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गोलू की बुद्धि, गुड्डू का बाहुबल Mirzapur 2 में मुन्ना को कालीन भइया भी नहीं बचा सकते!

    • बिलाल एम जाफ़री
    • Updated: 20 अक्टूबर, 2020 06:30 PM
  • 20 अक्टूबर, 2020 06:30 PM
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मिर्जापुर (Mirzapur 2) के फैंस को बड़ी राहत मिलने वाली है. जल्द ही मिर्जापुर सीजन 2 रिलीज (Mirzapur Season 2) होने वाली है. इस सीजन में मजा इसलिए भी दोगुना होने वाला है क्योंकि गोलू (Golu Gupta) से लेकर डिम्पी (Dimpy) तक एक बार फिर महिलाएं अपने दमदार कैरेक्टर और एक्टिंग स्किल से अपना लोहा मनवाने वाली हैं.

तमाम मुद्दों के बाद अगर किसी चीज की चर्चा मौजूदा हिंदुस्तान में है तो वो अमेजन प्राइम वीडियो (Amazon Prime Video) की चर्चित वेब सीरीज मिर्जापुर (Mirzapur Season 2) है. साल 2019 में मिर्जापुर (Mirzapur) का सीजन वन आया, जिसे दर्शकों का भरपूर प्यार मिला इसी तरह अब इंतेजार सीजन 2 का है. सीज़न 2 बदले की कहानी है. इस सीजन में गुड्डू (Guddu Pandit ) को मुन्ना (Munna Tripathi) से स्वीटी (Sweety Gupta) और बब्लू की मौत का बदला लेना है. वहीं बात मुन्ना की हो तो इस बार हम जौनपुर (Jaunpur ) से मिर्जापुर की कुर्सी पर नजर गड़ाए रति शंकर शुक्ला के लड़के से भी लोहा लेते मुन्ना त्रिपाठी को देखेंगे. जैसे ही हम मिर्जापुर की कल्पना करते हैं हमें पुरुष चाहे वो कालीन भइया और बाबूजी हों या फिर मुन्ना त्रिपाठी, गुड्डू पंडित (Guddu Pandit), बब्लू पंडित खुद रति शंकर शुक्ला से लेकर कंपाउंडर और मकबूल तक सीजन 1 से जुड़ा प्रत्येक पुरूष हमें निर्णायक भूमिका में नजर आता है. सवाल ये है कि क्या वाक़ई ऐसा था? क्या मिर्जापुर सिर्फ पुरुष सत्ता को दर्शाता है? यदि आपका जवाब हां है तो यकीन मानिए आप ग़लत हैं. सवाल फिर होगा कि कैसे? तो जवाब बस इतना है कि आपको मिर्ज़ापुर सीजन 1 दोबारा देखना चाहिए.

मिर्ज़ापुर सीजन 2 में बदले अवतार में नजर आएंगी गोलू गुप्ता मिर्जापुर सीजन 1 में चाहे वो त्रिपाठी खानदान की बहू हों या फिर स्वीटी और गोलू गुप्ता. गुड्डू बबलू की मां से लेकर हर वो स्त्री जो सीजन 1 में दिखी है मजबूती के साथ महिला सशक्तिकरण को दर्शाती है. अब खुद देखिए सीजन 1 में वो मिर्ज़ापुर जो मुन्ना भइया के आतंक से कांपता है उसे स्वीटी अपने जूते की नोक पर रखती है.

इसी तरह आप अगर गोलू गुप्ता को देखें तो सीजन 1 में उनका भी जलवा अपने में लाजवाब था. इन सब के बाद अगर हम...

तमाम मुद्दों के बाद अगर किसी चीज की चर्चा मौजूदा हिंदुस्तान में है तो वो अमेजन प्राइम वीडियो (Amazon Prime Video) की चर्चित वेब सीरीज मिर्जापुर (Mirzapur Season 2) है. साल 2019 में मिर्जापुर (Mirzapur) का सीजन वन आया, जिसे दर्शकों का भरपूर प्यार मिला इसी तरह अब इंतेजार सीजन 2 का है. सीज़न 2 बदले की कहानी है. इस सीजन में गुड्डू (Guddu Pandit ) को मुन्ना (Munna Tripathi) से स्वीटी (Sweety Gupta) और बब्लू की मौत का बदला लेना है. वहीं बात मुन्ना की हो तो इस बार हम जौनपुर (Jaunpur ) से मिर्जापुर की कुर्सी पर नजर गड़ाए रति शंकर शुक्ला के लड़के से भी लोहा लेते मुन्ना त्रिपाठी को देखेंगे. जैसे ही हम मिर्जापुर की कल्पना करते हैं हमें पुरुष चाहे वो कालीन भइया और बाबूजी हों या फिर मुन्ना त्रिपाठी, गुड्डू पंडित (Guddu Pandit), बब्लू पंडित खुद रति शंकर शुक्ला से लेकर कंपाउंडर और मकबूल तक सीजन 1 से जुड़ा प्रत्येक पुरूष हमें निर्णायक भूमिका में नजर आता है. सवाल ये है कि क्या वाक़ई ऐसा था? क्या मिर्जापुर सिर्फ पुरुष सत्ता को दर्शाता है? यदि आपका जवाब हां है तो यकीन मानिए आप ग़लत हैं. सवाल फिर होगा कि कैसे? तो जवाब बस इतना है कि आपको मिर्ज़ापुर सीजन 1 दोबारा देखना चाहिए.

