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उत्तरप्रदेश में तिरंगा यात्रा क्यों?

    • आलोक रंजन
    • Updated: 31 जनवरी, 2018 01:45 PM
  • 31 जनवरी, 2018 01:45 PM
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क्या ये बीजेपी और अन्य हिंदू दलों की स्ट्रेटेजी है कि 2019 लोकसभा चुनाव तक माहौल इसी तरह का हो और हिंदू ध्रुवीकरण बीजेपी के पक्ष में जाये. सबसे बड़ी मजबूरी ये है कि कमजोर विपक्ष है. और इसी का फायदा भाजपा को मिल रहा है.

जिस तिरंगा यात्रा के कारण उत्तरप्रदेश के कासगंज में गोली चल गयी थी. दंगा फ़ैल गया था. हिन्दू और मुस्लिमों के बीच गहरी खाई दिखाई देने लगी है. चन्दन नाम के एक युवक की मौत हो गयी. प्रदेश के मुख्यमंत्री ने चंदन की मौत की जांच के लिए स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) गठित की है वो पूरी जांच करके रिपोर्ट सरकार को सौंपेगी. अब वही तिरंगा यात्रा उत्तर प्रदेश के अन्य जिलों में भी शुरू हो गयी है.

विश्व हिंदू परिषद और अन्य हिन्दू दलों ने बुधवार को आगरा में तिरंगा यात्रा निकाली. विश्व हिंदू परिषद, बजरंग दल और अन्य हिन्दू दलों के कार्यकर्ताओं ने फिरोजाबाद में भी तिरंगा यात्रा निकाला. कासगंज से शुरू हुए तिरंगा यात्रा ने अब पूरे उत्तरप्रदेश को अपने चपेट में ले लिया है. अब सवाल ये उठता है कि आखिर तिरंगा यात्रा की इजाजत प्रशाषन क्यों दे रही है? वो भी तब जब सरकार को पता है कि इससे माहौल खराब हो सकते हैं. खबर तो ये भी है कि ये तिरंगा यात्रा चन्दन की याद में निकाला गया है.

जिस तिरंगा यात्रा के कारण उत्तरप्रदेश के कासगंज में गोली चल गयी थी. दंगा फ़ैल गया था. हिन्दू और मुस्लिमों के बीच गहरी खाई दिखाई देने लगी है. चन्दन नाम के एक युवक की मौत हो गयी. प्रदेश के मुख्यमंत्री ने चंदन की मौत की जांच के लिए स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) गठित की है वो पूरी जांच करके रिपोर्ट सरकार को सौंपेगी. अब वही तिरंगा यात्रा उत्तर प्रदेश के अन्य जिलों में भी शुरू हो गयी है.

विश्व हिंदू परिषद और अन्य हिन्दू दलों ने बुधवार को आगरा में तिरंगा यात्रा निकाली. विश्व हिंदू परिषद, बजरंग दल और अन्य हिन्दू दलों के कार्यकर्ताओं ने फिरोजाबाद में भी तिरंगा यात्रा निकाला. कासगंज से शुरू हुए तिरंगा यात्रा ने अब पूरे उत्तरप्रदेश को अपने चपेट में ले लिया है. अब सवाल ये उठता है कि आखिर तिरंगा यात्रा की इजाजत प्रशाषन क्यों दे रही है? वो भी तब जब सरकार को पता है कि इससे माहौल खराब हो सकते हैं. खबर तो ये भी है कि ये तिरंगा यात्रा चन्दन की याद में निकाला गया है.

प्रशासन आखिर अनुमति कैसे दे रहा इस तरह के प्रदर्शनों के लिए?

उत्तरप्रदेश में पिछले कई सालों से हिंदू और मुस्लिम एक साथ सांप्रदायिक सौहार्द में रहते हैं. प्रदेश के मुख्यमंत्री कई बार कह चुके हैं कि उत्तरप्रदेश को रामराज्य बनाएंगे. क्या इसी की कल्पना उन्होंने की थी?

प्रदेश में क्या तिरंगा यात्रा जरुरी है या फिर विकास? प्रदेश में सरकार कब ऐसा माहौल बनाएगी जब शांति रहे? या फिर ये बीजेपी और अन्य हिंदू दलों की स्ट्रेटेजी है कि 2019 लोकसभा चुनाव तक माहौल इसी तरह का हो और हिंदू ध्रुवीकरण बीजेपी के पक्ष में जाये. सबसे बड़ी मजबूरी ये है कि कमजोर विपक्ष है. और इसी का फायदा भाजपा को मिल रहा है.

क्या पीएम मोदी ने योगी आदित्यनाथ को प्रदेश की कमान इसलिए ही थमाई थी?

अगर नजर 2019 लोकसभा चुनाव है तो देखते जाएं कि उत्तर प्रदेश में आगे क्या क्या होता है. मोदी ने योगी आदित्यनाथ को उत्तरप्रदेश की कमान इसीलिए दी थी ताकि प्रदेश में हिंदू अलख को जगाये रखा जा सके.

कासगंज का मामला क्या है?

कासगंज में 26 जनवरी को विश्व हिन्दू परिषद और अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के लोगों ने तिरंगा यात्रा निकाली. आरोप लगाया गया की एक विशेष समुदाय के लोगों ने बाइक पर तिरंगा यात्रा निकाली थी जिस पर पथराव किया गया. बाद में हिंसा भड़क गई. हिंसा में चंदन गुप्ता नाम के युवक की मौत हो गई. कासगंज के जिला अधिकारी आर पी सिंह ने बताया कि तिरंगा यात्रा की कोई इजाजत नहीं ली गयी थी.

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इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.

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