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केदारनाथ का नया ट्रेलर 'लव-जिहाद' का जवाब है!

    • अनुज मौर्या
    • Updated: 13 नवम्बर, 2018 03:09 PM
  • 12 नवम्बर, 2018 06:10 PM
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केदारनाथ फिल्म को लेकर विवाद काफी पहले से है, जब ये बनी भी नहीं थी, तब से. जब बनना शुरू हुई तो विवाद भी बढ़ने लगा. शूटिंग के दौरान तो एक गाने को अश्लील कहते हुए शूटिंग बंद करने तक की बात की गई.

पिछले ही महीने केदारनाथ का टीजर जारी हुआ था, जिसे देखते ही इस फिल्म को लेकर विवाद खड़ा हो गया था. केदारधाम के पुरोहित इस फिल्म पर लव-जिहाद फैलाने का आरोप लगाते हुए धमकी दे चुके हैं कि अगर इस फिल्म पर बैन नहीं लगाया गया तो केदारनाथ के पट बंद कर दिए जाएंगे. यूं तो इस फिल्म को लेकर विवाद काफी पहले से है, जब ये बनी भी नहीं थी, तब से. जब बनना शुरू हुई तो विवाद भी बढ़ने लगा. शूटिंग के दौरान तो एक गाने को अश्लील कहते हुए शूटिंग बंद करने तक की बात की गई. पोस्टर आया तो उसमें लिखा था- 'Love is pilgrim' (प्यार ही तीर्थ है), जिसने आग में घी का काम किया. और अब इस फिल्म का ट्रेलर रिलीज हुआ है, जो यूं तो मंदिर के पुजारी को जवाब है, लेकिन इस विवाद को बवाल में भी बदल सकता है.

इस फिल्म को लेकर विवाद काफी पहले से है, जब ये बनी भी नहीं थी, तब से.

क्यों है विवाद?

इस फिल्म का हीरो एक मुस्लिम है, जिसका नाम मंसूर है. वहीं दूसरी ओर, फिल्म की हिरोइन एक हिंदू तीर्थ यात्री है, जिसका नाम मुक्कू है. बस इस हिंदू-मुस्लिम की वजह से ही विवाद खड़ा हो गया है. आरोप है कि फिल्म में लव-जिहाद को बढ़ावा दिया गया है. आपको बता दें कि लव जिहाद का मतलब है कि मुस्लिम लड़के हिंदू लड़कियों से शादी करते हैं और उन्हें मुसलमान बना देते हैं. यानी धर्म परिवर्तन. एक तो फिल्म में हिंदू-मुस्लिम का मामला है और ऊपर से केदारनाथ की एक भयानक त्रासदी का जिक्र किया गया है. ऐसे में विवाद होना तो लाजमी ही था.

टीजर पर उठाया था सवाल, ट्रेलर से दिया जवाब

केदारनाथ धाम के पुरोहित ने फिल्म निर्माता पर केदारनाथ फिल्म में हिंदू भावनाओं को ठेस पहुंचाने का आरोप लगाया था. तभी से केदारनाथ धाम के पुजारियों के गठबंधन वाली संस्था केदारसभा इस फिल्म पर रोक लगाने की मांग कर रही है. अब...

पिछले ही महीने केदारनाथ का टीजर जारी हुआ था, जिसे देखते ही इस फिल्म को लेकर विवाद खड़ा हो गया था. केदारधाम के पुरोहित इस फिल्म पर लव-जिहाद फैलाने का आरोप लगाते हुए धमकी दे चुके हैं कि अगर इस फिल्म पर बैन नहीं लगाया गया तो केदारनाथ के पट बंद कर दिए जाएंगे. यूं तो इस फिल्म को लेकर विवाद काफी पहले से है, जब ये बनी भी नहीं थी, तब से. जब बनना शुरू हुई तो विवाद भी बढ़ने लगा. शूटिंग के दौरान तो एक गाने को अश्लील कहते हुए शूटिंग बंद करने तक की बात की गई. पोस्टर आया तो उसमें लिखा था- 'Love is pilgrim' (प्यार ही तीर्थ है), जिसने आग में घी का काम किया. और अब इस फिल्म का ट्रेलर रिलीज हुआ है, जो यूं तो मंदिर के पुजारी को जवाब है, लेकिन इस विवाद को बवाल में भी बदल सकता है.

