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Updated: 03 दिसम्बर, 2021 06:27 PM
देवेश त्रिपाठी
देवेश त्रिपाठी
  @devesh.r.tripathi
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पाकिस्‍तान के प्रधानमंत्री इमरान खान (Imran Khan) के लिए अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर यह सबसे बड़ी बेइज्जती होगी. सर्बिया में पाकिस्तानी दूतावास के आधिकारिक ट्विटर हैंडल से एक ऐसा ट्वीट हुआ है, जिसने पाकिस्तान की सरकार (Imran Khan trolled) को कहीं का नहीं छोड़ा. पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान कई सार्वजनिक मंच से इस बात को स्वीकार कर चुके हैं कि पाकिस्तान भयानक आर्थिक संकट से घिरा हुआ है. पाकिस्तान सरकार पर लगातार विदेशी कर्ज बढ़ रहा है और उसके पास लोगों के लिए कल्याणकारी योजनाएं चलाने के लिए भी पैसा नहीं बचा है. स्थिति ये हो गई है कि इमरान खान की सरकार के पास अपने कर्मचारियों को वेतन यानी सैलरी देने के लिए भी पैसे नहीं बचे हैं.

 Imran Khan trolled on social mediaसर्बिया में पाकिस्तानी दूतावास ने इमरान खान को ट्विटर पर टैग करके तीन महीने से सैलरी न मिलने की शिकायत की है.

दरअसल, यूरोपीय देश सर्बिया में पाकिस्तानी दूतावास (Pakistan Embassy in Serbia) ने इमरान खान को ट्विटर पर टैग करके तीन महीने से सैलरी न मिलने की शिकायत की है. इस ट्वीट में इमरान खान को खूब-खरी खोटी सुनाई गई है. ट्वीट कुछ यूं है- 'जब महंगाई का स्तर अपने सारे रिकॉर्ड तोड़ रहा है, तो तुम इमरान खान हम जैसे सरकारी मुलाजिमों को तीन महीने से वेतन न देकर ये कब तक उम्मीद करते रहोगे कि हम चुप रहेंगे. हमारे बच्चों को फीस न दे पाने के कारण स्कूल से निकाला जा रहा है. क्या यही नया पाकिस्तान है?' ट्वीट करने अधिकारी ने यह भी लिखा कि 'मैं माफी चाहता हूं इमरान खान, लेकिन मेरे पास और कोई विकल्प नहीं बचा था.'

भारतीय समयानुसार सुबह 11.28 बजे जो ट्वीट किया गया था, वो दो घंटे बाद डिलीट कर दिया गया है. लेकिन, इतनी देर में इस ट्वीट से पर्याप्त तूफान खड़ा हो गया. कुछ देर बाद सर्बिया के पाकिस्तानी दूतावास (Pakistan Embassy in Serbia trolls Imran Khan on Twitter) के इस ट्विटर हैंडल से सफाई भी दी गई कि एंबेसी के सभी सोशल मीडिया अकाउंट हैक हो गए थे. इस दौरान पोस्ट हुए मैसेज पाकिस्तानी दूतावास की ओर से नहीं थे. लेकिन, इस ट्वीट से जो नुकसान पाकिस्तान और इमरान खान की छवि को पहुंचना था, वो सोशल मीडिया पर ट्रोल करके (Imran Khan trolled on social media) किया जा चुका था. 

