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Sheer Qorma trailer: थोड़ी देर के लिए CAA का बवाल भूल जाइए

    • बिलाल एम जाफ़री
    • Updated: 25 फरवरी, 2020 10:40 PM
  • 25 फरवरी, 2020 10:40 PM
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समलैंगिकता (Homosexuality) पर आयुष्मान खुराना (Ayushmann Khurrana) की शुभ मंगल ज्यादा सावधान (Shubh Mangal Zyada Saavdhan) के बाद स्वरा भास्कर (Swara Bhaskar) की फिल्म शीर कोरमा (Sheer Qorma) हमारे सामने है. फिल्म का ट्रेलर (Sheer Qorma Trailer) किसी बवाल से कम नहीं है.

एक ऐसे वक़्त में जब नागरिकता संशोधन कानून के विरोध प्रदर्शनों (Anti CAA Protest) ने हिंसा (Violence) का रुख अपना लिया हो और एक के बाद एक लोगों के मरने की खबरें आ रही हों, तमाम तरह की बहसों को आधार मिलना स्वाभाविक था. थोड़ी देर के लिए CAA का बवाल भूल जाइए. आने वाला वक़्त LGBTQ कम्युनिटी का है. LGBTQ को लेकर भले ही हमारा समाज अभी भी सहज न हुआ हो मगर जैसा रवैया बॉलीवुड का है उसे एक पुरुष के दूसरे पुरुष या फिर एक महिला के दूसरी महिला से संबंधों पर कोई ऐतराज नहीं है. बॉलीवुड इसे लेकर पूरी तरह सहज है और आयुष्मान खुराना ((Ayushmann Khurrana) की फिल्म शुभ मंगल ज्यादा सावधान (Shubh Mangal Zyada Saavdhan) के फ़ौरन बाद शीर कोरमा ट्रेलर (Sheer Qorma trailer) रिलीज ने एक नई बहस की शुरुआत कर दी है. ध्यान रहे कि अभी समलैंगिक रिश्तों (Homosexual relations) पर आधारित आयुष्मान खुराना की फिल्म शुभ मंगल ज्यादा सावधान पर बात हो ही रही थी कि एक्टर स्वरा भास्कर (Swara Bhaskar) और दिव्या दत्ता (Divya Dutta) अपनी फिल्म शीर कोरमा के साथ हमारे सामने हैं. फिल्म शीर कोरमा का ट्रेलर रिलीज हुआ है. जिसका ताना बाना दो मुस्लिम महिलाओं जो एक दूसरे से प्यार करती है और एक होना चाहती हैं, को ध्यान में रखकर बुना गया है.

समलैंगिक संबंधों पर आयुष्मान की फिल्म के बाद स्वरा की फिल्म शीर कोरमा का ट्रेलर हमारे सामने है

ट्रेलर पर गौर करें तो मिलता है कि फिल्म को प्रभावी बनाने के लिए फिल्म के निर्देशक ने बहुत ही दिमाग से काम लिया है. फिल्म दर्शकों के दिमाग पर अपनी छाप छोड़ पाए इसके लिए फिल्म में कलाकारों के तौर पर थियेटर के दिग्गजों जैसे स्वरा भास्कर, दिव्या दत्ता, शबाना आजमी, प्रिया मलिक, जितिन गुलाटी जैसे लोगों को लिया गया है. 2.18 सेकंड के इस ट्रेलर में जिस तरह के...

एक ऐसे वक़्त में जब नागरिकता संशोधन कानून के विरोध प्रदर्शनों (Anti CAA Protest) ने हिंसा (Violence) का रुख अपना लिया हो और एक के बाद एक लोगों के मरने की खबरें आ रही हों, तमाम तरह की बहसों को आधार मिलना स्वाभाविक था. थोड़ी देर के लिए CAA का बवाल भूल जाइए. आने वाला वक़्त LGBTQ कम्युनिटी का है. LGBTQ को लेकर भले ही हमारा समाज अभी भी सहज न हुआ हो मगर जैसा रवैया बॉलीवुड का है उसे एक पुरुष के दूसरे पुरुष या फिर एक महिला के दूसरी महिला से संबंधों पर कोई ऐतराज नहीं है. बॉलीवुड इसे लेकर पूरी तरह सहज है और आयुष्मान खुराना ((Ayushmann Khurrana) की फिल्म शुभ मंगल ज्यादा सावधान (Shubh Mangal Zyada Saavdhan) के फ़ौरन बाद शीर कोरमा ट्रेलर (Sheer Qorma trailer) रिलीज ने एक नई बहस की शुरुआत कर दी है. ध्यान रहे कि अभी समलैंगिक रिश्तों (Homosexual relations) पर आधारित आयुष्मान खुराना की फिल्म शुभ मंगल ज्यादा सावधान पर बात हो ही रही थी कि एक्टर स्वरा भास्कर (Swara Bhaskar) और दिव्या दत्ता (Divya Dutta) अपनी फिल्म शीर कोरमा के साथ हमारे सामने हैं. फिल्म शीर कोरमा का ट्रेलर रिलीज हुआ है. जिसका ताना बाना दो मुस्लिम महिलाओं जो एक दूसरे से प्यार करती है और एक होना चाहती हैं, को ध्यान में रखकर बुना गया है.

