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Indian Idol 12 Controversy: सिंगर जावेद अली ने 'इंडियन आइडल' के कपड़े फाड़ दिए हैं!

    • बिलाल एम जाफ़री
    • Updated: 11 जुलाई, 2021 04:21 PM
  • 11 जुलाई, 2021 04:20 PM
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Indian Idol Season 12 Controversies : 11 सीजन तक हम यही सोचते रहे कि इंडियन आइडल को टैलेंट की कद्र है मगर अब जबकि सीजन 12 हमारे बीच है तमाम भ्रम दूर हो गए हैं और शो के जज रह चुके जावेद अली के हालिया इंटरव्यू के बाद इस शो का बदरंग चेहरा हमारे सामने है.

चारों में से किसी भी दिशा का रुख कर लीजिए. भारत जैसे देश में भले ही लोगों के पास पर्याप्त संसाधनों की कमी है मगर टैलेंट की भरमार है. कहीं कोई अच्छा डांसर है तो कहीं कोई उम्दा म्यूजिशियन. किसी की आवाज़ ऐसी जो कानों में मिश्री घोल दे. तो कहीं बेमिसाल खेल का उत्कृष्ट प्रदर्शन. तमाम अलग अलग मंच आए जिन्होंने गर्त के अंधेरों में छिपे इन कोहिनूरों को न केवल खोजा बल्कि उन्हें पूरे देश से रु-ब-रु करवाते हुए उन्हें कला, संगीत, खेल जगत को बड़ा फायदा पहुंचाया. Indian Idol भी ऐसा ही मंच है. इस मंच के जरिये देश को एक से बढ़कर आवाजें मिली हैं और जैसी गायकी है कह सकते हैं कि ये शायद इंडियन आइडल ही था जिसकी बदौलत संगीत या कहें कि गायन उन ऊंचाइयों पर पहुंचा कि वो मां बाप जो संगीत में इंटरेस्ट लेने वाले बच्चे के लिए कभी गंभीर नहीं थे वो तक गंभीर नजर आए. शो देखते हुए आम आदमी को यही लगता था कि इस शो के जरिये छिपे हुए टैलेंट को मौका दिया जा रहा है. अब सवाल ये है कि क्या वाकई ऐसा था? क्या सच में इंडियन आइडल ने छिपे हुए खजाने को बाहर निकालने में मदद की है? आपका उत्तर भले ही हां हो. लेकिन ऐसा नहीं है. इंडियन आइडल भी उतना ही मौकापरस्त है जितना कि कोई अन्य रियलिटी शो हो सकता है.

इंडियन आइडल को लेकर जो खुलासे सिंगर जावेद अली ने किये हैं वो चौंकने वाले हैं

हो सकता है उपरोक्त बताई गई बातें आपको आहत कर दें लेकिन जो सच्चाई सिंगर जावेद अली ने बताई है उसके बाद इस बात में शक की कोई गुंजाइश नहीं रह जाती है कि इस शो के जरिये भी छिपी हुई प्रतिभाओं का दोहन और शोषण बदस्तूर चल रहा है लेकिन हम पर चकाचौंध कुछ इस हद तक हावी है कि ऐसा कुछ भी होते हुए हमें दिखाई नहीं पड़ रहा है.

क्या है माजरा? क्या चीज बनी है विवाद की वजह

TRP की आड़ में Trap बनाकर...

चारों में से किसी भी दिशा का रुख कर लीजिए. भारत जैसे देश में भले ही लोगों के पास पर्याप्त संसाधनों की कमी है मगर टैलेंट की भरमार है. कहीं कोई अच्छा डांसर है तो कहीं कोई उम्दा म्यूजिशियन. किसी की आवाज़ ऐसी जो कानों में मिश्री घोल दे. तो कहीं बेमिसाल खेल का उत्कृष्ट प्रदर्शन. तमाम अलग अलग मंच आए जिन्होंने गर्त के अंधेरों में छिपे इन कोहिनूरों को न केवल खोजा बल्कि उन्हें पूरे देश से रु-ब-रु करवाते हुए उन्हें कला, संगीत, खेल जगत को बड़ा फायदा पहुंचाया. Indian Idol भी ऐसा ही मंच है. इस मंच के जरिये देश को एक से बढ़कर आवाजें मिली हैं और जैसी गायकी है कह सकते हैं कि ये शायद इंडियन आइडल ही था जिसकी बदौलत संगीत या कहें कि गायन उन ऊंचाइयों पर पहुंचा कि वो मां बाप जो संगीत में इंटरेस्ट लेने वाले बच्चे के लिए कभी गंभीर नहीं थे वो तक गंभीर नजर आए. शो देखते हुए आम आदमी को यही लगता था कि इस शो के जरिये छिपे हुए टैलेंट को मौका दिया जा रहा है. अब सवाल ये है कि क्या वाकई ऐसा था? क्या सच में इंडियन आइडल ने छिपे हुए खजाने को बाहर निकालने में मदद की है? आपका उत्तर भले ही हां हो. लेकिन ऐसा नहीं है. इंडियन आइडल भी उतना ही मौकापरस्त है जितना कि कोई अन्य रियलिटी शो हो सकता है.

इंडियन आइडल को लेकर जो खुलासे सिंगर जावेद अली ने किये हैं वो चौंकने वाले हैं

हो सकता है उपरोक्त बताई गई बातें आपको आहत कर दें लेकिन जो सच्चाई सिंगर जावेद अली ने बताई है उसके बाद इस बात में शक की कोई गुंजाइश नहीं रह जाती है कि इस शो के जरिये भी छिपी हुई प्रतिभाओं का दोहन और शोषण बदस्तूर चल रहा है लेकिन हम पर चकाचौंध कुछ इस हद तक हावी है कि ऐसा कुछ भी होते हुए हमें दिखाई नहीं पड़ रहा है.

