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तो इसलिए हिंदुस्तान में नहीं आता Santa..

    • श्रुति दीक्षित
    • Updated: 24 दिसम्बर, 2017 02:40 PM
  • 24 दिसम्बर, 2017 02:40 PM
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वैसे तो क्रिसमस बहुत अच्छा त्योहार है, लेकिन इसे भारत में मनाने के लिए हिंदू संगठन विरोध कर रहे हैं. अगर इस बीच सैंटा भारत आ जाए तो उसे ये सब झेलना पड़ेगा.

सैंटा क्लॉज जी कुछ लोग सांता भी बोलते हैं, लेकिन सैंटा बोलना ज्यादा बेहतर है. तो.. बात ये है कि क्रिसमस आ गया है और हर साल की तरह इस साल भी कैथोलिक स्कूलों और चर्च में धमकी भरे खत पहुंच गए हैं. इस बार मामला अलिगढ़ उत्तर प्रदेश का है. जहां एक हिंदू एक्टिविस्ट ग्रुप ने चेतावनी जारी की है कि कैथोलिक स्कूल क्रिसमस अपने रिस्क पर मनाए और किसी भी तरह की हरकत की उम्मीद रखें. क्यों? क्योंकि उन्हें लगता है कि क्रिसमस मनाने से तरीका हिंदू बच्चों को इसाई बनाने का एक तरीका है. जी हां, अब उन्हें क्या लगता है और क्या नहीं इसपर हम नहीं जाते.

खैर, एक मान्यता हमेशा से क्रिसमस के साथ जुड़ी हुई है. वो ये कि क्रिसमस की रात सैंटा आएगा और बच्चों के लिए तोहफे रखकर जाएगा. ये मान्यता क्यों और कैसे पड़ी इसके बारे में तो शायद आप जानते ही होंगे, लेकिन सैंटा भारत आएगा तो उसे कई मुश्किलों का सामना करना पड़ेगा जैसे...

- सैंटा को घूस देकर नौकरी लेनी होगी...

सैंटा को सैंटा बनने के लिए भी नौकरी के लिए घूस देनी होगी. इस 1 पद के लिए लाखों लोगों का आवेदन होता. कुछ लोग कोटे से आए होते और उन्हें बिना किसी स्किल के सैंटा के असिस्टेंट की जॉब तो मिल ही जाती. बाकी असली सैंटा को इस नौकरी के लिए अधिकारियों को घूस देनी होती. आखिर घोटाला तो कहीं भी हो सकता है न...

- सैंटा को जीएसटी देना होगा (सभी गिफ्ट्स के लिए)

अब सैंटा बच्चों के लिए गिफ्ट खरीदता तो उसका पाला जीएसटी से पड़ता और वो और परेशान हो जाता. आखिर टैक्स देना तो जरूरी है. ऊपर से अगर पुराने नोट होते तो और परेशानी. डिजिटल पेमेंट के लिए कार्ड चलता नहीं क्योंकि इंटरनेट कनेक्शन पूरा नहीं होता. बस फिर क्या सैंटा लेट हो जाता.

- सैंटा को हिंदू संगठन वालों का विरोध झेलना...

सैंटा क्लॉज जी कुछ लोग सांता भी बोलते हैं, लेकिन सैंटा बोलना ज्यादा बेहतर है. तो.. बात ये है कि क्रिसमस आ गया है और हर साल की तरह इस साल भी कैथोलिक स्कूलों और चर्च में धमकी भरे खत पहुंच गए हैं. इस बार मामला अलिगढ़ उत्तर प्रदेश का है. जहां एक हिंदू एक्टिविस्ट ग्रुप ने चेतावनी जारी की है कि कैथोलिक स्कूल क्रिसमस अपने रिस्क पर मनाए और किसी भी तरह की हरकत की उम्मीद रखें. क्यों? क्योंकि उन्हें लगता है कि क्रिसमस मनाने से तरीका हिंदू बच्चों को इसाई बनाने का एक तरीका है. जी हां, अब उन्हें क्या लगता है और क्या नहीं इसपर हम नहीं जाते.

खैर, एक मान्यता हमेशा से क्रिसमस के साथ जुड़ी हुई है. वो ये कि क्रिसमस की रात सैंटा आएगा और बच्चों के लिए तोहफे रखकर जाएगा. ये मान्यता क्यों और कैसे पड़ी इसके बारे में तो शायद आप जानते ही होंगे, लेकिन सैंटा भारत आएगा तो उसे कई मुश्किलों का सामना करना पड़ेगा जैसे...

- सैंटा को घूस देकर नौकरी लेनी होगी...