समलैंगिक संबंधों पर आयुष्मान की फिल्म के बाद स्वरा की फिल्म शीर कोरमा का ट्रेलर हमारे सामने है

ट्रेलर पर गौर करें तो मिलता है कि फिल्म को प्रभावी बनाने के लिए फिल्म के निर्देशक ने बहुत ही दिमाग से काम लिया है. फिल्म दर्शकों के दिमाग पर अपनी छाप छोड़ पाए इसके लिए फिल्म में कलाकारों के तौर पर थियेटर के दिग्गजों जैसे स्वरा भास्कर, दिव्या दत्ता, शबाना आजमी, प्रिया मलिक, जितिन गुलाटी जैसे लोगों को लिया गया है. 2.18 सेकंड के इस ट्रेलर में जिस तरह के संवाद हैं उन्हें देखकर एक बात तो साफ़ है कि जिस सोच के साथ स्क्रिप्ट राइटर ने स्क्रिप्ट लिखी और जैसे निर्देशक ने उसके साथ इंसाफ किया फलम वो मैसेज देने में कामयाब हो गई जिसे लेकर इस फिल्म का निर्माण किया गया था.

ट्रेलर पर ध्यान देने पर मिलता है कि इसमें सितारा का किरदार अदा कर रही स्वरा एक पाकिस्तानी बनी हैं जो टोरंटो में पली और बढ़ी हैं .वहीं सायरा का किरदार निभा रही दिव्या भारतीय हैं. फिल्म में दोनों को 10 साल से एक दूसरे के साथ रिलेशनशिप में दिखाया गया है और बताया गया है कि दोनों एक दूसरे से बहुत प्यार करते हैं और आगे भी ये साथ ही जिंदगी बिताना चाहते हैं.

फिल्म में एक मुस्लिम परिवार दिखाया गया है जिसमें घर की मुखिया शबाना आजमी हैं. फिल्म में उनका  सायरा बनी दिव्या से ये कहना कि, 'ये सब कुछ कुदरत के खिलाफ है' समलैंगिकता के मामले में न सिर्फ एक मुस्लिम परिवार की चुनौतियां बता रहा है बल्कि ये भी दर्शा रहा है कि कैसे आज भी हमारे समाज में एक पुरुष के किसी दूसरे पुरुष से संबंध या फिर एक महिला का दूसरी महिला से इश्क करना आज भी लोगों को रास नहीं आता और ऐसे लोगों पर हमारा समाज आज भी कड़ी प्रतिक्रिया देता है.

चूंकि फिल्म का टॉपिक दो महिलाओं का प्रेम या ये कहें कि समलैंगिकता है तो माना जा रहा है कि जैसे जैसे फिल्म की रिलीज नजदीक आएगी ये फिल्म विवादों को भी जन्म देगी. फिल्म का ट्रेलर भले ही थोड़ा स्लो हो मगर कलाकारों की जैसी परफॉरमेंस हम इसमें देख रहे हैं, ये कहने में कोई गुरेज नहीं है कि फिल्म की कहानी निश्चित तौर से बहुत प्रभावी है. जो न सिर्फ लोगों का ध्यान आकर्षित करेगी बल्कि लोगों को ये सोचने के लिए मजबूर करेगी कि  LGBT कम्युनिटी के लोग भी इंसान हैं और उनके अन्दर भी भावनाएं हैं.

क्योंकि इसी साल पहले शुभ मंगल ज्यादा सावधान रिलीज हुई और अब शीर कोरमा का ट्रेलर आया है तो हमारे लिए भी ये बताना बहुत जरूरी है कि ये कोई पहली बार नहीं है जब समलैंगिकता को आधार बनाकर फ़िल्में रिलीज हुई हैं और उन्होंने सुर्खियां बटोरी हैं. बॉलीवुड में इस टॉपिक पर फिल्मों की शुरुआत 1996 से हुई. तो आइये नजर डालते हैं कि उन फिल्मों पर जो थीं तो समलैंगिकता जैसे विषय पर मगर जो कहीं न कहीं दर्शकों की नब्ज़ पकड़ने में कामयाब हुईं.