क्या है माजरा? क्या चीज बनी है विवाद की वजह

TRP की आड़ में Trap बनाकर प्रतिभाओं का गला घोंटने वाले इंडियन आइडल पर चर्चा विस्तार से होगी मगर पहले मामला समझ लें और ये जान लें कि इस बार ऐसा क्या हुआ है जिसने गलत कारणों से शो को पुनः चर्चा में ला दिया है. जैसा कि हमने सिंगर जावेद अली का जिक्र किया है तो बताते चलें कि जावेद अली का अभी हाल का एक इंटरव्यू चर्चा में है.

एक इंटरव्यू में जावेद अली ने कहा है कि जब वह एक शो को (इंडियन आइडल) जज कर रहे थे तब वहां एक प्रतिभागी सिर्फ इस कारणसे जीता क्योंकि वह काफी आकर्षक तरीके से बातें कर रहा था. लोग उसकी बातों को सुनना पसंद कर रहे थे. शो और कंटेस्टेंट को लेकर जावेद ने ये भी कहा कि, 'आज कल लोग सिर्फ मनोरंजन और मसाला चाहते हैं. कंटेस्टेंट असल जिंदगी में क्या चल रहा है या क्या था ये जानने के लिए दर्शक काफी उत्सुक रहते हैं. हाल ही में मैंने एक शो में हिस्सा लिया और मैंने अपने शुरुआती मुश्किलों के बारे में बात की.

जिस शो यानी इंडियन आइडल का जिक्र जावेद कर रहे थे उसके बारे में बात करते है उन्होंने कहा कि, जब वो जज कर रहे थे तो उस शो में एक कंटेस्टेंट दुर्भाग्य से म्यूजिक रियलिटी शो केवल इसलिए जीता क्योंकि वह अपनी बातों से लोगों को प्रभावित कर सकता था. फिर भी मैं यही कहूंगा कि यह एक व्यक्ति की निजी राय है कि किसे वोट देें किसे नहीं. मुझे नहीं लगता कि किसी को भी किसी कंटेस्टेंट को वोट देने के लिए मजबूर किया जाता है.

ध्यान रहे शो अभी बीते दिनों ही सिंगर 'अमित कुमार' के एक बयान के कारण सुर्खियों में आया था. मशहूर प्लेबैक सिंगर किशोर कुमार के पुत्र अमित कुमार ने ये कहकर फैंस को हैरत में डाल दिया था कि इंडियन आइडल में उन्हें कंटेस्टेंट की तारीफ करने के लिए कहा गया था. अमित कुमार के इस बयान के बाद संगीत जगत दो हिस्सों में बंट गया था और इंडस्ट्री से जुड़े तमाम लोगों ने इस मामले पर अपने अपने हिसाब से रियेक्ट किया था.

अमित कुमार के बयान पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए इसी इंटरव्यू में जावेद अली ने कहा कि, ‘इंडियन आइडल’ को लेकर अमित कुमार ने जो कहा वो हैरान करने वाला था. अपना पक्ष रखते हुए जावेद ने कहा कि, 'मेरे साथ तो कभी ऐसा नहीं हुआ था. मैंने हमेशा से ईमानदारी से अपने विचार रखे. मुझे हमेशा ये कहा गया है कि अपने कमेंट्स फेक न बनाएं क्योंकि दर्शाकों को हमेशा ही इस बात का पता चल जाता है कि आप असल में ईमानदार हैं या नहीं.

अब भले ही जावेद ने अपने मन की बात जनता के हवाले से कह दी हो लेकिन इसमें भी कोई शक नहीं है कि जो सच है वो एक न एक दिन बाहर आ ही जाता है. बात सीधी और शीशे की तरह एकदम साफ है. 11 सीजन तक हम यही सोचते रहे कि इंडियन आइडल को टैलेंट की कद्र है.

मगर अब जबकि सीजन 12 बीत चुका है और हर बीतते दिन के साथ कभी कंटेस्टेंट्स की रिलेशनशिप या फिर उनकी पर्सनल लाइफ शो पर दिखाई गई. महसूस हो चला कि जब बात टीआरपी की हो तो इमोशंस को हथियार बनाकर सामदाम दंड भेद एक किया जाता है और पर्दे के पीछे तमाम ऐसी बातें होती हैं जो विचलित कर देने वाली होती हैं.

चाहे वो अमित कुमार की बातें हों या फिर शो के जज रह चुके सिंगर जावेद अली की बातें तमाम भ्रम दूर हो गए हैं और इस शो का बदरंग चेहरा हमारे सामने आ गया है. बात सिर्फ इंडियन आइडल की नहीं है. आप किसी भी रियलिटी शो को उठाकर देख लीजिये सब तालाब के मेंढक हैं. कई बार आपने ख़ुद देखा होगा कि परफॉरमेंस तो दो कौड़ी की रही लेकिन जजों द्वाराहव्वा कुछऐसा बनाया गया कि पूरी बाजी ही पलट गई.

हम किसी भी रियलिटी शो की बुराई नहीं कर रहे न ही हम ये कह रहे हैं कि शो फेक होते हैं. हम बस ये बता रहे हैं कि जब दौड़ ज्यादा से ज्यादा टीआरपी पाने की हो तो फिर फॉरमेट से समझौता इसलिए भी करना पड़ता है क्योंकि मायानगरी के इस हमाम में सभी नंगे हैं. 

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इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.

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