पाकिस्तान में चल रहे आर्थिक संकट को देखने के बाद इमरान खान की किरकिरी होने के लिए यह ट्वीट काफी था. दरअसल, हाल ही में सऊदी अरब से 4.2 अरब डॉलर के कर्ज की शर्तों के सामने आने के बाद भी इमरान खान की खूब आलोचना हुई थी. क्योंकि, सऊदी अरब ने इस कर्ज को केवल तीन दिन के नोटिस पर वापस लौटाने की शर्त रखी थी, जिसे इमरान खान ने मान लिया था. अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष यानी आईएमएफ ने भी पाकिस्तान को कड़ी और अपमानजनक शर्तों पर कर्ज दिया है. जिसके बाद पाकिस्तान में लोगों ने कहा था कि कर्ज लेने के लिए इमरान खान 'टर्म्स एंड कंडीशंस' भी नहीं पढ़ रहे हैं. खबर है कि पाकिस्तान पर 50 खरब पाकिस्तानी रुपयों से ज्यादा का कर्ज है. वैसे, इमरान खान के लिए मुश्किलें केवल कर्ज पर ही आकर खत्म नहीं हो जाती हैं.

Pakistan Prime Minister Imran Khan पाकिस्तान पर 50 खरब पाकिस्तानी रुपयों से ज्यादा का कर्ज है.

इमरान खान बनाम विदेश मंत्री और मंत्रालय

पाकिस्तान में प्रधानमंत्री इमरान खान बनाम विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी का मामला भी जोरों पर है. दरअसल, इमरान खान लंबे समय से विदेश मंत्रालय पर आरोप लगाते रहे हैं कि दुनियाभर के देशों में स्थित पाकिस्तानी दूतावास (Pakistan Embassy) उनकी सरकार की छवि निर्माण में सहयोग नहीं कर रहे हैं. जिसकी वजह से उन्हें अन्य देशों के साथ पाकिस्तान के रिश्तों को सुधारने में कामयाबी नहीं मिल पा रही है. यहां संबंधों को सुधारने का सीधा कनेक्शन उन देशों से कर्ज मिलने में आसानी से ही है. लेकिन, तमाम कोशिशों के बाद भी पाकिस्तान को अन्य देशों और अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष जैसी संस्थाओं की कड़ी शर्तों पर कर्ज लेने के लिए तैयार होना पड़ रहा है. पाकिस्तान के आर्थिक संकट को दर्शाता सर्बिया के पाकिस्तानी दूतावास का ये हालिया ट्वीट इसकी एक बानगी भर है. हाल ही में इमरान खान ने अपनी सरकार के मंत्रियों और कर्मचारियों की विदेश यात्राओं पर भी बैन लगा दिया है. वहीं, विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी कहीं न कहीं पाकिस्तान के अगले प्रधानमंत्री के तौर पर खुद को देख रहे हैं. कहा जा रहा है कि पाकिस्तानी सेना भी कुरैशी को समर्थन दे रही है.

इमरान खान बनाम पाक सेना

पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई के प्रमुख के पद को लेकर कुछ समय पहले इमरान खान और पाकिस्तानी सेना के बीच तनातनी हो गई थी. दरअसल, पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई के डीजी की नियुक्ति पाकिस्तानी सेना की ओर से ही की जाती है. पाकिस्तानी सेना प्रमुख कमर जावेद बाजवा की ओर से लेफ्टिनेंट जनरल नदीम अंजुम को आईएसआई का प्रमुख बनाए जाने की घोषणा कर दी गई थी. लेकिन, लंबे समय तक उनकी नियुक्ति पर प्रधानमंत्री इमरान खान की ओर से मुहर नहीं लगी. दरअसल, इमरान खान आईएसआई चीफ के पद पर अपने किसी खास को लाना चाहते थे. जिसकी इजाजत उन्हें पाकिस्तानी सेना से नहीं मिली. यही वजह रही की नदीम अंजुम के नाम पर पाकिस्तानी सेना और इमरान खान आमने-सामने आ गए. हालात ऐसे हो गए थे कि खबरें आने लगीं कि जल्द ही पाकिस्तानी सेना की ओर से इमरान खान को प्रधानमंत्री पद से हटाया जा सकता है.

लेखक

देवेश त्रिपाठी देवेश त्रिपाठी @devesh.r.tripathi

लेखक इंडिया टुडे डिजिटल में पत्रकार हैं. राजनीतिक और समसामयिक मुद्दों पर लिखने का शौक है.

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