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Updated: 23 नवम्बर, 2021 06:03 PM
बिलाल एम जाफ़री
बिलाल एम जाफ़री
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26 फरवरी 2019. तारीख जो किसी भी आम भारतीय के लिए गर्व का पर्याय है. हो भी क्यों न हुआ भी तो कुछ ऐसा ही था. भारत की तरफ से विंग कमांडर अभिनंदन वर्धमान ने दुश्मन में घुसकर न केवल उसे चुनौती दी थी बल्कि उसे उसकी ही भाषा में जवाब दिया था. अभिनंदन ने 2019 में पाकिस्तान के बालाकोट में एयर स्ट्राइक की थी और दुश्मन के एफ-16 लड़ाकू विमान को मार गिराया था. इस दौरान उनके मिग-21 बाइसन को एक मिसाइल लग गई, जिसके चलते पाकिस्तान ने उन्हें पकड़ा और तीन दिन तक बंधक बनकर रखा था. 1 मार्च 2019 को अभिनंदन की वापसी हुई थी और क्या मेन स्ट्रीम मीडिया क्या सोशल मीडिया हर जगह से बस यही मांग उठी थी कि अभिनंदन उन चुनिंदा लोगों में हैं जो वीरता पुरस्कारों के असली हकदार हैं.

Wing Commander Abhinandan, Vir Chakra, Balakot, Indian Army, Pakistanसरकार अभिनंदन की बहादुरी को उचित सम्मान देगी ये बात जनता को बालाकोट एयर स्ट्राइक ने बता दी थी

2019 में जनता द्वारा की गई इस तमन्ना को सरकार ने 2021 में पूरा किया है. बालाकोट एयर स्ट्राइक के हीरो और पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान के F-16 फाइटर जेट को धूल में मिलाने वाले ग्रुप कैप्टन अभिनंदन वर्तमान को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने वीर चक्र प्रदान किया है.

बताया जा रहा है कि राष्ट्रपति के हाथों पुरस्कार लेने के लिए जिस वक्त अभिनंदन आगे बढ़ रहे थे पूरा राष्ट्रपति भवन तालियों की गड़गड़ाहट से गूंज उठा.

ध्यान रहे कि 14 फरवरी 2019 को जम्मू कश्मीर के पुलवामा में हुए हमले और उस हमले में हुई 45 सीआरपीएफ जवानों की मौत ने सारे देश की आंखें नम कर दी थीं. हमले की जिम्मेदारी आतंकी मसूद अजहर के संगठन ने ली थी. सीआरपीएफ जवानों की असमय मौत के बाद मांग यही उठी की भारत और भारतीय प्रधानमंत्री पाकिस्तान को उसी की भाषा में जवाब दें.

सरकार ने भी पाकिस्तान की इस नापाक हरकत को खासी गंभीरता से लिया और 26 फरवरी को पाकिस्तान के बालाकोट में एयर स्ट्राइक की थी. भारत की इस जवाबी कार्रवाई से पाकिस्तान बौखला गया था और पुनः 27 27 फरवरी को कुछ एफ-16 विमानों को कश्मीर में भारत के सैन्य ठिकानों पर हमले के लिए भेजा था. तब भारतीय वायुसेना ने भी मुस्तैदी का परिचय दिया था और पाकिस्तान के मंसूबों को ध्वस्त कर उसे मुंह की खाने पर मजबूर किया था.

जिक्र अभिनंदन का हुआ है तो बताना जरूरी है कि अभिनंदन की गिरफ्तारी कोई छोटी मोटी घटना नहीं थी. भारत और भारतीय प्रधानमंत्री ने सूझ बूझ का परिचय दिया और 1 मार्च 2019 को अभिनंदन को पाकिस्तान के चंगुल से आजाद कराया जिसे भारत की बड़ी कूटनीतिक जीत करार दिया गया.

गौरतलब है कि जिस समय अभिनंदन ने वाघा बॉर्डर पर अपनी उपस्थिति दर्ज कराई पूरे देश का उत्साह देखने लायक था. भले ही राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने अभिनंदन को आज सम्मानित किया हो लेकिन तब उस क्षण ही इस बात का फैसला हो चुका था कि अभिनंदन और उनकी बहादुरी को उचित सम्मान दिया जाएगा.

चूंकि अब अभिनंदन को वीर चक्र मिल गया है, जैस प्रतिक्रियाएं फेसबुक से लेकर ट्विटर तक आ रही है पूरे देश में खुशी की लहर तो है ही साथ ही ये भी कहा जा रहा है कि पाकिस्तान भारत की खामोशी को उसकी कमजोरी न समझे.

बहरहाल हम भी बस ये कहकर अपनी बातों को विराम देंगे कि अभिनंदन की जांबाजी पाकिस्तान के लिए एक बड़ा सबक है. अपनी बहादुरी से अभिनंदन ने पाकिस्तान को स्पष्ट संदेश दिया है कि अब वो वक़्त आ गया है जब उसे सुधर जाना चाहिए और भारत की तरफ नजरें उठाने से पहले कम से कम दो बार सोचना चाहिए.

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लेखक

बिलाल एम जाफ़री बिलाल एम जाफ़री @bilal.jafri.7

लेखक इंडिया टुडे डिजिटल में पत्रकार हैं.

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