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Updated: 07 सितम्बर, 2022 10:08 PM
देवेश त्रिपाठी
देवेश त्रिपाठी
  @devesh.r.tripathi
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2024 के लोकसभा चुनाव के लिए भाजपा में बैठकों का दौर शुरू हो चुका है. और, रणनीतिक तैयारियों को जमीन पर भी उतारा जाने लगा है. हाल ही में भाजपा ने देश के सबसे बड़े सूबे उत्तर प्रदेश में प्रदेश अध्यक्ष के पद पर वेस्टर्न यूपी से आने वाले भूपेंद्र सिंह चौधरी और प्रदेश महामंत्री संगठन पर धर्मपाल सिंह की नियुक्ति की है. माना जा रहा है कि लोकसभा चुनाव 2024 से पहले ये नेता पश्चिमी उत्तर प्रदेश में भाजपा के खिलाफ नाराजगी को खत्म करने में कामयाब रहेंगे. इन सबके बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा के खिलाफ विपक्ष ने भी अपनी कोशिशों को एक बार फिर से तेज कर दिया है.

विपक्ष की ओर से प्रधानमंत्री पद के कई उम्मीदवार हर संभव कोशिश कर रहे हैं कि ज्यादा से ज्यादा सियासी दलों को अपने खेमे में लाया जा सके. जिससे उनकी पीएम पद की दावेदारी मजबूत हो. इसी कड़ी में पीएम नरेंद्र मोदी और भाजपा के खिलाफ भी खुलकर सियासी हमले बोले जा रहे हैं. वहीं, पीएम पद के दावेदारों के बीच एक-दूसरे को ही पीछे छोड़ने की होड़ सी नजर आ रही है. आसान शब्दों में कहें, तो मिशन 2024 के लिए सबने अपने-अपने 'लॉन्च पैड' बना लिए. लेकिन, अहम सवाल यही है कि उड़ान कौन भरेगा?

Lok Sabha Election 2024लोकसभा चुनाव 2024 में पीएम पद की रेस अब रफ्तार पकड़ती नजर आ रही है.

राहुल गांधी का लॉन्च पैड है 'भारत जोड़ो यात्रा'

कांग्रेस की 'भारत जोड़ो यात्रा' कन्याकुमारी से शुरू होकर कश्मीर तक होने वाली है. कांग्रेस की ये 'भारत जोड़ो यात्रा' देश के 12 राज्यों और 2 केंद्र शासित प्रदेशों से होकर गुजरेगी. कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने तमिलनाडु से इस यात्रा को हरी झंडी दिखाई है. इस 'भारत जोड़ो यात्रा' के तहत 150 दिन में 3570 किलोमीटर का सफर तय किया जाएगा. और, माना जा रहा है कि ये 'भारत जोड़ो यात्रा' कांग्रेस सांसद राहुल गांधी को लोकसभा चुनाव 2024 से पहले प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार के तौर पर लॉन्च करने के लिए ही शुरू की गई है. दरअसल, कांग्रेस देश की दूसरी सबसे बड़ी पार्टी है. और, उसके पास करीब 20 फीसदी वोट बैंक हैं. राजनीतिक गलियारों में चर्चा है कि राहुल गांधी इस यात्रा के जरिये अपने छिटके हुए वोट बैंक को कांग्रेस के खेमे में फिर से लामबंद करने की कोशिश करेंगे. वैसे, देखना दिलचस्प होगा कि भारत जोड़ो यात्रा कितनी सफल रहती है?

केजरीवाल का लॉन्च पैड है 'मेक इंडिया नंबर 1'

आम आदमी पार्टी के संयोजक और दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल को AAP नेताओं की ओर से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का विकल्प बता दिया गया है. और, आम आदमी पार्टी ने अरविंद केजरीवाल को राष्ट्रीय स्तर पर पहुंचाने के लिए 'मेक इंडिया नंबर 1' को उनका लॉन्च पैड बनाया है. अरविंद केजरीवाल ने हरियाणा से 'मेक इंडिया नंबर 1' कैंपेन की शुरुआत भी कर दी है. दिल्ली में मुफ्त बिजली-पानी की घोषणाएं करने वाली आम आदमी पार्टी ने 'मेक इंडिया नंबर 1' कैंपेन में सबके लिए मुफ्त शिक्षा, मुफ्त इलाज, नौकरी, महिलाओं को सम्मान और सुरक्षा के साथ किसानों को फसलों का पूरा दाम जैसे वादों पर जोर दिया है. पंजाब में सरकार बनाने के बाद आम आदमी पार्टी ने गुजरात में भी ताल ठोंक दी है. माना जा रहा है कि अरविंद केजरीवाल हर राज्य में कांग्रेस को कमजोर कर आम आदमी पार्टी को आगे बढ़ाने की कोशिश कर रहे हैं.

