• होम
  • सियासत
  • समाज
  • स्पोर्ट्स
  • सिनेमा
  • सोशल मीडिया
  • इकोनॉमी
  • ह्यूमर
  • टेक्नोलॉजी
  • वीडियो
होम
टेक्नोलॉजी

गर्लफ्रेंड या पत्नी जाए भाड़ में! मोबाइल को कुछ हुआ तो दुनिया जल जानी है

    • बिलाल एम जाफ़री
    • Updated: 03 मार्च, 2018 12:37 PM
  • 03 मार्च, 2018 12:27 PM
offline
लोगों के जीवन में मोबाइल कितना ज़रूरी है इसपर मोटोरोला द्वारा किया गया शोध ये बताने के लिए काफी है कि तकनीक से जहां एक तरफ हमारा जीवन सुगम हुआ है तो वहीं इससे हमारे आपसी संबंधों में जटिलता आई है और हमने अपने संबंधों से कन्नी काट ली है.

एक बार के लिए व्यक्ति भले ही ऑफिस का आईकार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस, आरसी जैसी चीजें भूल जाए. मगर वो अपना मोबाइल भूल जाए, ऐसी भूल कोई विरला ही करेगा. बच्चे, बूढ़े, जवान, लड़कियां, महिलाएं आज सबके हाथों में स्मार्टफोन है. जिसे देखो वही अपने मोबाइल पर बिजी है. कोई फोन पर गाने सुन रहा है, कोई एंड्राइड स्टोर पर ऐप अपग्रेड कर रहा है, कोई फोटो देख रहा है, कोई सोशल मीडिया पर सक्रिय है तो कोई बेमतलब मोबाइल ऑन कर रहा है उसकी स्क्रीन देखकर उसे ऑफ कर दे रहा है. स्मार्ट फोन वाले इस दौर में कोई खाली नहीं है सब व्यस्त हैं. कुछ मतलब व्यस्त हैं, कुछ बेमतलब ही व्यस्त हैं.  

आज स्मार्टफोन हमारी जिंदगी का अहम हिस्सा बन गए हैं

ऑक्सीजन के बाद, ये लोगों का मोबाइल ही है जो उनके लिए बेहद ज़रूरी और उनकी दिनचर्या का अहम हिस्सा है. आज हम बिना मोबाइल के अपने जीवन की कल्पना ही नहीं कर सकते. आज मोबाइल हमारे लिए कितना महत्वपूर्ण है इसका अंदाजा एक खबर से लगाया जा सकता है. खबर एक शोध के हवाले से है, शोध में पाया गया है कि 65% भारतीयों का बेस्ट फ्रेंड और वो जिससे सबसे ज्यादा प्यार करते हैं. वो कोई व्यक्ति नहीं बल्कि उनका स्मार्टफोन है.

मोबाइल निर्माता कम्पनी Motorola और Nancy Etcoff की ओर से किए गए नए शोध के मुताबिक, भारतीय अपने जीवन से जुड़े लोगों के मुकाबले अपने स्मार्टफोन के प्रति ज्यादा सहेत हैं. साथ ही भारतीय इसको लेकर बहुत अधिक जुनूनी भी हैं. शोध में जिस बात ने सबसे ज्यादा हैरत में डाला है वो ये है कि 65 फीसदी भारतीय ये मानते हैं कि, उनका मोबाइल फोन ही उनका सबसे अच्छा दोस्त है और किसी रिश्तेदार के मुकाबले वो अपने मोबाइल को ज्यादा प्यार करते हैं.

शोध के मुताबिक,"दुनिया भर में लगभग 50 फीसदी लोग इस बात पर सहमत हैं कि वो बार बार फोन चेक करते हैं. जबकि...

एक बार के लिए व्यक्ति भले ही ऑफिस का आईकार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस, आरसी जैसी चीजें भूल जाए. मगर वो अपना मोबाइल भूल जाए, ऐसी भूल कोई विरला ही करेगा. बच्चे, बूढ़े, जवान, लड़कियां, महिलाएं आज सबके हाथों में स्मार्टफोन है. जिसे देखो वही अपने मोबाइल पर बिजी है. कोई फोन पर गाने सुन रहा है, कोई एंड्राइड स्टोर पर ऐप अपग्रेड कर रहा है, कोई फोटो देख रहा है, कोई सोशल मीडिया पर सक्रिय है तो कोई बेमतलब मोबाइल ऑन कर रहा है उसकी स्क्रीन देखकर उसे ऑफ कर दे रहा है. स्मार्ट फोन वाले इस दौर में कोई खाली नहीं है सब व्यस्त हैं. कुछ मतलब व्यस्त हैं, कुछ बेमतलब ही व्यस्त हैं.  

आज स्मार्टफोन हमारी जिंदगी का अहम हिस्सा बन गए हैं

ऑक्सीजन के बाद, ये लोगों का मोबाइल ही है जो उनके लिए बेहद ज़रूरी और उनकी दिनचर्या का अहम हिस्सा है. आज हम बिना मोबाइल के अपने जीवन की कल्पना ही नहीं कर सकते. आज मोबाइल हमारे लिए कितना महत्वपूर्ण है इसका अंदाजा एक खबर से लगाया जा सकता है. खबर एक शोध के हवाले से है, शोध में पाया गया है कि 65% भारतीयों का बेस्ट फ्रेंड और वो जिससे सबसे ज्यादा प्यार करते हैं. वो कोई व्यक्ति नहीं बल्कि उनका स्मार्टफोन है.

