New

होम -> सियासत

 |  4-मिनट में पढ़ें  |  
Updated: 07 नवम्बर, 2019 11:54 AM
बिलाल एम जाफ़री
बिलाल एम जाफ़री
  @bilal.jafri.7
  • Total Shares

करतारपुर कॉरिडोर के उद्घाटन से पहले पाकिस्तान की तरफ से जारी किये गए एक प्रमोशनल विडियो ने सियासी गलियारों में हड़कंप मचा दिया है. पाकिस्तान की सरकार ने करतारपुर साहिब के लिए एक आधिकारिक गाना लॉन्च किया है, तीन हिस्सों में पोस्ट किए गए इस गाने में जरनैल सिंह भिंडरावाले समेत अन्य खालिस्तानी आतंकियों की तस्वीर को भी दिखाया गया है. चार मिनट के इस विडियो में जहां एक तरफ करतारपुर साहिब गुरुद्वारे को लेकर चल रही तैयारियों और भारत से पहुंच रहे सिख श्रद्धालुओं के अनुभव को दिखाया गया है. तो वहीं साथ इस विडियो में एक हिस्सा वो भी है जिसमें जरनैल सिंह भिंडरावाले, अमरीक सिंह खालसा और मेजर जनरल (निष्कासित) शाहबेग सिंह की तस्वीर लगे पोस्टर को दिखाया गया है. ध्यान रहे कि इन तीनों  खालिस्तान समर्थकों को 1984 में हुए ऑपरेशन ब्लूस्टार के दौरान सेना ने मार गिराया गया था.

शाहबेग सिंह, खालिस्तान, आतंकवाद, ऑपरेशन ब्लूस्टार   पाकिस्तान की तरफ से जारी किये गए विडियो में खालिस्तानी आतंकी मेजर जनरल शाहबेग सिंह

आपको बताते चलें कि जरनैल सिंह भिंडरावाले खालिस्तान समर्थक नेता था, जिसने सरकार के खिलाफ बगावत की और मोर्चा खोल दिया था. वहीं उसका साथी अमरीक सिंह खालसा ऑल इंडिया सिख स्टूडेंट फेडरेशन नाम की संस्था चलाता था. इन दो के अलावा वो खालिस्तानी आतंकी जिसका किस्सा अपने आप में दिलचस्प है वो मेजर जनरल शाहबेग सिंह थे जिन्होंने ऑपरेशन ब्लूस्टार के दौरान  भिंडरावाले का साथ देते हुए खालिस्तानी आतंकियों को सेना की ट्रेनिंग दी थी.

शाहबेग सिंह के बारे में मजेदार बात ये भी है कि जिस शाहबेग पर भारत के खिलाफ जाने के लिए आज पाकिस्तान कसीदे पढ़ रहा है उसी शाहबेग ने एक ज़माने में पाकिस्तान को खून के आंसू रुलाया था. तो आइये जानें उस कहानी को जो हमें ये बताएगी कि कैसे एक हीरो विलेन बना और फिर उसने ऐसा बहुत कुछ कर दिया जो साफ़ तौर पर देश की अखंडता के खिलाफ था.

शाहबेग सिंह, खालिस्तान, आतंकवाद, ऑपरेशन ब्लूस्टार   किसी प्रोग्राम में बोलते हुए भारतीय सेना से हटाए गए मेजर जनरल शाहबेग सिंह

कौन था मेजर जनरल शाहबेग सिंह

अति विशिष्ट सेवा मेडल और परम विशिष्ट सेवा मेडल से सम्मानित शाहबेग सिंह भारतीय सेना में मेजर जनरल थे. जिनकी गतिविधियां सेना के नियमों के अनुरूप नहीं थीं, जिस कारण भारतीय सेना ने उन्हें निकाल दिया था. सेना से निकाले जाने से आहत शाहबेग सिंह ने खालिस्तानी आन्दोलन चलाने वाले और दमदमी टकसाल के नेता जरनैल सिंह भिंडरावाले का दामन थाम लिया. शाहबेग सिंह, भिंडरावाले के मिलिट्री सलाहकार बने और उन्होंने ही खालिस्तानी आतंकियों को ओपरेशन ब्लूस्टार के दौरान अमृतसर स्थित स्वर्ण मंदिर परिसर में किलेबंदी करना सिखाया.

खालिस्तानी आतंकियों को दी थी पैर पर गोली मारने की ट्रेनिंग

शाहबेग सिंह सेना के अहम पद पर रह चुके थे इसलिए उन्हें सेना की कार्यप्रणाली का भली प्रकार अंदाजा था. जिस वक़्त से सेना से निकाले गए और जब ये भिंडरावाले के साथ जुड़े इन्होंने ट्रेनिंग के नाम पर खालिस्तानी आतंकियों को जजों सबसे पहली ट्रेनिंग दी वो ये कि जब भी उनका अपने दुश्मनों से सामना हो वो सबसे ज्यादा गोलियां उनके पैर पर मारे. शाहबेग की इस ट्रेनिंग का फायदा खालिस्तानी आतंकियों को मिला भी.

यदि हम पूरे ऑपरेशन ब्लू स्टार का अवलोकन करें तो मिलता है आतंकियों ने सेना के जवानों के पैरों को निशाना बनाया जिससे न सिर्फ सेना को भारी क्षति हुई बल्कि कई मौके ऐसे भी आए जब सेना के अधिकारियों का मनोबल टूटा. ऑपरेशन ब्लू स्टार भले ही कामयाब रहा हो मगर उस ऑपरेशन से जुड़े ज्यादातर जवान ऐसे थे जो कभी दोबारा अपने पैरों पर खड़े न हो पाए.

जब 71 में पाकिस्तान को खून के आंसू रुलाया था शाहबेग ने

1984 में जो कुछ भी हुआ और उस आंदोलन में जो भूमिका शाहबेग सिंह की रही. उसे सोचकर भले ही आज पाकिस्तान मन ही मन खुश होता हो. मगर यही वो शाहबेग थे जिन्होंने 71 में पाकिस्तान को कड़ी मशक्कत में डाला था और उसे खून के आंसू रुलाया था. बताया जाता है अपनी सैन्य सेवा के दौरान वह बांग्लादेश मुक्ति युद्ध के दौरान मुक्ति वाहिनी के स्वयंसेवकों के प्रशिक्षण में भी शामिल थे. शाहबेग ने ही बांग्लादेश के लड़ाकों को पाकिस्तान के खिलाफ लड़ने के लिए तैयार किया था.

बहरहाल, बात उद्घाटन से पहले पाकिस्तान द्वारा जारी किये गए इस विडियो से शुरू हुई है तो हमारे लिए भी ये देखना दिलचस्प रहेगा कि इस विडियो के सामने आने के बाद पाकिस्तान क्या तर्क देता है और किस तरह से बचाव में अपना पक्ष रखता है.

ये भी पढ़ें -

करतारपुर कॉरिडोर पर पाकिस्तान के गंदे खेल का मनमोहन सिंह ने ही अंत कर दिया

करतारपुर:पाकिस्‍तान ने भारत के सामने अपने 'नापाक' इरादे जता दिए!

करतारपुर कॉरिडोर नहीं, सद्भावना का सेतु है

 

लेखक

बिलाल एम जाफ़री बिलाल एम जाफ़री @bilal.jafri.7

लेखक इंडिया टुडे डिजिटल में पत्रकार हैं.

iChowk का खास कंटेंट पाने के लिए फेसबुक पर लाइक करें.

आपकी राय