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Updated: 26 जनवरी, 2018 02:26 PM
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2017 के विधानसभा चुनावों में मायावती बार बार अपने शासन के दौरान यूपी में कानून व्यवस्था की स्थिति याद दिलाया करती थीं. लखनऊ में एक पूर्व विधायक सहित बीएसपी के दर्जन भर नेताओं को समाजवादी पार्टी में शामिल कराते वक्त अखिलेश यादव ने यूपी में मौजूदा कानून व्यवस्था का मुद्दा उठाया.

यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने मौजूदा सीएम योगी आदित्यनाथ को उन्हीं सवालों में लपेटा जो चुनावों के दौरान उनसे पूछे गये. बाकियों के अलावा यूपी में कानून व्यवस्था की हालत की भी अखिलेश सरकार की विदाई में अहम भूमिका मानी जाती है.

एंटी रोमियो स्क्वॉड और एनकाउंटर

यूपी की कानून व्यवस्था सवालों के घेरे में तो है ही, अपराधियों के खिलाफ योगी सरकार में मिली खुली छूट को लेकर भी खासा विवाद हो रहा है. इंडियन एक्सप्रेस में खबर आयी थी कि पिछले 10 महीने में अपराधियों के साथ यूपी पुलिस के 921 एनकाउंटर हुए. इन एनकाउंटर में 31 लोग मार गिराये गये जिनके बारे में पुलिस का दावा है कि वे अपराधी थे. ऐसे ही कथित 196 अपराधी जख्मी भी हुए हैं. इस दौरान 2214 बदमाश गिरफ्तार किये गये हैं. रिपोर्ट के मुताबिक ये आंकड़े 22 मार्च से 15 दिसंबर के बीच दर्ज किये बताये जाते हैं.

yogi adityanath"थाना कौन चला रहा?"

योगी सरकार के सत्ता में आने के बाद सबसे ज्यादा चर्चा और एक्शन में उनके चुनावी वादे का हिस्सा एंटी रोमियो स्कवॉड रहा. खबर है कि रोमियो स्क्वॉड पर एक शॉर्ट फिल्म भी बन रही है जिसे लखनऊ में एक फिल्म फेस्टिवल में दिखाया जाएगा.

एनकाउंटर की ही तरह रोमियो स्कवॉड के मामले भी उछल उछल कर योगी सरकार की उपलब्धियां गिना रहे हैं - दस महीने में 1706 केस दर्ज हुए यानी हर दिन कम से कम छह केस.

इन्हीं सब बातों को लेकर अखिलेश यादव ने योगी आदित्यनाथ पर जोरदार हमला बोला है. अखिलेश यादव का कहना है कि सूबे की कानून व्यवस्था को लेकर एक तस्वीर सामने आई जब उपराष्ट्रपति एम. वेंकैया नायडू लखनऊ में थे. मेरठ के डबल मर्डर का जिक्र करते हुए अखिलेश ने कहा कि सीसीटीवी में कैद मेरठ की घटना कोई पहली नहीं है. मथुरा में सर्राफा व्यापारी की हत्या की घटना का भी उन्होंने ध्यान दिलाया.

ये काम है या कारनामा?

योगी सरकार के अभी एक साल भी पूरे नहीं हुए हैं, लेकिन यूपी की कानून व्यवस्था पर पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव मौका खोज ले रहे हैं. विधानसभा चुनाव के दौरान बीजेपी नेता आरोप लगाते रहे कि पुलिस थाने समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ता चला रहे हैं, न कि थानेदार. सूबे में हो रही आपराधिक घटनाओं और पद्मावत के नाम पर हिंसा को लेकर अखिलेश यादव को बीजेपी से सवाल पूछने का मौका मिल गया है.

akhilesh yadavअखिलेश यादव के सवाल पूछने का समय...

अखिलेश यादव का कहना है कि योगी सरकार को करीब एक साल हो गया है और ऐसी भयावह और दर्दनाक घटनाएं पहले कभी नहीं हुईं. अखिलेश यादव ने फिल्म पद्मावत के खिलाफ हो रही हिंसा में भी बीजेपी को घसीटा और कहा कि करणी सेना में ज्यादातर बीजेपी के ही कार्यकर्ता हैं. इतना ही नहीं अखिलेश ने योगी सरकार को लोकतंत्र के लिए खतरा तक बता डाला है.

अखिलेश यादव समझा रहे हैं कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भले कहते फिरें कि अपराधी राज्य से बाहर चले गये हैं, लेकिन वे यही रुके हुए हैं. वो यहीं नहीं रुकते, कहते हैं, "बीजेपी वाले हमारी सरकार पर आरोप लगाते थे - 'थाना कौन चलाता है?' अब मैं पूछना चाहता हूं कि थाना कौन चला रहा है?"

कानून व्यवस्था को लेकर योगी सरकार पर हमला बोलने के साथ ही अखिलेश यादव न एक ट्वीट भी किया है, जिसमें उनका दावा है कि उनकी सरकार ने इतने काम कर दिये हैं कि बीजेपी सरकार फीता काटते काटते थक जाएगी.

बीजेपी सरकार भले ही गणतंत्र दिवस पर 'रोमियो' की लिस्ट जारी करने जा रही हो, लेकिन अखिलेश यादव की ओर से सवाल तो बनता ही है. अब बीजेपी को उन्हें ये तो बताना ही होगा कि योगी सरकार का काम बोल रहा है या फिर कारनामा?

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