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Rishi Kapoor Death News: ऋषि कहीं नहीं गए, वो हैं सदा के लिए...

    • ऋचा साकल्ले
    • Updated: 30 अप्रिल, 2020 04:42 PM
  • 30 अप्रिल, 2020 04:42 PM
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Rishi Kapoor death news: भले ही आज ऋषि कपूर (Rishi Kapoor ) हम सब के बीच न हों मगर जैसी उनकी फ़िल्में थीं (Rishi Kapoor Films) इस बात में कोई शक नहीं है कि उन्होंने दुनिया के लोगों को प्रेम करना सिखाया.

Rishi Kapoor Death news : ऋषि कपूर, यह वो नाम है जो जिस किसी के ज़ेहन में आता है उसे यह ख़्याल शायद ही आया हो कि यह शख़्स हमारे बीच से चला जाएगा. ऋषि कभी नहीं रहेंगे या वो दुनिया से जा भी सकते हैं यह किसी ने कभी सोचा ही नहीं. ऋषि (Rishi Kapoor) तो सदा के लिए हैं उनके चाहने वाले शायद यही मानते रहे इसलिए असमय उनकी दुनिया से विदाई को कोई स्वीकार ही नहीं कर पा रहा है. दरअसल कोई ऐसा सोचे भी तो क्यों, जो शख़्स जीवन भर ना सिर्फ़ सिल्वर स्क्रीन पर बल्कि असल ज़िंदगी में भी प्यार लुटाता रहा प्यार बांटता रहा, मुस्कुराता रहा, मुस्कान देता रहा वो भला हमारे बीच से कैसे जा सकता है. राज कपूर (Raj Kapoor) ने 1970 में जिस मुस्कुराते बच्चे की पहचान फिल्म मेरा नाम जोकर (Mera Naam Joker) से कराई वो फ़िल्म 102 नाट आउट (102 Not Out) तक सबको मुस्कुराते ही दिखा. इसीलिए परिवार ने न सिर्फ़ फ़ैन्स और चाहने वालों से बल्कि सबसे अपील की है कि उन्हें आंसुओं से नहीं मुस्कान से याद रखें. अपने आख़िरी वक्त में ऋषि अस्पताल में भी डाक्टरों और स्टाफ़ को हंसाते ही रहे.

अपनी फिल्मों के जरिये ऋषि ने दुनिया वालों को प्यार करना भी सिखाया

अभिनय के स्कूल का शहंशाह माने जाने वाले कपूर ख़ानदान का यह लड़का 1973 में फ़िल्म बॉबी से ही एक रोमांटिक हीरो के रूप में पहचान बना ले गया और उसके बाद लगातार दो दशक तक सिल्वर स्क्रीन पर दर्जनों फ़िल्मों से वो लवर ब्वाय के रूप में एकछत्र राज करते रहे. 80-90 के दशक की कई फ़िल्में जैसे खेल खेल में, क़र्ज़ और चांदनी बॉक्स ऑफिस पर ज़बरदस्त हिट रहीं और ऋषि के लिए लोगों की दीवानगी बढ़ाती रहीं.

70 एम एम पर उनके डांस उनकी उछलकूद एक अलग ही जगह बनाती रही उस दशक में मिथुन चक्रवर्ती के बाद किसी का डांस पब्लिक में हिट रहा तो वो ऋषि ही थे....

