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Updated: 27 अक्टूबर, 2018 01:04 PM
अरविंद मिश्रा
अरविंद मिश्रा
  @arvind.mishra.505523
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चुनावी मौसम अपने चरम पर है. अब पंद्रह दिनों के अंदर छत्तीसगढ़ में पहले चरण का चुनाव होना है. तो ज़ाहिर है कुछ नेतागण बरसाती मेंढक की तरह इधर से उधर उछल-कूद भी कर रहे हैं. और सियासत के खिलाड़ी दुश्मन को दोस्त और दोस्त को दुश्मन बनाने में पीछे नहीं हैं. कुछ दलबदलू नेता भाजपा से कांग्रेस तो कुछ कांग्रेस से भाजपा में जुड़कर चुनावी मैदान में ताल ठोंक रहे हैं. और ताल ठोंके भी क्यों नहीं? हर एक पार्टी जीतने वाले उम्मीदवार पर ही दांव लगाना चाहती है, चाहे वो किसी भी पार्टी से आया हो. और ऐसे में 'गैरों पर करम अपनों पर सितम' का फार्मूला भी लागू किया जाता रहा है. इस बार भी छत्तीसगढ़ में यही हो रहा है.

जानते हैं कुछ ऐसे दलबदलू नेताओं के बारे में जो इस बार छत्तीसगढ़ में अपना भाग्य आज़मा रहे हैं.

रामदयाल उइके

ramdayal uikeराम दयाल उइके अब भाजपा के साथ

रामदयाल उइके पाली-तानाखार विधानसभा सीट से कांग्रेस के लगातार तीन बार विधायक रहे. यानी भाजपा ने इस सीट पर कभी भी जीत का स्वाद नहीं चखा. अब रामदयाल उइके ने 'हाथ' छोड़कर 'कमल' थाम लिया है. इससे पहले वो साल 2000 में भाजपा से कांग्रेस में चले गए थे. इस सीट को कांग्रेस का गढ़ माना जाता रहा है ऐसे में रामदयाल उइके का भाजपा में आना कांग्रेस के लिए बुरी खबर साबित हो सकता है.

कृपाशंकर भगत:

kripashankar bhagatकृपाशंकर भगत अब भाजपा के साथ

अजित जोगी की पार्टी, जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ के आदिवासी नेता कृपाशंकर भगत भाजपा में शामिल हो गए हैं. पिछले विधानसभा चुनाव में उन्होंने बसपा के टिकट पर जशपुर विधानसभा क्षेत्र से असफलतापूर्वक चुनाव लड़ा था. लगभग एक साल पहले ही वो बसपा को छोड़कर जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ में शामिल हुए थे.

जागेश्वर साहू:

jageshwar sahuजागेश्वर साहू भी अब भाजपे के साथ

पूर्व कांग्रेसी नेता जागेश्वर साहू को भाजपा ने महिला व बाल विकास मंत्री रमशिला साहू का टिकट काटकर उनकी दुर्ग ग्रामीण विधानसभा सीट से उम्मीदवार बनाने का फैसला लिया है. रमशिला साहू रमन सिंह के एकमात्र मंत्री हैं जिनका टिकट काटा गया है.  

अरविंद नेताम:

arvind netamअरविंद नेताम ने थामा कांग्रेस का हाथ

वरिष्ठ आदिवासी नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री अरविंद नेताम ने इसी साल मार्च में 6 सालों के बाद कांग्रेस में वापसी की. नक्सल प्रभावित बस्तर इलाके में इनकी काफी पकड़ है, ऐसे में कांग्रेस को इस क्षेत्र में बढ़त बनाने में मदद मिल सकती है.

विनोद तिवारी:

vinod tiwariविनोद तिवारी अब कांग्रेस के साथ

अजीत जोगी की पार्टी, जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ के यूथ विंग के प्रदेश अध्यक्ष विनोद तिवारी ने पार्टी छोड़कर कांग्रेस का हाथ थाम लिया है. इन्हें अजित जोगी का खास माना जाता था लेकिन मनमुताबिक विधानसभा सीट से टिकट नहीं मिलने पर इन्होंने जोगी का साथ छोड़ दिया.

वैसे तो छत्तीसगढ़ में दलबदल का पुराना इतिहास रहा है लेकिन ज़्यादातर मामलों में दलबदलू नेताओं को छत्तीसगढ़ की जनता ने नकारा ही है. लेकिन इस बार चूंकि चुनावी लड़ाई काफी दिलचस्प है ऐसे में ये दलबदलू नेतागण किस पार्टी को कितना फायदा पहुंचाएंगे इसकी तस्वीर ग्यारह दिसम्बर को ही साफ हो पाएगी, जब परिणाम घोषित होगा.

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लेखक

अरविंद मिश्रा अरविंद मिश्रा @arvind.mishra.505523

लेखक आज तक में सीनियर प्रोड्यूसर हैं.

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