सैंटा को सैंटा बनने के लिए भी नौकरी के लिए घूस देनी होगी. इस 1 पद के लिए लाखों लोगों का आवेदन होता. कुछ लोग कोटे से आए होते और उन्हें बिना किसी स्किल के सैंटा के असिस्टेंट की जॉब तो मिल ही जाती. बाकी असली सैंटा को इस नौकरी के लिए अधिकारियों को घूस देनी होती. आखिर घोटाला तो कहीं भी हो सकता है न...

- सैंटा को जीएसटी देना होगा (सभी गिफ्ट्स के लिए)

अब सैंटा बच्चों के लिए गिफ्ट खरीदता तो उसका पाला जीएसटी से पड़ता और वो और परेशान हो जाता. आखिर टैक्स देना तो जरूरी है. ऊपर से अगर पुराने नोट होते तो और परेशानी. डिजिटल पेमेंट के लिए कार्ड चलता नहीं क्योंकि इंटरनेट कनेक्शन पूरा नहीं होता. बस फिर क्या सैंटा लेट हो जाता.

- सैंटा को हिंदू संगठन वालों का विरोध झेलना होगा..

सैंटा को विदेशी धर्म भारत में फैलाने के लिए विरोध झेलना पड़ता. सैंटा के खिलाफ रिपोर्ट होती, क्रिसमस कैरल गाने वालों के साथ जबरदस्ती की जाती. सैंटा का साथ देने वालों के पुतले फूंके जाते. सैंटा के खिलाफ मोर्चा निकाला जाता और तलवार लिए लोग सैंटा के पीछे होते.

- दिल्ली में स्मॉग के कारण सैंटा बीमार पड़ जाएगा...

सैंटा जी श्रीलंकाई टीम की तरह चेहरे पर मास्क पहन कर अपना काम करते. दिल्ली में उन्हें इतनी तकलीफ होती कि उनका दम ही घुटने लगता. उन्हें अस्थमा भी हो सकता था. आखिर ये दिल्ली है मेरे यार. हां स्मॉग के कारण हो सकता है कि उनकी बग्घी या भारत के हिसाब से बैलगाड़ी का एक्सिडेंट भी हो जाता.

- मुंबई में लोकल में चढ़ नहीं पाएगा...

मुंबई में बग्घी या बैलगाड़ी का कोई रोल ही नहीं है. वहां तो सैंटा को लोकल में ही जाना पड़ता और भीड़ के कारण या तो सैंटा का सामान या फिर वो खुद पीछे छूट जाता.

- सैंटा की सवारी ट्रैफिक में फंस जाएगी..

बाकी किसी शहर में गया तो ट्रैफिक के कारण फंसा हुआ भी महसूस करता वो. अब क्या करें सैंटा की सवारी पर चालान भी काटा जा सकता था.

- सैंटा गंदगी के कारण कई घरों में नहीं जा पाएगा..

आधे घरों में पाइप या से सैंटा चढ़ ही नहीं पाएगा. आखिर गंदगी की आदत नहीं न उसे. ये भी हो सकता है कि किसी घर में चुपके से चढ़ते समय उसे चोर समझ कर चप्पल से पीटा जाए या फिर उसपर गुटखा थूंक दिया जाए.

- सैंटा अपनी ड्रेस के लिए सोशल मीडिया पर ट्रोल हो जाएगा..

सैंटा की ड्रेस बहुत ही अच्छी होती है, लेकिन अगर गलती से भी उसने अपने इंस्टाग्राम अकाउंट को अपडेट कर दिया तो वो यकीनन सोशल मीडिया पर ट्रेल हो जाएगा.

अंत में सैंटा अगर किसी तरह से पहुंच भी गया तो बच्चे गिफ्ट में मिले उपहार की जगह सैंटा के साथ सेल्फी ले उन्हीं ट्रोल्स का हिस्सा बन जाएंगे जो सोशल मीडिया पर चल रहे होंगे. सैंटा को दाढ़ी वाले बाबा, झोली बाबा कहकर चिढ़ाएंगे भी और बेचारे सैंटा का दिल तो गिफ्ट देकर भी टूट ही जाएगा. अगर किसी तरह क्रिसमस मना भी लिया गया तो भी सैंटा पर राजनीति शुरू हो जाएगी और सैंटा जल्दी ही सैंटा भाई बोले जाएंगें. कोई लीडर बोलेगा कि क्रिसमस असल में सैंटा एकादशी है और इस दिन मोमबत्ती जलाने की जगह धूप बत्ती जलाकर मंदिर में प्रणाम करना चाहिए. किसी को सैंटा शिव जी का रूप लगेगा और इसपर भी बवाल होगा. इससे बेहतर है सैंटा भारत में आए ही नहीं....

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इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.

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