नीतीश कुमार का लॉन्च पैड है 'दिल्ली यात्रा'

बिहार में भाजपा के साथ गठबंधन तोड़कर आरजेडी के समर्थन से सरकार बनाने वाले जेडीयू नेता और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी पीएम पद के उम्मीदवारों में से एक हैं. हालांकि, जेडीयू की ओर से नीतीश कुमार की पीएम उम्मीदवारी को खारिज किया गया है. लेकिन, नीतीश कुमार की हालिया दिल्ली यात्रा उनकी पीएम पद के लिए मुहिम का लॉन्च पैड ही मानी जा रही है. दिल्ली यात्रा के पहले दिन नीतीश कुमार ने कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी से मुलाकात की थी. इसके बाद नीतीश कुमार ने आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल, समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव, वामपंथी दलों के नेता सीताराम येचुरी और डी राजा से भी मुलाकात की थी. विपक्ष को एकजुट करने के लिए मुलाकातों का ये सिलसिला अब एनसीपी नेता शरद पवार तक पहुंच चुका है. वैसे, सबसे मिलने के बाद नीतीश एक कॉमन डायलॉग बोल रहे हैं कि 'हमको पीएम नहीं बनना है.'

केसीआर का लॉन्च पैड बना 'तीसरा मोर्चा'

लोकसभा चुनाव से पहले तीसरे मोर्चे की सुगबुगाहट कोई नई बात नहीं है. चंद्रबाबू नायडू से लेकर ममता बनर्जी तक कई नेताओं ने तीसरे मोर्चा बनाने की कोशिश की है. लेकिन, कामयाबी हासिल नहीं हो सकी. अब इसी तीसरे मोर्चा की खोज में तेलंगाना के सीएम के चंद्रशेखर राव भी निकले हैं. के चंद्रशेखर राव ने गैर-कांग्रेसी और गैर-बीजेपी वाले संयुक्त विपक्ष का सपना देखा है. जिसे पूरा करने के लिए के चंद्रशेखर राव (केसीआर) हाल ही में नीतीश कुमार से मिलने पटना भी पहुंचे थे. दरअसल, तीसरा मोर्चा को केसीआर अपने लिए लॉन्च पैड मान रहे हैं. लेकिन, तीसरा मोर्चा बनाने की इससे पहले भी कई कोशिशें हो चुकी हैं. जो कामयाब नहीं हुई हैं. और, केसीआर की पटना यात्रा के बाद नीतीश कुमार का दिल्ली यात्रा पर निकल जाना बताने के लिए काफी है कि तीसरा मोर्चा एक बार फिर से मृगमरीचिका साबित होगा.

ममता बनर्जी भी कर रही हैं तैयारी

पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव में तृणमूल कांग्रेस की जीत के बाद मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पीएम नरेंद्र मोदी के खिलाफ सबसे ज्यादा हमलावर रही हैं. ममता बनर्जी ने भी संयुक्त विपक्ष तैयार करने की भरपूर कोशिश की थी. हालांकि, इस पूरी मेहनत के पीछे ममता बनर्जी की भी पीएम पद का उम्मीदवार बनने की ख्वाहिश ही थी. लेकिन, वो भी गैर-कांग्रेसी मोर्चा तैयार करना चाहती थी. इसी के चलते ममता बनर्जी ने उपराष्ट्रपति के चुनाव में विपक्ष के प्रत्याशी को समर्थन नहीं दिया था. इतना ही नहीं, उन्होंने परोक्ष रूप से ही सही, लेकिन राहुल गांधी को पीएम पद का उम्मीदवार मानने से भी इनकार कर दिया था. 

उड़ान कौन भरेगा?

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी फिलहाल कुछ दिनों से शांत नजर आ रही हैं. लेकिन, उन्होंने पूरी तरह से नकार नहीं जा सकता है. पीएम पद की रेस में फिलहाल राहुल गांधी, अरविंद केजरीवाल, नीतीश कुमार और केसीआर ही बचे दिखाई देते हैं. देखना दिलचस्प होगा कि किसका लॉन्च पैड सफल होता है? और, कौन उड़ान भरेगा?

लेखक

देवेश त्रिपाठी देवेश त्रिपाठी @devesh.r.tripathi

लेखक इंडिया टुडे डिजिटल में पत्रकार हैं. राजनीतिक और समसामयिक मुद्दों पर लिखने का शौक है.

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