Rishi Kapoor Death news : ऋषि कपूर, यह वो नाम है जो जिस किसी के ज़ेहन में आता है उसे यह ख़्याल शायद ही आया हो कि यह शख़्स हमारे बीच से चला जाएगा. ऋषि कभी नहीं रहेंगे या वो दुनिया से जा भी सकते हैं यह किसी ने कभी सोचा ही नहीं. ऋषि (Rishi Kapoor) तो सदा के लिए हैं उनके चाहने वाले शायद यही मानते रहे इसलिए असमय उनकी दुनिया से विदाई को कोई स्वीकार ही नहीं कर पा रहा है. दरअसल कोई ऐसा सोचे भी तो क्यों, जो शख़्स जीवन भर ना सिर्फ़ सिल्वर स्क्रीन पर बल्कि असल ज़िंदगी में भी प्यार लुटाता रहा प्यार बांटता रहा, मुस्कुराता रहा, मुस्कान देता रहा वो भला हमारे बीच से कैसे जा सकता है. राज कपूर (Raj Kapoor) ने 1970 में जिस मुस्कुराते बच्चे की पहचान फिल्म मेरा नाम जोकर (Mera Naam Joker) से कराई वो फ़िल्म 102 नाट आउट (102 Not Out) तक सबको मुस्कुराते ही दिखा. इसीलिए परिवार ने न सिर्फ़ फ़ैन्स और चाहने वालों से बल्कि सबसे अपील की है कि उन्हें आंसुओं से नहीं मुस्कान से याद रखें. अपने आख़िरी वक्त में ऋषि अस्पताल में भी डाक्टरों और स्टाफ़ को हंसाते ही रहे.

अपनी फिल्मों के जरिये ऋषि ने दुनिया वालों को प्यार करना भी सिखाया

अभिनय के स्कूल का शहंशाह माने जाने वाले कपूर ख़ानदान का यह लड़का 1973 में फ़िल्म बॉबी से ही एक रोमांटिक हीरो के रूप में पहचान बना ले गया और उसके बाद लगातार दो दशक तक सिल्वर स्क्रीन पर दर्जनों फ़िल्मों से वो लवर ब्वाय के रूप में एकछत्र राज करते रहे. 80-90 के दशक की कई फ़िल्में जैसे खेल खेल में, क़र्ज़ और चांदनी बॉक्स ऑफिस पर ज़बरदस्त हिट रहीं और ऋषि के लिए लोगों की दीवानगी बढ़ाती रहीं.

70 एम एम पर उनके डांस उनकी उछलकूद एक अलग ही जगह बनाती रही उस दशक में मिथुन चक्रवर्ती के बाद किसी का डांस पब्लिक में हिट रहा तो वो ऋषि ही थे. मेरी उमर के नौजवानों, एक हसीना थी समेत कई गानों पर उनका डांस आज के नौजवानों को भी थिरकने पर मजबूर कर देता है.

सच कहूं तो ऋषि कपूर बॉलीवुड के उन कलाकारों में से एक हैं जो हर दशक के लोगों के दिल में जगह बनाए हुए हैं. लवर ब्वाय, डांसिंग स्टार की तरह वो कैरेक्टर रोल में भी याद किए जाते रहेंगे. अमिताभ, विनोद खन्ना और शत्रुघ्न सिन्हा के दौर में होते हुए भी ऋषि ने अपनी अलग छवि बनाई. चाहे अमर अकबर एंथोनी ले लीजिए या हाल में आई मुल्क अपने अभिनय से ऋषि ने हर दौर के मानस को अपना बनाया. कॉमेडी में भी ऋषि कपूर की अपनी पहचान बनी.

लगभग 50 साल के अपने फ़िल्म करियर में ऋषि हर दौर में विशिष्ट रहे. वो हर रूप में स्क्रीन पर दर्शकों को अपनी वर्सेटालिटी से लुभाते रहे अपना बनाते रहे. यही वजह रही कि उनके लिए फैंस की दीवानगी चरम पर रही. यह उनके लिए दीवानगी की ही हद है कि शायद आज उनके अचानक असमय हमारे बीच से चले जाने पर कोई भरोसा ही नहीं कर पा रहा है. अमिताभ से लेकर तमाम बॉलीवुड हस्तियाँ और उनके दोस्त उनके फ़ैन्स खुद को टूटा हुआ महसूस कर रहे हैं.

द बॉडी ऋषि कपूर की आख़िरी फ़िल्म थी. आज भले ही एक बॉडी के रूप में वो हमारे बीच नहीं लेकिन हमारे ज़ेहन में सदा के लिए हैं थे और रहेंगे.

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इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.

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