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Updated: 24 जनवरी, 2018 02:11 PM
अनुज मौर्या
अनुज मौर्या
  @anujkumarmaurya87
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योगी सरकार ने सत्ता में आने से पहले ही यूपी की जनता से महिला सुरक्षा का जो वादा किया था, उसकी उपलब्धि गिनाने का वक्त आ गया है. सत्ता में आते ही योगी सरकार ने एंटी रोमियो स्क्वॉड बनाया, जिसने लड़कियों से छेड़छाड़ करने वालों पर लगाम लगाई. अब गणतंत्र दिवस पर इन रोमियो की लिस्ट जारी की जाएगी. एंटी रोमियो स्क्वॉड के हरकत में आते ही हर अखबार, न्यूज चैनल और सोशल मीडिया इन्हीं की खबरों से पट गए थे. कहीं पार्क में कोई लड़का पिट रहा था तो कहीं सड़क पर किसी से एंटी स्क्वॉड टीम पूछताछ कर रही थी. जहां एक ओर बहुत से लोगों ने इस मुहिम का स्वागत किया, वहीं दूसरी ओर बहुत से लोगों के लिए सरकार की ये मुहिम जी का जंजाल बन गई. बहुत से प्रेमी जोड़ों से मारपीट की घटनाएं भी सामने आईं. खैर, आइए पहले ये देखते हैं कि 9 महीनों में योगी सरकार ने कितने रोमियो पकड़े हैं.

एंटी रोमियो, योगी आदित्यनाथ, यूपी सरकार, उत्तर प्रदेश, 26 जनवरी, गणतंत्र दिवस

हर दिन 6 मनचलों के खिलाफ केस दर्ज

योगी सरकार की रिपोर्ट के मुताबिक 9 महीने की अवधि में एंटी रोमियो स्क्वॉड ने कुल 3003 लोगों पर केस दर्ज किए यानी हर दिन करीब 6 लोगों पर केस दर्ज हुए. गणतंत्र दिवस के मौके पर योगी सरकार इसकी पूरी लिस्ट जारी करेगी. यह लिस्ट 22 मार्च से 15 दिसंबर तक के बीच की है. इस अवधि में कुल 9.33 लाख लोगों को चेतावनी दी गई और करीब 21 लाख लोगों की जांच की गई. इस दौरान कुल 1706 लोगों पर एफआईआर भी दर्ज की गई.

ये भी है एक कड़वा सच

भले ही योगी सरकार गणतंत्र दिवस के मौके पर एंटी रोमियो स्क्वॉड की उपलब्धियां गिना रही है, लेकिन यह भी एक कड़वा सच है कि इसी स्क्वॉड की आड़ में लोगों को गलत तरीके से भी परेशान किया गया. पार्कों में अपनी मर्जी से साथ बैठे प्रेमी जोड़ों से उठक-बैठक कराई गई, सार्वजनिक तौर पर तमाचे मारे गए, और तो और, घूस लेकर किसी को जेल में डालने जैसे कारनामे भी सामने आए हैं. इंडिया टुडे के एक स्टिंग में ऐसा ही एक मामला सामने आया था, जिसमें मेरठ के ट्रासपोर्ट नगर में सब-इंस्पेक्टर ओंकार नाथ पांडेय ने 50,000 रुपए लेकर किसी को भी जेल में डालने का ऑफर दिया था. यह पूरी घटना कैमरे में कैद थी, इसलिए इसका खुलासा हो गया, वरना न जाने कितने ऐसे कारनामे हुए होंगे.

प्रेमी जोड़ों को तंग करने वालों का क्या?

योगी सरकार ने इसके आंकड़े तो जारी कर दिए कि 9 महीने में पुलिस ने कितने रोमियो पकड़े, लेकिन यह नहीं बताया कि कितने 'गुंडे' पकड़े. यहां गुंडे उन लोगों के लिए कहा जा रहा है जो आराम से पार्क में बैठे प्रेमी जोड़ों, सड़क पर चलते गर्लफ्रेंड-ब्वायफ्रेंड और यहां तक कि स्कूल जा रहे भाई-बहन तक को बिना वजह पकड़ कर पीट दे रहे थे. एंटी रोमियो स्क्वॉड पर तो बदतमीजी करने के आरोप लगे ही, लेकिन साथ ही बजरंग दल जैसे कुछ संगठन भी कानून को अपने हाथ में लेकर लड़के-लड़कियों को परेशान करते दिखे. सरकार को यह भी बताना चाहिए कि पुलिस ने मर्जी से साथ बैठे लड़के-लड़कियों को परेशान करने वालों के खिलाफ क्या एक्शन लिया? साथ ही इसके आंकड़े भी जारी करने चाहिए कि आखिर ऐसे कितने लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया गया?

शादीशुदा दंपति को भी एंटी रोमियो ने पकड़ा?

योगी सरकार की एंटी रोमियो स्क्वॉड को लेकर लोगों का कहना था कि यह मुहिम कुछ उल्टी दिशा में चल पड़ी सी लगती है. दरअसल, वह ऐसा इसलिए कह रहे थे क्योंकि ये मुहिम मनचलों को पकड़ने के लिए शुरू की गई थी, लेकिन इसका निशाना गर्लफ्रेंड-ब्वायफ्रेंड, भाई-बहन और यहां तक कि शादीशुदा दंपति भी बन रहे थे. मेरठ में तो अपने मंगेतर के साथ स्कूटर पर जा रही युवती को करीब आधा दर्जन लोगों ने रोक लिया और उसके साथ छेड़छाड़ भी की. इतना ही नहीं, उन्होंने खुद को हिंदू युवा वाहिनी का सदस्य बताते हुए मंगेतर की भी पिटाई की. प्रेमी जोड़ों का कहना था कि अगर लड़का-लड़की सहमति से साथ में हैं तो इससे दूसरों को क्या दिक्कत है? पार्क में बैठ नहीं सकते, सड़क पर चल नहीं सकते, किसी दोस्त के घर जाएं तब तो मामला और भी बिगड़ जाएगा, तो आखिर साथ में समय बिताने के लिए कहां जाए?

अंत में मेरा सवाल यह है कि क्या जो लोग सहमति से साथ बैठे प्रेमी जोड़ों को बेवजह तंग करते हैं वह यह नहीं जानते कि छेड़छाड़-रेप और प्यार-मोहब्बत में क्या फर्क है? अजी जानते तो सब हैं, लेकिन जानने और समझने में बड़ा फर्क होता है और ऐसा लगता नहीं है कि ऐसे लोग ये सब समझना भी चाहते हैं. ये भी सही है कि लड़कियों से छेड़छाड़ की घटनाओं में कमी आई, लेकिन जो अराजक तत्व पुलिस को हाथ में लेकर प्रेमी जोड़ों को परेशान करते हैं, उनके खिलाफ भी कोई मुहिम चलाई जानी चाहिए और उनके खिलाफ भी केस दर्ज करने चाहिए.

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