• होम
  • सियासत
  • समाज
  • स्पोर्ट्स
  • सिनेमा
  • सोशल मीडिया
  • इकोनॉमी
  • ह्यूमर
  • टेक्नोलॉजी
  • वीडियो
होम
समाज

सुष्मिता के नए अफ़ेयर का पितृसत्ता के गले में हड्डी की तरह चुभना स्वाभाविक है!

    • नाज़िश अंसारी
    • Updated: 18 जुलाई, 2022 05:36 PM
  • 18 जुलाई, 2022 05:36 PM
offline
जिस समय में मद्रास हाई कोर्ट औरतों के मंगल सूत्र न पहनने को पति के प्रति क्रूर होना कह रहा हो. उस वक़्त आधे दर्ज़न से ज़्यादा प्रेम प्रसंगों वाली सुष्मिता का एक नया प्रेम प्रसंग, पितृसत्तात्मक व्यवस्था के गले में हड्डी की तरह चुभना लाज़मी है.

थीं तो दुनिया की सबसे खूबसूरत आंखों वाली ऐश्वर्या भी, लेकिन दिल हमेशा सांवली सुष्मिता पर ही अटका. बालों को इठला कर ऊपर चढ़ाते हुए बोलने की जो अदायगी उनमें है. अदायगी में जो ठहराव है. ठहराव में जो खिंचाव है. व्यक्तित्व में जो दृढ़ता है. दृढ़ता में जो गरिमा है. वह कहीं कहीं कहीं भी नहीं है.वह अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भारत का प्रतिनिधित्व करती हैं / होंगी. ठीक उसी वक़्त यह भी मानिये वह भारत की आम महिला का चेहरा नहीं हैं. वे बिन ब्याही मां बनी हों या अपने से दोगुने उम्र या आधी उम्र के व्यक्ति के साथ रिलेशनशिप में रही हों. समाज का फ़ौरन नज़ला बहने लगा.

जानते हैं सुष्मिता की खूबी क्या है? समाज के इन आक थूहों पर रुमाल डालते हुए N O Y B (none of your business) कहना और चलते बनना. वे जिस चमकती दुनिया में हैं, वहां अफेयर, लिव इन, ब्रेक अप, पैच अप, तलाक़, पुनर्विवाह की खबरें शाम में लिए जाने वाली स्नैक की तरह हैं.

एक्टर सुष्मिता सेन की ये खूबसूरती है कि उन्होंने अपनी जिंदगी में जो किया डंके की चोट पर किया

उन्होंने कभी अपने संबंधों को छुपाया नहीं. किसी के साथ भी रिश्ते में रहीं, गले तक डूबकर भरपूर रहीं. सार्वजनिक रहीं. अलग हुईं तो प्रेमी की तरफ से 'सुष्मिता सेन बेवफ़ा हैं' के हैशटैग नहीं चले. न उन्होंने शादी का झांसा देकर फांसा वाली शिकायत दर्ज़ कराई.

रिश्ते में होना, न होना सब कुछ गरिमा पूर्ण रहा. हर स्तर पर ग्रेस फुल रहना उनकी दूसरी खूबी है. भारतीय समाज को व्यक्तिगत स्पेस जैसी चीज बरतने की तमीज़ में अभी कई सौ साल लगेंगे. पड़ोस की लड़की छत पर क्यों खड़ी रहती है? दूसरी गली का लड़का मुहल्ले के 4 चक्कर लगाता है. फलां की बहू तो बहुत तेज है.

ढमाके के बच्चा हुआ? एक बच्चा भी कोई बच्चा है? मुहल्ले से लेकर संसद तक, शेयर बाजार...

थीं तो दुनिया की सबसे खूबसूरत आंखों वाली ऐश्वर्या भी, लेकिन दिल हमेशा सांवली सुष्मिता पर ही अटका. बालों को इठला कर ऊपर चढ़ाते हुए बोलने की जो अदायगी उनमें है. अदायगी में जो ठहराव है. ठहराव में जो खिंचाव है. व्यक्तित्व में जो दृढ़ता है. दृढ़ता में जो गरिमा है. वह कहीं कहीं कहीं भी नहीं है.वह अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भारत का प्रतिनिधित्व करती हैं / होंगी. ठीक उसी वक़्त यह भी मानिये वह भारत की आम महिला का चेहरा नहीं हैं. वे बिन ब्याही मां बनी हों या अपने से दोगुने उम्र या आधी उम्र के व्यक्ति के साथ रिलेशनशिप में रही हों. समाज का फ़ौरन नज़ला बहने लगा.

जानते हैं सुष्मिता की खूबी क्या है? समाज के इन आक थूहों पर रुमाल डालते हुए N O Y B (none of your business) कहना और चलते बनना. वे जिस चमकती दुनिया में हैं, वहां अफेयर, लिव इन, ब्रेक अप, पैच अप, तलाक़, पुनर्विवाह की खबरें शाम में लिए जाने वाली स्नैक की तरह हैं.