फायर 1996

1996 में आई दीपा मेहता की फिल्म फायर का शुमार बॉलीवुड की उस मूवी में है जिसने सबसे पहले इस टॉपिक को छुआ. फिल्म में नंदिता दास और शबाना आजमी मुख्या भूमिका में थे. 90 के दशक में दीपा मेहता के लिए भी ये फिल्म बनाना बिलकुल भी आसान नहीं था. दीपा को इस फिल्म के लिए तमाम तरह की आलोचनाओं का सामना करना पड़ा.

माय ब्रदर...निखिल (2005)

1996 में दीपा मेहता की फायर के बाद 2005 में समलैंगिकता को आधार बनाकर फिल्म आई माय ब्रदर...निखिल. माय ब्रदर...निखिल, निखिल नाम के एक लड़के की कहानी है जो समलैंगिक है और बीमार रहता है. बीमारी की जांच में पता चलता है कि निखिल एचआईवी से ग्रसित है और उस समय केवल उसकी प्रेमिका और उसकी बहन मदद के लिए सामने आते हैं.

कपूर एंड संस (2015)

2015 में आई कपूर एंड संस एक फैमिली ड्रामा था जिसमें दो भाई अपने दादा से मिलने आते हैं. फिल्म में ट्विस्ट तब आता है जब पता चलता है कि दोनों में से एक भाई गे है और उसे महिलाओं की अपेक्षा पुरुष पसंद हैं.

मार्गरीटा विद ए स्ट्रॉ (2014)

कल्कि कोचलिन ने अपने काम के जाइये ये साबित किया है कि वह एक शानदार कलाकार हैं. 2014 में आई शोनाली बोस की फिल्म मार्गरीटा विद ए स्ट्रॉ में, उन्होंने एक ऐसी लड़की का किरदार  निभाया था जिसे सेरेब्रल पाल्सी है और जो एक नेत्रहीन पाकिस्तानी महिला से प्रेम कर बैठती है. फिल्म में उन तमाम चुनौतियों को दिखाया गया है जो वो लड़की उठाती है जो एक महिला के प्रेम की गिरफ्त में है और जो एक बीमारी से भी पीड़ित है.

अलीगढ़ 2016

2016 में आई फिल्म अलीगढ़ एक सच्ची घटना पर आधरिओत फिल्म है जिसमें अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के प्रोफ़ेसर, रामचंद्र सीरस की चुनौतियों को दिखाया गया है. फिल्म में मनोज वाजपेयी मुख्य भूमिका में है जिन्हें एक समलैंगिक व्यक्ति का किरदार निभाते हुए दिखाया गया है. फिल्म विवादों में आई थी और इसे अलीगढ़ में बैन कर दिया गया था.

एक लड़की को देखा तो ऐसा लगा (2019)

2019 में आई फिल्म एक लड़की को देखा तो ऐसा लगा में डांस, म्यूजिक, सिनेमेटोग्राफी, बढ़िया निर्देशन जैसी सभी चीजें थीं. इस फिल्म को एक कम्प्लीट पैकेज माना जा सकता है लेकिन जिस बात को लेकर ये फिल्म सुर्ख़ियों में आई ठो वो था इस फिल्म का थीम. फिल्म में क्यूईर कपल को दिखाया गया था. फिल्म में  उन तमाम परेशानियों पर बात की गई थी जिसका सामना एक समलैंगिक कपल को करना पड़ता है.

शुभ मंगल ज्यादा सावधान (2020)

अभी हाल में ही रिलीज हुई फिल्म शुभ मंगल ज्यादा सावधान भी एक ऐसी फिल्म है जिसमें दो लड़कों के प्रेम को पर्दे पर दर्शाया गया है. फिल्म में आयुष्मान खुराना लीड भूमिका में हैं. फिल्म कॉमेडी जॉनर की फिल्म तो है मगर इसमें भी यही बताया गया है कि एक ऐसे वक़्त में जब हम विकसित होने और आगे बढ़ने की बातें कर रहे हों आज भी तमाम लोग ऐसे हैं जो दो पुरुषों के प्रेम को पचा पाने में असमर्थ हैं.

बहरहाल, स्वरा भास्कर की फिल्म शीर कोरमा दर्शकों को कितना प्रभावित करेगी इस सवाल का जवाब हमें वक़्त देगा मगर जैसी इस फिल्म की स्टारकास्ट है 2.18 मिनट का फिल्म का ट्रेलर देखकर इस बात का अंदाजा तो लगाया ही जा सकता है कि फिल्म एक बड़ी हिट अबित होगी बशर्ते फिल्म के कंटेंट को लेकर लोग सहज रहें.

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इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.

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