मिर्ज़ापुर सीजन 2 में बदले अवतार में नजर आएंगी गोलू गुप्ता मिर्जापुर सीजन 1 में चाहे वो त्रिपाठी खानदान की बहू हों या फिर स्वीटी और गोलू गुप्ता. गुड्डू बबलू की मां से लेकर हर वो स्त्री जो सीजन 1 में दिखी है मजबूती के साथ महिला सशक्तिकरण को दर्शाती है. अब खुद देखिए सीजन 1 में वो मिर्ज़ापुर जो मुन्ना भइया के आतंक से कांपता है उसे स्वीटी अपने जूते की नोक पर रखती है.

इसी तरह आप अगर गोलू गुप्ता को देखें तो सीजन 1 में उनका भी जलवा अपने में लाजवाब था. इन सब के बाद अगर हम त्रिपाठी खानदान की बहू बनी बीना त्रिपाठी को देखें तो बीना को एक ऐसी स्त्री के रूप में दिखाया है जो अपने पति से प्यार पाना चाहती है लेकिन नाकाम होती है. बीना अपनी संतुष्टि के लिए अपने नौकर की क्षरण में जाती है और फिर उसकेबाद क्या हुआ ये किसी से छिपा नहीं है.

इतनी बातें इस बात की तस्दीख कर देती हैं कि मिर्जापुर के सीजन वन में महिलाओं की क्या हैसियत थी. अब जबकि सीजन 2 आ रहा है तो इस सीजन में भी इसी बात को दोहराया गया है. इस सीजन में भी हमें महिलाएं निर्णायक भूमिका में दिखेंगी.

सीजन 1 का लास्ट एपिसोड अगर आपको याद हो तो गुड्डू पंडित अपने पूरे परिवार के साथ एक शादी में जाते हैं जहां मुन्ना और उनके गुर्गे बबलू और स्वीटी को मार देते हैं. इस हमले में गुड्डू और गोलू बच जाते हैं. सीजन 2 इसके बाद की कहानी है. साथ ही ये कहानी कैसे मिर्जापुर के संघर्ष के बीच महिला सशक्तिकरण को दर्शाती है? अगर सवाल ये हो तो इसका एकलौता जवाब है गोलू.

वो गोलू जो पिछले सीजन में खून को बुरा मानती है जिसे असलहे और बंदूकों से डर लगता था इस सीजन में धड़ल्ले से इनका इस्तेमाल करेगी और मुन्ना से अपनी बहन और प्रेमी की मौत का बदला लेगी. कह सकते हैं कि वो गुड्डू पंडित जिसने पिछले सीजन में अपने भाई बब्लू की बुद्धि के बल और अपने बाहुबल से मिर्जापुर की सत्ता को चुनौती दी थी इस बार उस गुड्डू की मदद गोलू करेगी.

जैसा कि ट्रेलर और टीजर में हम देख चुके हैं इस बार गोलू को मिर्जापुर की सत्ता को हथियाना है. तो ये अपने में साफ है कि पिछले बार की तरह इस बार भी सीजन 2 में दोनों गोलू गुप्ता और महिला सशक्तिकरण एक जरूरी मुद्दा रहेंगे. बात बाक़ी स्त्रियों की हो तो इस बार भी महिलाएं मिर्ज़ापुर को प्रभावित करेंगी. यानी ये महिलाओं की बुद्धि और एक्टिंग कौशल होगा जो इस बात का फैसला करेगा कि मिर्ज़ापुर में बादशाहत किसकी होगी.

मिर्ज़ापुर के बाद मिर्ज़ापुर 2 में जैसे समीकरण बनते दिख रहे हैं एक बात तो तय है कि हम महिलाओं और उनके वजूद को नकार नहीं सकते. इस बार भी, पिछले सीजन जितना ही मजा मिलेगा लेकिन ये मजा कितना होगा इसके लिए हमें इंतजार करना होगा. बहरहाल मिर्ज़ापुर का सीजन 2 हिट होता है या फ्लॉप इसका जवाब तो दर्शक देंगे लेकिन अब तक जो बातें निकल कर आई हैं वो इतना तो बता ही रही हैं कि इस बार पिछले सीजन से ज्यादा मजा आने वाला है और इस मजे का एक बड़ा कारण मिर्ज़ापुर की औरतें होंगी.

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इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.

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