं मिल रहे क्योंकि यकीनन लगभग हर चीज़ महंगी हो गई है.

गौरतलब है कि मार्च में पाकिस्तान में महंगाई दर 9.41% पहुंच गई, जो नवंबर 2013 के बाद से सबसे अधिक है. महंगाई को काबू में करने के लिए पाकिस्तान के केंद्रीय बैंक ने ब्याज दर को 10.75% कर दिया है, जिससे आर्थिक गतिविधियों पर असर पड़ा है. कुछ कंपनियों ने पाकिस्तान से अपना कारोबार समेटने का भी फैसला किया है. बैंक ने इंट्रेस्ट रेट जनवरी 2018 से लेकर अब तक में 4.50 प्रतिशत बढ़ा दिया है जो अपने आप में चिंता का विषय है.

पाकिस्तानी सरकार का कहना था कि महंगाई की दर 6% के आस-पास रहेगी, लेकिन इस साल फरवरी में ही पाकिस्तानी महंगाई सरकार के आंकड़े को पार कर गई.

कितनी बढ़ गई पाकिस्तान में महंगाई-

Dawn की रिपोर्ट के मुताबिक अधितकर खाद्य पदार्थों में ही हुई है. इसमें प्याज की कीमत 39.28 प्रतिशत बढ़ गई है. ताज़ा सब्जियां 24.43 प्रतिशत महंगी हो गई हैं, टमाटर 18.83 प्रतिशत, चिकन 15.88 प्रतिशत, मूंग 12.68 प्रतिशत, फल 12.52 प्रतिशत, गुड़ 2.88 प्रतिशत, शक्कर 2.74 प्रतिशत, बीन्स 1.23 प्रतिशत, मछली 1.18 प्रतिशत, मसाले 0.91 प्रतिशत, चावल 0.41 प्रतिशत, मसूल 0.31 प्रतिशत महंगे हो गए हैं.

पाकिस्तानी रुपया जो सिर्फ गिरा है-

पाकिस्तानी रुपया पिछले एक साल में सिर्फ गिरा है. अगर डॉलर के मुकाबले उसकी कीमत देखी जाए तो डॉलर लगातार महंगा ही हुआ है.

पाकिस्तानी मंहगाई का हाल वैसा ही है जैसा पाकिस्तानी रुपए का. महंगाई बढ़ी है और डॉलर पाकिस्तानी रुपए के मुकाबले महंगा ही हुआ है.पाकिस्तानी मंहगाई का हाल वैसा ही है जैसा पाकिस्तानी रुपए का. महंगाई बढ़ी है और डॉलर पाकिस्तानी रुपए के मुकाबले महंगा ही हुआ है.

यही हालत पेट्रोल की भी है जिसमें 1 महीने में 6 पाकिस्तानी रुपए की बढ़त आई है.

IMF का बेल आउट पैकेज जिसकी बात हो रही है वो भी ऐसे हालात में पाकिस्तान की ज्यादा मदद नहीं कर पाएगा. हाल ही में पाकिस्तान के जल संसाधन मंत्री फैसल वावड़ा पाकिस्तानी चैनल जियो न्यूज में कहा कि आने वाले 7-10 दिनों या फिर चंद हफ्तों में पाकिस्तान में नौकरियों की बाढ़ आने वाली है. इतनी अधिक नौकरियां आ जाएंगी कि ठेले वाला, पान वाला, पेपर वाला भी कहेगा- 'टैक्स ले लो'. यहां ये जानना जरूरी है कि पाकिस्तान की हालत इन दिनों फटेहाल है. लोगों से तो यहां तक गुहार की गई है कि कुछ दिन लोग दो रोटी की जगह एक रोटी खाएं, तो हो सकता है जल्द ही वह ढाई रोटी खाने की स्थिति में पहुंच जाएंगे.

आलम ये है कि महंगाई की वजह से पाकिस्तान में 10 लाख नौकरियां जा सकती हैं. इमरान खान के कैबिनेट के कई मंत्रियों ने भी इस बात पर चिंता जताई है. अगर पाकिस्तान के हालात जल्दी नहीं सुधरे तो हो सकता है कि उस देश में हालात बेहद खराब हो सकते हैं. पीएम खान चीन का उदाहरण देते हुए कहते हैं कि किसी भी देश ने 700 मिलियन लोगों को 30 सालों में गरीबी रेखा के बाहर नहीं किया और ऐसा हो सकता है इसलिए पाकिस्तान भी करेगा, लेकिन वो ये भूल रहे हैं कि चीन के आर्थिक हालात उस समय ऐसे नहीं थे.

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लेखक

श्रुति दीक्षित श्रुति दीक्षित @shruti.dixit.31

लेखक इंडिया टुडे डिजिटल में पत्रकार हैं.

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