New

होम -> सियासत

 |  4-मिनट में पढ़ें  |  
Updated: 16 जनवरी, 2019 12:25 PM
अनुज मौर्या
अनुज मौर्या
  @anujkumarmaurya87
  • Total Shares

2014 लोकसभा चुनावों के दौरान पीएम मोदी की रैलियों में बहुत से लोग नरेंद्र मोदी का मुखौटा लगाए हुए नजर आते थे. क्या बच्चा, क्या बड़ा और क्या बूढ़ा, ऐसी मोदी लहर चली थी कि हर कोई नरेंद्र मोदी का मुखौटा लगाए दिखता था. अब 2019 का लोकसभा चुनाव आ गया है और पीएम मोदी के लिए ये किसी परीक्षा की घड़ी से कम नहीं है. पूरा विपक्ष एकजुट होकर महागठबंधन बना रहा है, ताकि मोदी सरकार को सत्ता से हटाया जा सके. 2014 में तो लड़ाई सिर्फ भाजपा बनाम कांग्रेस थी, लेकिन अब भाजपा बनाम 'सारे' हो गई है. मोदी समझ चुके हैं कि इस बार सिर्फ मुखौटे भर से काम नहीं चलेगा, इसलिए ये लड़ाई जीतने के लिए उन्होंने पूरा बाजार ही मैदान में उतार दिया है.

यहां बात हो रही है पीएम मोदी के मर्केंडाइज यानी प्रोडक्ट्स की. इन प्रोडक्ट्स को नमो ऐप के जरिए बेचा जा रहा है. प्रोडक्ट्स की कीमतें देखकर साफ कहा जा सकता है कि ये बाजार मुनाफा कमाने के लिए नहीं, बल्कि प्रचार के जरिए फायदा कमाने के लिए शुरू किया गया है. 2014 में जो मुखौटा प्लास्टिक का था, अब वह हाई क्वालिटी के लैटेक्स रबर में तब्दील हो गया है. मुखौटे के साथ हैं टीशर्ट, कप, की रिंग और न जाने क्या-क्या. इस बार मोदी सरकार को टक्कर देने के लिए पूरे देश की विपक्षी पार्टियां एकजुट हैं और उन्हें हराने के लिए एक बार फिर मोदी लहर की जरूरत है. ये देखना दिलचस्प होगा कि ये सारे प्रोडक्ट मिलकर इस बार कोई मोदी लहर पैदा कर पाते हैं या नहीं !

लोकसभा चुनाव 2019, नमो ऐप, नरेंद्र मोदी, मोदी सरकारइतने प्रोडक्ट इसलिए उतारे हैं क्योंकि विपक्षी पार्टियां एकजुट हैं और उन्हें हराने के लिए एक बार फिर मोदी लहर की जरूरत है.

क्या-क्या बिक रहा है नमो ऐप पर?

पिछले ही साल 17 सितंबर को पीएम मोदी के 68वें जन्मदिन पर इसकी शुरुआत की गई थी. नमो ऐप पर Merchandise नाम से एक सेक्शन ही शुरू कर दिया गया है, जिस पर तमाम तरह के प्रोडक्ट बिक रहे हैं. इसमें मुखौटे, टीशर्ट, पेन, कॉफी मग, की-रिंग, मैग्नेट, स्टिकर्स, नोटबुक, टोपी, किताब, दीवार घड़ी और दरवाजों पर लटकाने वाली झालर तक हैं. कीमत भी सबके बजट में. 50 रुपए से लेकर 800 रुपए तक में यहां सब कुछ मिल रहा है. अब मोदी फैन्स के लिए इससे अच्छा क्या होगा. इसे खरीदने के तीन ठिकाने हैं. पहला तो नमो ऐप, दूसरा अमेजन या पेटीएम जैसी ईकॉमर्स कंपनियां और तीसरा भाजपा के क्षेत्रीय कार्यालय.

फैन्स में इनका कितना क्रेज है, इसका पता तो इसी बात से चलता है कि पिछले 3 महीने के अंदर ही नमो ऐप के जरिए करीब 5 करोड़ रुपए के प्रोडक्ट बेचे जा चुके हैं. सबसे अधिक लोग टी-शर्ट और हूडी खरीद रहे हैं, जिसकी संख्या कुल बिक्री की करीब आधी है. अब तक कुल 15.75 लाख प्रोडक्ट बिके हैं और उम्मीद की जा रही है कि 2019 के चुनावों में इसकी सेल में तगड़ी उछाल देखने को मिलेगी और ऐसा होगा भी. ऐसा नहीं है कि ये प्रोडक्ट सिर्फ नमो ऐप पर बिक रहे हैं, बल्कि अमेजन जैसी ई-कॉमर्स कंपनियां भी इन प्रोडक्ट्स को बेच रही हैं. हां, कीमतों में थोड़ा बहुत फर्क जरूर देखने को मिलेगा.

2019 के लोकसभा चुनावों में पीएम मोदी की रैलियों में सिर्फ मुखौटे लगाए लोग नहीं दिखेंगे, बल्कि मोदी वाली टीशर्ट और हूडी पहनकर 'एक बार फिर मोदी सरकार' के नारे लगाते दिखाई देंगे. विपक्षी पार्टियों के पास इसके जवाब में शायद ही इतनी वैरायटी हो, जितनी नमो ऐप पर है. पिछले कुछ समय में हुए विधानसभा चुनावों में तो मोदी सरकार को मुंह की खानी पड़ी है या फिर जैसे-तैसे नाक बची है. अब ये देखना दिलचस्प होगा कि ये सारे प्रोडक्ट मिलकर पीएम मोदी का इतना प्रचार कर पाते हैं या नहीं कि एक मोदी लहर पैदा हो जाए, जो सारी विपक्षी पार्टियों के गठबंधन को डुबा सके.

ये भी पढ़ें-

2019 लोकसभा चुनाव से पहले भारत को मिल गया एक और गौ-प्रेमी

'चुनावी' शादी के न्यौते पर राफेल डील का जवाब!

सपा-बसपा के बाद बारी है अजीत सिंह के गठबंधन की

#लोकसभा चुनाव 2019, #नमो ऐप, #नरेंद्र मोदी, Lok Sabha Election 2019, Narendra Modi, Modi Merchandise

लेखक

iChowk का खास कंटेंट पाने के लिए फेसबुक पर लाइक करें.

आपकी राय