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Updated: 28 अक्टूबर, 2022 07:42 PM
देवेश त्रिपाठी
देवेश त्रिपाठी
  @devesh.r.tripathi
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दुनियाभर के कई गैर-सरकारी संगठन कई तरह के सर्वे करते रहते हैं. हाल ही में गैलप लॉ एंड ऑर्डर इंडेक्स (Gallup Law & Order Index) ने अपने एक सर्वे में सुरक्षा के मामले में भारत को पाकिस्तान से भी पीछे रखा है. आसान शब्दों में कहें, तो इस सर्वे के हिसाब से भारत से ज्यादा सुरक्षित जगह पाकिस्तान है. गैलप लॉ एंड ऑर्डर इंडेक्स ने सर्वे में पाकिस्तान को 42वां और भारत को 60वां स्थान दिया है. ये चौंकाने वाली ही बात कही जाएगी कि जो देश आतंकवादियों की पनाहगाह के रूप में मशहूर है. और, जहां आए दिन अल्पसंख्यक हिंदू-सिख-ईसाई धर्म की बच्चियों का खुलेआम अपहरण हो जाता है. जहां हर महीने आतंकी बम धमाके समेत हिंसा की खबरें आती ही रहती हों. इन तमाम बातों के बावजूद पाकिस्तान को किस हिसाब से सुरक्षित घोषित कर दिया जा रहा है. ये तो गैलप लॉ एंड ऑर्डर इंडेक्स वाले ही बता सकते हैं. लेकिन, अहम सवाल ये है कि आखिर ये सर्वे हो किस पर रहे हैं?

Now Pakistan turns out to be safer than India in gallup law and order index who are taking part in these surveysगैलप के इस सर्वे में 122 से अधिक देशों के 1,27,000 लोगों का इंटरव्यू किया गया था.

भारत में केवल हजार लोगों से की बात और तय कर दी रैंकिंग

मीडिया रिपोर्ट्स की मानें, तो गैलप के इस सर्वे में 122 से अधिक देशों के 1,27,000 लोगों का इंटरव्यू किया गया था. आसान शब्दों में कहें, तो करीब हर देश में लगभग 1000 लोगों से बातचीत के माध्यम से ये नतीजा निकाल लिया गया. 130 करोड़ से ज्यादा की जनसंख्या वाले भारत में सर्वे का सैंपल साइज 1000 सही हो सकता है क्या? सर्वे में शामिल लोगों को किस आधार पर और किसने चुना, इसकी जानकारी सामने आनी चाहिए थी. लेकिन, ऐसा नहीं किया गया. सर्वे की सत्यता को लेकर कम से कम इतनी पारदर्शिता की उम्मीद तो की ही जा सकती है.

वैसे, हाल में ग्लोबल हैप्पीनेस इंडेक्स में भी भारत को श्रीलंका से पीछे रखा गया था. हां, वही देश जहां लोगों ने अपने ही राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री के घरों में आग लगा दी थी. नेताओं को सड़कों पर दौड़ा कर पीटा था. जिस देश की अर्थव्यवस्था चौपट हो चुकी है. खाने-पीने की चीजों के दाम आसमान से भी ज्यादा कीमत पर पहुंच चुके हैं. और, देश बर्बाद हो चुका है. लेकिन, ग्लोबल हैप्पीनेस इंडेक्स में श्रीलंका भारत से आगे था. इसी तरह विश्व स्वास्थ्य संगठन यानी WHO ने भी भारत में कोरोना से हुई मौतों को लेकर एक रिपोर्ट जारी की थी. जिसके अनुसार, भारत में कोरोना से हुई मौतों की संख्या 47,29,548 थी. जबकि, भारत सरकार के अनुसार उस अवधि में 4.8 लाख मौतें ही हुईं.

इस तरह के गैर-सरकारी संगठनों के सर्वे की प्रमाणिकता पर हमेशा से ही सवाल खड़े किए जाते रहे हैं. और, भारत इन्हें भ्रामक और देश की छवि खराब करने की कोशिश के तौर पर पेश करता रहा है. वैसे, इसे एक सुझाव के तौर पर ही देखा जाना चाहिए कि भारत सरकार को इन सर्वे में शामिल होने वाले लोगों की लिस्ट जरूर चेक करनी चाहिए. आखिर ये सर्वे हो किस पर रहे हैं, जिन्हें देश में असुरक्षित महसूस हो रहा है. जो देश में बिल्कुल भी खुश महसूस नहीं कर रहे हैं. और, किनके हिसाब से हर सरकारी आंकड़ा झूठा ही होता है?

लेखक

देवेश त्रिपाठी देवेश त्रिपाठी @devesh.r.tripathi

लेखक इंडिया टुडे डिजिटल में पत्रकार हैं. राजनीतिक और समसामयिक मुद्दों पर लिखने का शौक है.

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