एक्टर सुष्मिता सेन की ये खूबसूरती है कि उन्होंने अपनी जिंदगी में जो किया डंके की चोट पर किया

उन्होंने कभी अपने संबंधों को छुपाया नहीं. किसी के साथ भी रिश्ते में रहीं, गले तक डूबकर भरपूर रहीं. सार्वजनिक रहीं. अलग हुईं तो प्रेमी की तरफ से 'सुष्मिता सेन बेवफ़ा हैं' के हैशटैग नहीं चले. न उन्होंने शादी का झांसा देकर फांसा वाली शिकायत दर्ज़ कराई.

रिश्ते में होना, न होना सब कुछ गरिमा पूर्ण रहा. हर स्तर पर ग्रेस फुल रहना उनकी दूसरी खूबी है. भारतीय समाज को व्यक्तिगत स्पेस जैसी चीज बरतने की तमीज़ में अभी कई सौ साल लगेंगे. पड़ोस की लड़की छत पर क्यों खड़ी रहती है? दूसरी गली का लड़का मुहल्ले के 4 चक्कर लगाता है. फलां की बहू तो बहुत तेज है.

ढमाके के बच्चा हुआ? एक बच्चा भी कोई बच्चा है? मुहल्ले से लेकर संसद तक, शेयर बाजार से लेकर फैशन तक जितना रस दूसरों की अंतरंग बातों को आहिस्ता से मुस्कुरा कर कहने में है, उतना किसी दूसरी शय में नहीं. एक समाज के रूप में हम अभी भी आलिया के ब्राइडल लुक में न्यूड लिपस्टिक या हनीमून से लौटते ही बेबी बम्प पर चर्चा करना ज्यादा पसंद करते हैं.

हमें पता ही नहीं कि रूपया डॉलर के मुकाबले कितना लुढ़कर कहां जा गिरा है. गैस सिलेंडर के दाम में इतनी बरकत क्यों है? वैसे भी, जहां नमाज़, बीफ़, पाकिस्तान जैसे शब्द न हो वो खबर, खबर नहीं रिक्त स्थानों की पूर्ति माध्यम मात्र है.

जिस समय में मद्रास हाई कोर्ट औरतों के मंगल सूत्र न पहनने को पति के प्रति क्रूर होना कह रहा हो. उस वक़्त आधे दर्ज़न से ज़्यादा प्रेम प्रसंगों वाली सुष्मिता का एक नया प्रेम प्रसंग पितृसत्तात्मक व्यवस्था के गले में हड्डी की तरह चुभना लाज़मी है.

हज़ार बार महिला सशक्तिकरण प्रोग्रामों में घंटा घण्टा भर भाषण बांचने के बावजूद पढ़ी लिखी, आत्मनिरभर, दिल- दिमाग से ज्यादा इरादों की मज़बूत महिला भले ब्राह्मंडिय स्तर पर अपना लोहा मनवा चुकी हो. वह आपकी आंखों का तारा कम, किरकिरी ज्यादा बनेगी. लेकिन इससे सुष्मिता को क्या ही फ़र्क़ पड़ता है. वे तब भी मुस्कुराती हुई कहेंगी- N O Y B.

ये भी पढ़ें -

Shoorveer Web series Review: देशभक्ति में डूबी वेब सीरीज से गैरहाजिर रोमांच

आधी जुलाई तबाह, Box Office पर बॉलीवुड का बेड़ा कैसे पार होगा? शमशेरा-एक विलेन रिटर्न्स से उम्मीदें!

अक्षय-आमिर-अमिताभ भी YRF की कोई पीरियड ड्रामा हिट नहीं करा पाए, रणबीर की शमशेरा का क्या होगा?

इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.

ये भी पढ़ें

Read more!

संबंधि‍त ख़बरें

  • offline
    आम आदमी क्लीनिक: मेडिकल टेस्ट से लेकर जरूरी दवाएं, सबकुछ फ्री, गांवों पर खास फोकस
  • offline
    पंजाब में आम आदमी क्लीनिक: 2 करोड़ लोग उठा चुके मुफ्त स्वास्थ्य सुविधा का फायदा
  • offline
    CM भगवंत मान की SSF ने सड़क हादसों में ला दी 45 फीसदी की कमी
  • offline
    CM भगवंत मान की पहल पर 35 साल बाद इस गांव में पहुंचा नहर का पानी, झूम उठे किसान
Copyright © 2025 Living Media India Limited. For reprint rights: Syndications Today.

Read :

  • Facebook
  • Twitter

what is Ichowk :

  • About
  • Team
  • Contact
Copyright © 2025 Living Media India Limited. For reprint rights: Syndications Today.
▲