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सिनेमा

फिल्म बाहुबली ने छह साल में बॉलीवुड में किए ये 5 बड़े बदलाव

    • मुकेश कुमार गजेंद्र
    • Updated: 10 जुलाई, 2021 07:24 PM
  • 10 जुलाई, 2021 07:21 PM
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राजामौली के निर्देशन में बनी फिल्म 'बाहुबली' की गिनती भारतीय सिनेमा के इतिहास की दो महान फिल्मों 'शोले' और 'मायाबाजार' के समकक्ष की जाती है. इसने साउथ से लेकर हिंदी फिल्म इंडस्ट्री तक, जो बदलाव किए, उसकी वजह से सिनेमा का इतिहास 'बाहुबली' से पहले और बाद के समय में रखकर लिखा जाएगा.

भारतीय सिने इतिहास की अब तक की सबसे चर्चित फिल्मों में से एक 'बाहुबली: द बिगनिंग' को रिलीज हुए आज 6 साल पूरे हो गए हैं. एसएस राजामौली के निर्देशन में बनी 'बाहुबली' 10 जुलाई 2015 को रिलीज हुई थी, जिसमें प्रभास, राणा डग्गुबती, अनुष्का शेट्टी और तमन्ना जैसे साउथ सिनेमा के कलाकारों ने अपनी अदाकारी से हर किसी का दिल जीत लिया. बाहुबली का सबकुछ विहंगम है. लोकेशन से लेकर सेट तक, पात्र से लेकर हथियार तक, हर छोटी से बड़ी चीज को भव्य बनाने और दिखाने की कोशिश की गई, जिसमें फिल्म मेकर्स सफल भी रहे. इतना ही नहीं फिल्म का बजट जितना विशाल था, उतनी ही जबरदस्त इसकी कमाई भी हुई.

'बाहुबली: द बिगनिंग' रिलीज के पहले ही दिन देश-विदेश में 60-70 करोड़ कमाने वाली भारत की पहली फिल्म है. इतना ही नहीं महज 9 दिन में 303 करोड़ की कमाई करने वाली पहली दक्षिण भारतीय फिल्म बन गई थी. इसकी कुल कमाई करीब 418 करोड़ रुपए है. इसके दो साल बाद रिलीज हुई 'बाहुबली: द कन्‍क्‍लूजन' ने तो कमाई के सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए. फिल्म ने पहले दिन 100 करोड़ से ज्‍यादा की कमाई की थी. एक हफ्ते में कमाई का आंकड़ा 800 करोड़ रुपए को भी पार कर गया. इसके साथ ही आमिर खान की फिल्म 'पीके' के लाइफटाइम कलेक्शन 792 करोड़ रुपए के रिकॉर्ड को भी तोड़ दिया था. 'बाहुबली' की गिनती भारतीय सिनेमा के इतिहास की दो महान फिल्मों 'शोले' और 'मायाबाजार' के समकक्ष की जाती है. अब इतिहास 'बाहुबली' से पहले और बाद के समय को ध्यान में रखकर लिखा जाएगा.

एसएस राजामौली की ऐतिहासिक फिल्म 'बाहुबली' ने बॉलीवुड में किए ये 5 बड़े बदलाव...

'बाहुबली' की गिनती भारतीय सिनेमा के इतिहास की दो महान फिल्मों 'शोले' और 'मायाबाजार' के समकक्ष की जाती है.

1. बॉलीवुड में बड़ी...

भारतीय सिने इतिहास की अब तक की सबसे चर्चित फिल्मों में से एक 'बाहुबली: द बिगनिंग' को रिलीज हुए आज 6 साल पूरे हो गए हैं. एसएस राजामौली के निर्देशन में बनी 'बाहुबली' 10 जुलाई 2015 को रिलीज हुई थी, जिसमें प्रभास, राणा डग्गुबती, अनुष्का शेट्टी और तमन्ना जैसे साउथ सिनेमा के कलाकारों ने अपनी अदाकारी से हर किसी का दिल जीत लिया. बाहुबली का सबकुछ विहंगम है. लोकेशन से लेकर सेट तक, पात्र से लेकर हथियार तक, हर छोटी से बड़ी चीज को भव्य बनाने और दिखाने की कोशिश की गई, जिसमें फिल्म मेकर्स सफल भी रहे. इतना ही नहीं फिल्म का बजट जितना विशाल था, उतनी ही जबरदस्त इसकी कमाई भी हुई.

'बाहुबली: द बिगनिंग' रिलीज के पहले ही दिन देश-विदेश में 60-70 करोड़ कमाने वाली भारत की पहली फिल्म है. इतना ही नहीं महज 9 दिन में 303 करोड़ की कमाई करने वाली पहली दक्षिण भारतीय फिल्म बन गई थी. इसकी कुल कमाई करीब 418 करोड़ रुपए है. इसके दो साल बाद रिलीज हुई 'बाहुबली: द कन्‍क्‍लूजन' ने तो कमाई के सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए. फिल्म ने पहले दिन 100 करोड़ से ज्‍यादा की कमाई की थी. एक हफ्ते में कमाई का आंकड़ा 800 करोड़ रुपए को भी पार कर गया. इसके साथ ही आमिर खान की फिल्म 'पीके' के लाइफटाइम कलेक्शन 792 करोड़ रुपए के रिकॉर्ड को भी तोड़ दिया था. 'बाहुबली' की गिनती भारतीय सिनेमा के इतिहास की दो महान फिल्मों 'शोले' और 'मायाबाजार' के समकक्ष की जाती है. अब इतिहास 'बाहुबली' से पहले और बाद के समय को ध्यान में रखकर लिखा जाएगा.

