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जिस क्रैश गार्ड को सुरक्षा मान रहे थे उससे तो जान का खतरा निकला

    • अनुज मौर्या
    • Updated: 21 अक्टूबर, 2018 12:08 PM
  • 26 दिसम्बर, 2017 02:53 PM
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लोगों में यह गलत धारणा है कि क्रैश गार्ड लगाने की वजह से किसी दुर्घटना होने की स्थिति में गाड़ी में बैठे लोगों को सुरक्षा मिलती है. दरअसल, इसकी वजह से आपकी जान भी खतरे में पड़ सकती है.

गाढ़ी कमाई का एक अहम हिस्सा खर्च करके खरीदी हुई कार पर अगर एक स्क्रैच भी लग जाए तो लोग तिलमिला उठते हैं. हर शख्स अपनी कार को किसी दुल्हन की तरह सजाता है और उसकी पूरी हिफाजत करता है. कार को नुकसान ना पहुंचे इसके लिए बहुत से लोग कार में आगे-पीछे क्रैश गार्ड भी लगवाते हैं, ताकि बंपर, हेडलाइट और रेडिएटर आदि को दुर्घटना होने पर कोई नुकसान न हो. हाल ही में दिल्ली सरकार ने क्रैश गार्ड लगाने को अवैध करार दिया था और उस पर जुर्माना लगाना भी शुरू कर दिया था, लेकिन कुछ ही समय में क्रैश गार्ड बाजार के व्यापारियों ने हाईकोर्ट में इसके खिलाफ अर्जी डाल दी. हाईकोर्ट ने भी दिल्ली सरकार के आदेश को पलट दिया. लोग अपनी गाड़ी में क्रैश गार्ड लगा कर उसे लगने वाली खरोंचे से तो बचा लेते हैं, लेकिन जनाब, यहां आपको बता दें कि आप जिस क्रैश गार्ड यानी लोहे या स्टील की रॉड को अपनी गाड़ी की सुरक्षा के लिए लगवाते हैं, वो आपकी जिंदगी के लिए खतरनाक साबित हो सकती है.

क्रैश गार्ड लगी गाड़ी पर दिल्ली ट्रैफिक पुलिस 1000 रुपए का जुर्माना लगाएगी.

क्रैश गार्ड कैसे है जिंदगी के लिए खतरनाक?

यातायात के एक अधिकारी के अनुसार, लोगों में यह गलत धारणा है कि क्रैश गार्ड लगाने की वजह से किसी दुर्घटना होने की स्थिति में गाड़ी में बैठे लोगों को सुरक्षा मिलती है.

- हर गाड़ी का आगे-पीछे का हिस्सा इस तरह से बनाया जाता है कि दुर्घटना की स्थिति टक्कर की तीव्रता कम हो सके. वहीं जब किसी गाड़ी में क्रैश गार्ड लगा होता है तो टक्कर की तीव्रता कम नहीं हो पाती है. ऐसी स्थिति में टक्कर की तीव्रता सीधे गाड़ी में बैठे लोगों तक पहुंचती है, जो जान के लिए खतरनाक भी हो सकती है.

- इतना ही नहीं, क्रैश गार्ड की वजह से कार के एयरबैग भी ठीक से...

गाढ़ी कमाई का एक अहम हिस्सा खर्च करके खरीदी हुई कार पर अगर एक स्क्रैच भी लग जाए तो लोग तिलमिला उठते हैं. हर शख्स अपनी कार को किसी दुल्हन की तरह सजाता है और उसकी पूरी हिफाजत करता है. कार को नुकसान ना पहुंचे इसके लिए बहुत से लोग कार में आगे-पीछे क्रैश गार्ड भी लगवाते हैं, ताकि बंपर, हेडलाइट और रेडिएटर आदि को दुर्घटना होने पर कोई नुकसान न हो. हाल ही में दिल्ली सरकार ने क्रैश गार्ड लगाने को अवैध करार दिया था और उस पर जुर्माना लगाना भी शुरू कर दिया था, लेकिन कुछ ही समय में क्रैश गार्ड बाजार के व्यापारियों ने हाईकोर्ट में इसके खिलाफ अर्जी डाल दी. हाईकोर्ट ने भी दिल्ली सरकार के आदेश को पलट दिया. लोग अपनी गाड़ी में क्रैश गार्ड लगा कर उसे लगने वाली खरोंचे से तो बचा लेते हैं, लेकिन जनाब, यहां आपको बता दें कि आप जिस क्रैश गार्ड यानी लोहे या स्टील की रॉड को अपनी गाड़ी की सुरक्षा के लिए लगवाते हैं, वो आपकी जिंदगी के लिए खतरनाक साबित हो सकती है.