इस फिल्म को लेकर विवाद काफी पहले से है, जब ये बनी भी नहीं थी, तब से.

क्यों है विवाद?

इस फिल्म का हीरो एक मुस्लिम है, जिसका नाम मंसूर है. वहीं दूसरी ओर, फिल्म की हिरोइन एक हिंदू तीर्थ यात्री है, जिसका नाम मुक्कू है. बस इस हिंदू-मुस्लिम की वजह से ही विवाद खड़ा हो गया है. आरोप है कि फिल्म में लव-जिहाद को बढ़ावा दिया गया है. आपको बता दें कि लव जिहाद का मतलब है कि मुस्लिम लड़के हिंदू लड़कियों से शादी करते हैं और उन्हें मुसलमान बना देते हैं. यानी धर्म परिवर्तन. एक तो फिल्म में हिंदू-मुस्लिम का मामला है और ऊपर से केदारनाथ की एक भयानक त्रासदी का जिक्र किया गया है. ऐसे में विवाद होना तो लाजमी ही था.

टीजर पर उठाया था सवाल, ट्रेलर से दिया जवाब

केदारनाथ धाम के पुरोहित ने फिल्म निर्माता पर केदारनाथ फिल्म में हिंदू भावनाओं को ठेस पहुंचाने का आरोप लगाया था. तभी से केदारनाथ धाम के पुजारियों के गठबंधन वाली संस्था केदारसभा इस फिल्म पर रोक लगाने की मांग कर रही है. अब ट्रेलर के जरिए टीजर पर सवाल उठाने वाले पुजारियों को जवाब दिया गया है.

मुस्लिम युवक यानी हीरो कहता है कि क्यों ना हर साल हम उतने ही लोगों को बुलाएं, जितने लोगों का हम इंतजाम कर सकते हैं. इस तरह ना वादी पर बोझ आएगा ना लोगों पर. तभी मंदिर के पुजारी पलट कर पूछते हैं कि तुम कहां से आ गए हमारे बीच. टीजर देखने के बाद केदारनाथ के पुरोहितों ने सीधे तौर पर तो ये सवाल नहीं किया था, लेकिन इशारा इसी ओर था कि आखिर एक मुस्लिम युवक उनके बीच कैसे आ गया. इसका जवाब देते हुए हीरो ने कहा है- 'हम तो हमेशा से ही यहां हैं. पुश्तें हमारी सेवा करती आई हैं. श्रद्धा में हम उनकी शामिल हुए हैं. कंधों पर बैठकर तीर्थ कराया है. और ये बात हमारी आपकी नहीं है. ये पूरे केदारनाथ की बात है.'

यूं तो ट्रेलर को टीजर पर सवाल उठाने वाले पुजारियों को दिए गए जवाब की तरह देखा जा सकता है, लेकिन ये नहीं भूलना चाहिए कि ऐसे मामलों में जितना सवाल-जवाब होता है, विवाद उतना ही बढ़ता है. पद्मावत फिल्म के दौरान ये देखा जा चुका है कि बहस जितनी गरम हुई, विवाद भी उतना ही बढ़ा और धीरे-धीरे बवाल बन गया. ऐसे में ट्रेलर से मिले जवाब के बाद फिर से सवाल उठना तो तय है. डायरेक्टर अभिषेक कपूर ने इस फिल्म के लिए हिंदू-मुस्लिम और केदारनाथ त्रासदी जैसे दो संवेदनशील मुद्दे तो चुन लिए हैं. अब ये देखना दिलचस्प होगा कि इस विवाद का कोई रास्ता निकालने की कोशिश होती भी है या फिर सिर्फ सवाल-जवाब के जरिए विवाद को फलने-फूलने में मदद मिलती है.

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