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Mirzapur 2 की ताकत ही उसकी कमजोरी बनती दिख रही है

    • बिलाल एम जाफ़री
    • Updated: 14 अक्टूबर, 2020 08:26 PM
  • 14 अक्टूबर, 2020 08:26 PM
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गुजरे साल की Amazon Prime video की चर्चित वेब सीरीज 'मिर्ज़ापुर' का दूसरा सीजन (Mirzapur Season 2) जल्द ही हमारे सामने होगा. जैसा प्रमोशनल वीडियो में दिखाया जा रहा है मिर्ज़ापुर 2 (Mirzapur 2) के हर मोड़ पर बदला है. कहीं ये बदले की अति न हो जाए.

साल 2019. भारत में OTT का आगमन हो चुका था. लोग उसे पहचानने भी लगे थे इसलिए निर्माता निर्देशकों के लिए भी ज़रूरी हो गया था कि वो दर्शकों को वो कंटेंट मुहैया कराएं जिसमें कास्टिंग के अलावा क्वालिटी का ध्यान रखा जाए. शायद यही कारण था जिसके चलते भारत के सिने शौकीन क्राइम सीरीज 'मिर्जापुर' (Mirzapur) के गवाह बने. बात अमेजन प्राइम की लोकप्रिय सीरीज मिर्जापुर की हो तो इसमें गैंगवार, लव, रोमांस, बदला, वर्चस्व, दबंगई जैसी हर वो चीज थी जिसकी दरकार एक क्राइम सीरीज को सफल बनाने के लिए चाहिए होती है. मुर्ज़ापुर के पहले भाग में हमने पिता कालीन भइया (Kaleen Bhaiya) के सामने खुद को प्रूव करते मुन्ना त्रिपाठी (Munna Tripathi) को भी देखा. साथ ही गुड्डू पंडित (Guddu Pandit) और बबलू पंडित (Bablu Pandit) के रूप में हमने ये भी देखा कि तब क्या होता है जब बुद्धि और बल का समागम होता है. चाहे कालीन भइया और त्रिपाठी एंड कंपनी का एक अन्य माफिया रति शंकर शुक्ला को मुर्ज़ापुर से खदेड़कर जौनपुर भेज देना रहा हो चाहे मकबूल और कंपाउंडर जैसे लोगों की अपने आका के आगे वफादारी 'मिर्जापुर' का पहला पार्ट एक दर्शक को सस्पेंस के साथ साथ भरपूर मनोरंजन देता है. कुल मिलाकर कहा जा सकता है कि मिर्जापुर 1 में स्टोरी थी. चूंकि 'मिर्जापुर 2' (Mirzapur Season 2) जल्द ही हमारे सामने होगा तो बड़ा सवाल ये है कि क्या उसमें भी 'स्टोरी' होगी? क्या दर्शकों को मिर्जापुर 2 में भी मिर्जापुर 1 जैसा ही मजा मिलने वाला है? क्या मिर्जापुर 2 दोबारा परफेक्ट एंटरटेनर बनेगी? जवाब है 'नहीं.

अपने में बदले की भावना समेटे हैं अमेजन प्राइम की चर्चित वेब सीरीज मिर्ज़ापुर 2

बात भले ही विचलित करे लेकिन सच्चाई यही है. मिर्जापुर 2 में सिर्फ एक चीज होगी 'बदला' टीजर से लेकर पोस्टर और अब ट्रेलर तक,जो जो चीजें...

साल 2019. भारत में OTT का आगमन हो चुका था. लोग उसे पहचानने भी लगे थे इसलिए निर्माता निर्देशकों के लिए भी ज़रूरी हो गया था कि वो दर्शकों को वो कंटेंट मुहैया कराएं जिसमें कास्टिंग के अलावा क्वालिटी का ध्यान रखा जाए. शायद यही कारण था जिसके चलते भारत के सिने शौकीन क्राइम सीरीज 'मिर्जापुर' (Mirzapur) के गवाह बने. बात अमेजन प्राइम की लोकप्रिय सीरीज मिर्जापुर की हो तो इसमें गैंगवार, लव, रोमांस, बदला, वर्चस्व, दबंगई जैसी हर वो चीज थी जिसकी दरकार एक क्राइम सीरीज को सफल बनाने के लिए चाहिए होती है. मुर्ज़ापुर के पहले भाग में हमने पिता कालीन भइया (Kaleen Bhaiya) के सामने खुद को प्रूव करते मुन्ना त्रिपाठी (Munna Tripathi) को भी देखा. साथ ही गुड्डू पंडित (Guddu Pandit) और बबलू पंडित (Bablu Pandit) के रूप में हमने ये भी देखा कि तब क्या होता है जब बुद्धि और बल का समागम होता है. चाहे कालीन भइया और त्रिपाठी एंड कंपनी का एक अन्य माफिया रति शंकर शुक्ला को मुर्ज़ापुर से खदेड़कर जौनपुर भेज देना रहा हो चाहे मकबूल और कंपाउंडर जैसे लोगों की अपने आका के आगे वफादारी 'मिर्जापुर' का पहला पार्ट एक दर्शक को सस्पेंस के साथ साथ भरपूर मनोरंजन देता है. कुल मिलाकर कहा जा सकता है कि मिर्जापुर 1 में स्टोरी थी. चूंकि 'मिर्जापुर 2' (Mirzapur Season 2) जल्द ही हमारे सामने होगा तो बड़ा सवाल ये है कि क्या उसमें भी 'स्टोरी' होगी? क्या दर्शकों को मिर्जापुर 2 में भी मिर्जापुर 1 जैसा ही मजा मिलने वाला है? क्या मिर्जापुर 2 दोबारा परफेक्ट एंटरटेनर बनेगी? जवाब है 'नहीं.