मोबाइल निर्माता कम्पनी Motorola और Nancy Etcoff की ओर से किए गए नए शोध के मुताबिक, भारतीय अपने जीवन से जुड़े लोगों के मुकाबले अपने स्मार्टफोन के प्रति ज्यादा सहेत हैं. साथ ही भारतीय इसको लेकर बहुत अधिक जुनूनी भी हैं. शोध में जिस बात ने सबसे ज्यादा हैरत में डाला है वो ये है कि 65 फीसदी भारतीय ये मानते हैं कि, उनका मोबाइल फोन ही उनका सबसे अच्छा दोस्त है और किसी रिश्तेदार के मुकाबले वो अपने मोबाइल को ज्यादा प्यार करते हैं.

शोध के मुताबिक,"दुनिया भर में लगभग 50 फीसदी लोग इस बात पर सहमत हैं कि वो बार बार फोन चेक करते हैं. जबकि करीब 44 फीसदी मानते हैं कि वे नहीं चाहते हुए भी फोन चेक करने के लिए मजबूर हो जाते हैं. भारत की बात करें तो ऐसा करने वाले भारतीयों की तादाद क्रमशः 65 फीसदी और 57 फीसदी है." शोध ये भी बताता है कि भारत में 47 फीसदी युवा जिससे प्यार करते हैं उनसे अधिक ख्याल स्मार्टफोन का रखते हैं.

मोबाइल कम्पनी द्वारा किया गया ये शोध किसी को भी हैरत में डाल सकता है

शोध में ये भी निकलकर सामने आया है कि, स्मार्टफोन पर भावानात्मक निर्भरता के मामले में भी भारतीय सबसे ऊपर हैं. इसे ऐसे भी समझा जा सकता है कि, मान लीजिये कोई व्यक्ति अपनी प्रेमिका या पत्नी के साथ घूमने जाए और उसकी प्रेमिका या पत्नी का पैर कीचड़ में चला जाए और उसे चोट लग जाये तो उसे ज्यादा कोई फर्क नहीं पड़ेगा. मगर यही घटना अगर उसके फोन के साथ हो तो आप परिस्थिति की कल्पना खुद कर सकते हैं. आज व्यक्ति भले ही प्रेमिका या पत्नी को नया सूट और ज्वेलरी न दिलाए मगर वो अपने "प्रिय फोन" के लिए कुछ न ले ऐसा संभव नहीं है.

इस बात का अंदाजा आपको किसी भी मोबाइल मार्किट में जाने पर हो जाएगा. वहां आपको ऐसे तमाम लोग मिल जाएंगे जो स्क्रीन गार्ड और टेम्पर्ड ग्लास लगे फोन में स्क्रीन गार्ड और टेम्पर्ड ग्लास लगवा रहे होंगे, उनके फोन में बैक कवर होगा मगर बैक कवर खरीद रहे होंगे. याद रहे ऐसा इसलिए हो रहा है क्योंकि व्यक्ति अपने-अपने मोबाइल के लिए बेहद जुनूनी है.

मोबाइल फोन अडिक्शन किसी बीमारी की तरह हमें अपने जाल में खींचता नजर आ रहा है

इसके अलावा अगर बात इस बिंदु पर हो कि ऐसा क्यों हो रहा है तो इसकी एक बड़ी वजह जो निकल कर आ रही है वो ये कि आज जिस तरह कम दामों पर फोन और डाटा उपलब्ध कराया जा रहा है उसके चलते हम स्मार्ट फोन के जाल में बुरी तरह फंस गए हैं. स्टोर्स के अलावा अमेज़न, फ्लिप्कार्ट, स्नेपडील, होम शॉप 18 ऐसी तमाम वेबसाइट हैं जो आज हाई कॉन्फ़िग्रेशन वाले स्मार्ट फोन सस्ते दामों और एक से बढ़कर एक ऑफर के साथ बेच रही हैं.

इसके बाद रही गयी कसर रिलायंस, वोडाफोन, आईडिया, एयरटेल जैसी कंपनियों ने पूरी कर ली है. जब डाटा और मोबाइल फोन इतने कम दाम पर मिल रहे हैं तो हमारे सामने ऐसे शोध और ऐसी ख़बरें आनी लाजमी है. बहरहाल, कहीं न कहीं ये अपने आप में दुर्भाग्यपूर्ण है कि हम मोबाइल के चलते अपने संबंधों को दरकिनार कर रहे हैं मगर अच्छी बात ये है कि इस अस्त व्यस्त ज़िन्दगी में कम से कम हमारे पास प्रेम करने के लिए कुछ तो है अब भले ही वो स्मार्ट फोन ही क्यों न हो.

ये भी पढ़ें -

व्यंग्य : अब मोबाइल में रिसीवर से रेडिएशन रुकेगा, पहले नोटबंदी से कालाधन भी तो आया था

रिलायंस जियो के 49 रु. वाले प्‍लान ने 15 साल पुराना इतिहास दोहरा दिया

लड़का हो या लड़की, ये है लोगों को अपने जाल में फंसाने वाला मैसेज !


इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.

ये भी पढ़ें

Read more!

संबंधि‍त ख़बरें

  • offline
    मेटा का ट्विटर किलर माइक्रो ब्लॉगिंग एप 'Threads' आ गया...
  • offline
    क्या Chat GPT करोड़ों नौकरियों के लिये खतरा पैदा कर सकता है?
  • offline
    Google Bard है ही इतना भव्य ChatGPT को बुरी तरह से पिछड़ना ही था
  • offline
    संभल कर रहें, धोखे ही धोखे हैं डिजिटल वर्ल्ड में...
Copyright © 2025 Living Media India Limited. For reprint rights: Syndications Today.

Read :

  • Facebook
  • Twitter

what is Ichowk :

  • About
  • Team
  • Contact
Copyright © 2025 Living Media India Limited. For reprint rights: Syndications Today.
▲