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Updated: 05 मई, 2019 03:53 PM
अनुज मौर्या
अनुज मौर्या
  @anujkumarmaurya87
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दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पर एक बार फिर से हमला हुआ है. शनिवार को नई दिल्ली लोकसभा सीट के क्षेत्र मोती नगर में चुनाव प्रचार के दौरान एक शख्स ने केजरीवाल को थप्पड़ मार दिया है. जब से ये घटना सामने आई है, पूरी आम आदमी पार्टी इसके लिए भाजपा को ही जिम्मेदार कह रही है. आरोप लगाए जा रहे हैं कि ये भाजपा की साजिश है, वह अरविंद केजरीवाल को मरवाना चाहते हैं.

चुनावी मौसम में नेताओं के आरोप-प्रत्यारोप तो चलते रहते हैं, लेकिन ध्यान देने वाली बात ये है कि थप्पड़ मारने, जूता मारने वालों का तो केजरीवाल भी समर्थन ही करते हैं. अगर ऐसा नहीं होता कि पी चिदंबरम पर जूता फेंकने वाले पत्रकार जरनैल सिंह को वह चुनाव लड़ने का टिकट क्यों देते? हो सकता है कि तब उन्हें इस बात का अहसास ना हो कि किसी को जूता मारा जाता है तो उस शख्स पर क्या बीतती है. खैर, थप्पड़ मारना बेशक गलत है, लेकिन शनिवार को पड़े इस थप्पड़ की गूंज ने उन्हें जूता पड़ने पर होने वाले दर्द का अहसास जरूर कर दिया होगा.

अरविंद केजरीवाल, दिल्ली, लोकसभा चुनाव 2019शनिवार को अरविंद केजरीवाल को रोडशो के दौरान एक शख्स ने थप्पड़ मार दिया.

पहले जान लीजिए हुआ क्या था

लोकसभा चुनाव के लिए शनिवार को अरविंद केजरीवाल नई दिल्ली लोकसभा सीट के मोती नगर में रोड शो कर रहे थे. इसी दौरान सुरेश नाम का एक शख्स तेजी से गाड़ी के बोनट पर चढ़ा और खुली जीप में खड़े अरविंद केजरीवाल को थप्पड़ मार दिया. तुरंत ही उसे समर्थकों ने पकड़ लिया और जमकर उसकी पिटाई की और पुलिस के सुपुर्द कर दिया. बातचीत ने उसने खुद को आप समर्थक बताया, लेकिन उसकी पत्नी ने कहा कि वह पीएम मोदी का फॉलोअर है. इसी बात को ध्यान में रखते हुए अरविंद केजरीवाल ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के जरिए मोदी सरकार पर खूब निशाना साधा.

'रास्ते से हटाना चाहती है भाजपा'

अरविंद केजरीवाल ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा है कि भाजपा उनके खिलाफ साजिश कर रही है और उन्हें रास्ते से हटवाना चाहती है. वह बोले कि इसे सुरक्षा में चूक नहीं कहा जा सकता है, क्योंकि चूक एक, दो या तीन बार होती है, 9 बार नहीं. 9 बार हमले होने के लिए वह भाजपा को जिम्मेदार ठहराते हुए कहते हैं कि देश में सिर्फ दिल्ली ही ऐसा राज्य है, जिसके मुख्यमंत्री की सुरक्षा केंद्र सरकार (भाजपा) के पास है. केजरीवाल कहते हैं कि एक आदमी को भाजपा बर्दाश्त नहीं कर पा रही है, इसीलिए वह उन्हें रास्ते से हटाना चाहती है. उन्होंने अपने खिलाफ दर्ज 33 केस और हर कार्रवाई तक को प्रेस कॉन्फ्रेंस में गिना डाला. यहां तक कि उन्होंने पीएम मोदी को तानाशाह तक कह डाला, जो अपने खिलाफ आलोचना बर्दाश्त नहीं कर सकता.

केजरीवाल समझ गए होंगे जूते दर्द कैसा होता है

ये बात है 7 अप्रैल 2009 की, जब दिल्ली के कांग्रेस मुख्यालय में प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान तत्कालीन वित्त मंत्री पी चितंबरम पर जूता फेंका गया था. हालांकि, वह बाल-बाल बच गए थे. ये जूता एक पत्रकार जरनैल सिंह ने फेंका था, जो 1984 के सिख विरोधी दंगों के मामले में जगदीश टाइटलर को सीबीआई द्वारा क्लीन चिट दिए जाने से नाराज थे. इसी पर उन्होंने चिदंबरम से सवाल पूछा था, लेकिन चिदंबरम ने कहा था कि इसकी जांच एक एजेंसी कर रही है. सवाल का सही जवाब नहीं मिलने पर गुस्सा होकर जरनैल सिंह ने चिदंबरम पर जूता मार दिया था. आज यही जरनैल सिंह आम आदमी पार्टी की शोभा बढ़ा रहे हैं. जरनैल सिंह को टिकट देते वक्त तो केजरीवाल को चिदंबरम पर जूता पड़ने का दर्द नहीं समझ आया होगा, लेकिन अब वह जरूर समझ गए होंगे कि ऐसे लोग क्रिमिनल होते हैं, जिन्हें सिर-आंखों पर नहीं बिठाना चाहिए, जैसे जरनैल सिंह को बिठा लिया है.

जरनैल सिंह उसके बाद इतना फेमस हो गए कि 2014 के लोकसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी ने उन्हें पश्चिमी दिल्ली लोकसभा सीट से टिकट तक दे दिया था, हालांकि, वह जीत नहीं पाए. इसके बाद विधानसभा चुनावों में जरनैल सिंह ने राजौरी गार्डन से जीत दर्ज की और विधानसभा पहुंच गए. इसी बीच पंजाब चुनाव में प्रकाश सिंह बादल के खिलाफ चुनाव लड़ने के लिए उन्होंने राजौरी से इस्तीफा दिया, लेकिन बादल से वह हार गए. जब राजौरी में दोबारा चुनाव हुआ तो आप ने जरनैल सिंह को टिकट नहीं दिया. खैर, राजनीति में वह सक्रिय भी हैं और बेहद लोकप्रिय भी.

अरविंद केजरीवाल के साथ शनिवार को जो हुआ, वो बेहद दुखद है. एक मुख्यमंत्री को जो शख्स थप्पड़ मार दे, उसे किसी अपराधी से कम नहीं आकना चाहिए और उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई भी होनी चाहिए. लेकिन खुद केजरीवाल ने ही कुछ ऐसा ही काम करने वाले एक शख्स को अपनी पार्टी में कुर्सी ऑफर कर दी. उस समय भी केजरीवाल की खूब आलोचना हुई थी, लेकिन तब केजरीवाल को कोई फर्क नहीं पड़ा था और आज वह भाजपा की आलोचना कर रहे हैं. आलोचना करना तो सही है, थप्पड़ मारना गलत है ये बात भी सही है, लेकिन जूता मारना भी तो गलत ही था. केजरीवाल ने प्रेस कॉन्फ्रेंस के जरिए विरोध को जता दिया है, लेकिन ये विरोध अगर उन्होंने जरनैल सिंह के मामले में भी दिखाया होता, तो आज लोग उनकी बातों को गंभीरता से जरूर लेते.

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