क्रैश गार्ड लगी गाड़ी पर दिल्ली ट्रैफिक पुलिस 1000 रुपए का जुर्माना लगाएगी.

क्रैश गार्ड कैसे है जिंदगी के लिए खतरनाक?

यातायात के एक अधिकारी के अनुसार, लोगों में यह गलत धारणा है कि क्रैश गार्ड लगाने की वजह से किसी दुर्घटना होने की स्थिति में गाड़ी में बैठे लोगों को सुरक्षा मिलती है.

- हर गाड़ी का आगे-पीछे का हिस्सा इस तरह से बनाया जाता है कि दुर्घटना की स्थिति टक्कर की तीव्रता कम हो सके. वहीं जब किसी गाड़ी में क्रैश गार्ड लगा होता है तो टक्कर की तीव्रता कम नहीं हो पाती है. ऐसी स्थिति में टक्कर की तीव्रता सीधे गाड़ी में बैठे लोगों तक पहुंचती है, जो जान के लिए खतरनाक भी हो सकती है.

- इतना ही नहीं, क्रैश गार्ड की वजह से कार के एयरबैग भी ठीक से काम नहीं कर पाते हैं, जो एक बड़ा खतरा साबित हो सकता है.

- साथ ही, इन क्रैश गार्ड के कारण पैदल यात्रियों और साइकिल वालों को दुर्घटना के समय अधिक चोट आ जाती है.

क्रैश गार्ड होने पर लग रहा था जुर्माना

दिल्ली ट्रैफिक पुलिस जनवरी से उन कार मालिकों पर जुर्माना लगाने की तैयारी कर ली थी, जिनकी गाड़ी में आगे या पीछे क्रैश गार्ड लगे होंगे.

- पहली बार क्रैश गार्ड लगी गाड़ी पर पुलिस 1000 रुपए का जुर्माना लगाने का प्रावधान था.

- दूसरी बार उसी गाड़ी पर क्रैश गार्ड लगे होने पर आप पर 2000 रुपए का जुर्माना लगाया जाना था.

- वहीं दूसरी ओर, जो लोग क्रैश गार्ड बेचते हुए पकड़े जाते, उन पर भी 5000 रुपए तक का जुर्माना लगाए जाने की योजना थी.

दरअसल, लोगों में यह भ्रम है कि इससे उनकी गाड़ी सुरक्षित होती है. ऐसा नहीं है कि इसके बारे में सिर्फ आम जनता को अधूरी जानकारी नहीं है. खुद सरकारी महकमे भी इस बात से अंजान हैं कि क्रैश गार्ड की वजह से गाड़ी खतरनाक हो जाती है. दिल्ली ट्रैफिक पुलिस ने तो जुर्माना लगाना भी शुरू कर दिया था. काफी सारा राजस्व भी जमा हो गया, लेकिन फिर व्यापारियों की अर्जी के बाद हाईकोर्ट ने आदेश पलट दिया और ये मौत का सामान एक बार फिर से लोगों की गाड़ियों पर दिखाई देने लगे. क्रैश गार्ड के बारे में लोगों के बीच जागरुकता फैलाने की जरूरत है, ना कि एक दम से कोई कानून बनाकर लागू करने की. साथ ही, हाईकोर्ट को भी क्रैश गार्ड पर एक बार फिर से विचार करना चाहिए.

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इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.

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