अपने में बदले की भावना समेटे हैं अमेजन प्राइम की चर्चित वेब सीरीज मिर्ज़ापुर 2

बात भले ही विचलित करे लेकिन सच्चाई यही है. मिर्जापुर 2 में सिर्फ एक चीज होगी 'बदला' टीजर से लेकर पोस्टर और अब ट्रेलर तक,जो जो चीजें मिर्जापुर 2 को बड़ी हिट बनाने के लिए बतौर प्रोमोशन इस्तेमाल हो रही सीजन 2 को मिर्जापुर की जगह बदलापुर कहना कहीं से भी ग़लत नहीं है.

ध्यान रहे कि मिर्जापुर 1 का आखिरी एपिसोड इस नोट के साथ खत्म हुआ था कि अपने वर्चस्व के चलते मुन्ना त्रिपाठी ने बब्बू पंडित और गुड्डू पंडित की गर्भवती पत्नी स्वीटी को मार दिया था. हमले के बाद भगदड़ मचती है जिससे गुड्डू पंडित और गोलू गुप्ता को भागने का मौका मिल जाता है. उस आखिरी एपिसोड के बाद ही ये तय हो गया था कि मिर्जापुर के दूसरे सीजन में स्टोरी तो होगी ही लेकिन फोकस बदले पर रखा जाएगा.

आखिर कैसे बन बैठा मिर्जापुर, बदलापुर

सीजन 2 हिट हो और 'बज' बना रहे इसलिए अमेजन प्राइम ने प्रोमोशन के नाम पर सीजन 2 से जुड़े तमाम कलाकारों की छोटी छोटी क्लिप्स डाली हैं दिलचस्प है कि सीजन टू में सभी कलाकारों की ज़िंदगी का एक ही मकसद है बदला.

अब सीजन 2 की एक कैरेक्टर डिम्पी को ही देख लीजिए. प्रमोशनल वीडियो में डिम्पी कह रही हैं कि 'उस रात से लेकर आज तक हम रोए नहीं क्यों कि अब रोने की बारी उनकी है. इस सीन में चाकू निकालती डिम्पी तो हैं ही साथ ही बैक ग्राउंड में मुन्ना भइया और कालीन भइया हैं.

गुड्डू भइया को प्रमोट करते हुए बताया गया है कि ,शरीर है आत्मा नहीं. ज़ख्मी है कमज़ोर नहीं. तैयारी इस बार दोगुनी है और बदला भी.

वहीं एक प्रमोशनल वीडियो जो सीजन 2 की जान माना जा रहा है वो एक ऐसा वीडियो है जिसमें मुन्ना त्रिपाठी ने कालीन भइया को चिट्ठी लिखी है जिसमें उन्होंने अपने पिता से तमाम वादे किए हैं और खुद को मिर्जापुर का किंग कहा है.

बात मिर्ज़ापुर की चली है तो हम कालीन भइया को कैसे भूल सकते हैं. प्रमोशन के लिए उनका भी धड़ल्ले से इस्तेमाल हुआ है. कालीन भइया यानी पंकज त्रिपाठी का जो वीडियो वायरल हुआ है उसमें उन्होंने गद्दी की बात कही है और साथ ही कहा है कि पहले बाहुबली फिर व्यापारी और अब खेलेंगे नई पारी.

इस बात में कोई शक नहीं है कि मिर्जापुर सीजन 1 में सबसे प्रभावी कैरेक्टर गोलू का था. गोलू का जो वीडियो आया है उसमें आवाज़ बब्लू की है जो कह रहा है - ये खून का दाग है गोलू. एक बार लगा तो छूटेगा नहीं. जिसपर गोलू कहती हैं लग जाए हमें कोई परवाह नहीं दुश्मन हाथ लगा तो बचेगा नहीं.

सीजन 1 में हम क्राइम खत्म करने के लिए मिर्जापुर पहुंचे पुलिस ऑफिसर मौर्या को भी नहीं भूल सकते जो सीजन 2 के प्रमोशनल वीडियो में ते कहते पाए जा रहे हैं कि जब सफाई होगी तो पूरे तरीके से होगी. जस्टिस की कोई जात नहीं होती.

बहरहाल अब जबकि मिर्ज़ापुर का सीजन 2 आने में कुछ ही दिन बचे हैं. हम कामना यही करते हैं कि बदले के साथ साथ इस सीजन में कुछ कहानी भी हो. ऐसा इसलिए क्योंकि अगर कहानी रहेगी तो ही मिर्जापुर देखने में मजा आएगा। वरना बदले के लिए तो तमाम फ़िल्में हैं ही मिर्जापुर का रुख क्या ही करना. बाकी जैसा प्रोमोशन है उसे देखकर ये भी साफ़ है कि मिर्ज़ापुर के कास्ट और क्रू ने कच्ची गोलियां नहीं खेल रखी हैं. भले ही मिर्ज़ापुर 2 का बैक ड्राप बदला हो लेकिन एक दर्शक को मजा ठीक ठाक और भरपूर मिलने वाला है.

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इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.

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