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Updated: 05 अगस्त, 2019 03:04 PM
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कश्मीर को लेकर इतने दिनों से जो कयास लगाए जा रहे थे उसपर अब जाकर विराम लग गया. गृह मंत्री अमित शाह ने जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 को खत्म करने का संकल्प राज्यसभा में पेश किया है. इसके तहत जम्मू कश्मीर के लिए वो अहम फैसले लिए गए जो अब तक कोई नहीं कर सका था. जैसे- 

* धारा 370 को हटाया गया, अब सिर्फ 370 का खंड 1 लागू होगा.

* जम्मू कश्मीर का विशेष राज्य का दर्जा खत्म, अब जम्मू कश्मीर केंद्र शासित प्रदेश होगा. जहां देश की राजधानी दिल्ली की तरह ही विधानसभा होगी.

* जम्मू कश्मीर में दोहरी नागरिकता खत्म अब जम्मू कश्मीर के नागरिक भारतीय नागरिक होंगे.

* जम्मू कश्मीर का अब अलग झंडा नहीं होगा, तिरोगा की राष्ट्रीय धव्ज होगा.

* जम्मू कश्मीर में अब भारत के राष्ट्रीय ध्वज और राष्ट्रीय प्रतीक का अपमान अपराध होगा.

* आरटीआई और सीएजी जैसे कानून लागू होंगे

* जम्मू कश्मीर में बाकी राज्यों के लोग भी जमीन खरीद सकेंगे.

* जम्मू कश्मीर में पहले राज्यपाल शासन का अधिकार था अब राष्ट्रपति शासन का अधिकार होगा

* जम्मू-कश्मीर से लद्दाख को अलग कर दिया गया है. लद्दाख को भी केंद्र शासित प्रदेश का दर्जा दिया गया है.

ये तो हर कोई जानता था कि सरकार जम्मू-कश्मीर में कोई बड़ा फैसला लेने जा रही है, लेकिन वो फैसला ये होगा इसपर लोगों को संशय था. कश्मीर जैसे संवेदनशील राज्य को लेकर आए इस फैसले से पूरे देश में उत्साह है. लोग सरकार के इस फैसले पर सोशल मीडिया पर प्रतिक्रियाएं दे रहे हैं. जिन्हें देखकर लोगों के उत्साह को समझा जा सकता है.

लोगों को इस बात का आभास भी है कि ये ज कर दिया गया है वो कितना बड़ा काम था. और इसमें कितना खतरा था.

कुछ तो कश्मीर के नताओं के लिए भी दुख जता रहे थे

लोगों ने अपने तरीके से ये भी बताया कि कश्मीर से कन्याकुमारी तक भारत एक है. और अब फख्र से ये कहा जा सकता है.

अब जम्मू कश्मीर में तिरंग फहरेगा, इसको लोकर भी देश के लोग गर्व महसूस कर रहे हैं.

इसी बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की एक बहुत पुरानी तस्वीर खूब शेयर की जा रही है जिसमें वो 370 हटाए जाने की मांग को लेकर एक धरने पर बैठे दिखाई दे रहे हैं. ये तस्वीर मोदी की राजनीति के शुरुआती दिनों की दिखाई दे रही है.

अब जब जम्मू कश्मीर में कोई भी जमीन खरीद सकता है तो इस बात पर लोगों का ह्यूमर भी खूब निकला.

जो भी हुआ अच्छा हुआ. कश्मीर को फिर से जन्नत बनाने की दिशा में रखा गया ये कदम चैन और सुकून लेकर आएगा. और ये बात जब कश्मीर से ही आए तो इस फैसले पर और भी फख्र होता है. कश्मीर में जब इस फैसले के बारे में पूछा गया तो जवाब आया- 'इस फैसले से आने वाली पीढ़ी चैन की नींद सोएगी.' फिलहाल तो 5 अगस्त की तारीख इतिहास में दर्ज हो गई है.

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