एसएस राजामौली की ऐतिहासिक फिल्म 'बाहुबली' ने बॉलीवुड में किए ये 5 बड़े बदलाव...

'बाहुबली' की गिनती भारतीय सिनेमा के इतिहास की दो महान फिल्मों 'शोले' और 'मायाबाजार' के समकक्ष की जाती है.

1. बॉलीवुड में बड़ी बजट की बहुभाषी फिल्में बनने लगीं

फिल्म बाहुबली से पहले बॉलीवुड में बड़ी बजट की बहुभाषी फिल्में बनाने की प्रथा न के बराबर थी. टीवी केबल पर हिंदी में डब फिल्मों की बात छोड़ दें तो हिंदी पट्टी के थियेटर्स में शायद ही कोई दक्षिण भारतीय फिल्म रिलीज होती थी. लेकिन बाहुबली ने इस सिस्टम को पूरी तरह बदल दिया. पहली बार फिल्म इंडस्ट्री को लगा कि बड़े निवेश के साथ बड़े स्तर पर बड़ी फिल्म भी बनाई जा सकती है. इस फिल्म की रिकॉर्डतोड़ कमाई ने फिल्म मेकर्स की मुठ्ठी खोल दी. इसके बाद अब बड़े पैमाने पर बड़ी बजट की बहुभाषी फिल्में बनाई जा रही हैं. इस फेहरिस्त में यश, संजय दत्त और रवीना टंडन स्टारर फिल्म KGF 2 (बजट- 100 करोड़ रुपए); एनटीआर जूनियर, अजय देवगन, रामचरण तेजा और आलिया भट्ट स्टारर फिल्म RRR (बजट- 400 करोड़ रुपए); प्रभास, सैफ अली खान और कृति सेनन स्टारर फिल्म आदिपुरुष (बजट- 500 करोड़ रुपए); प्रभास और पूजा हेगड़े स्टारर फिल्म राधे-श्याम (बजट- 350 करोड़ रुपए) शामिल हैं. ये फिल्में हिंदी, तेलुगु, तमिल, मलयालम और कन्नड में रिलीज होंगी.

2. पौराणिक कथाओं पर फिल्में बनने लगीं

राजामौली की 'बाहुबली' की अपार सफलता के बाद फिल्म इंडस्ट्री में पौराणिक कथाओं को रुपहले परदे पर आधुनिक तकनीक के सहारे उतारने का चलन शुरू हो गया. कई बड़े पौराणिक पात्रों और कथाओं पर आधारित फिल्में बनाई जा रही हैं. निर्देशक ओम राउत की फिल्म 'आदिपुरुष' में प्रभास भगवान राम के किरदार में दिखाई देंगे. उनके साथ इस फिल्म में सैफ अली खान और कृति सेनन भी हैं. निर्माता मधु मंटेना 'रामायण' पर फिल्म बनाने जा रहे हैं. इसमें दीपिका पादुकोण सीता के किरदार में दिखाई देने वाली हैं. प्रोड्यूसर वासु भगनानी, दीपशिखा देशमुख और जैकी भगनानी फिल्म 'सूर्यपुत्र महावीर कर्ण' बनाने की घोषणा कर चुके हैं. इसमें साउथ के सुपरस्टार विक्रम 'कर्ण' की भूमिका में नजर आएंगे. मशहूर कवि डॉक्टर कुमार विश्वास भी इसके जरिए बॉलीवुड में डेब्यू करने जा रहे हैं. वो फिल्म के डायलॉग, लिरिक्स और स्क्रीनप्ले लिख रहे हैं. निर्देशक अभिषेक शर्मा की फिल्म रामसेतु में अक्षय कुमार लीड रोल में है, जिसका मुहूर्त शूट हाल ही में अयोध्या में हुआ था.

3. जिसने कभी सिनेमा नहीं देखा वो भी थियेटर पहुंचा

बाहुबली ने इतिहास रच दिया था. सिनेमा के 100 साल के इतिहास में 'शोले' और 'मायाबाजार' जैसी कुछ फिल्में मील के पत्थर की तरह हैं, बाहुबली उनमें से एक है. इसने दिखाया कि सिनेमा देखने का अनुभव कितना गहरा हो सकता है. इसने सिनेमा के ब्रह्मांड का विस्तार किया. उन लोगों को थियेटर्स तक खींचा जो पिछले 30 साल से सिनेमाघरों में नहीं गए थे, जिन्हें फिल्मों में बिल्कुल भी दिलचस्पी नहीं थी. साउथ इंडियन फिल्म 'ची ला सोउ' के निर्देशक राहुल रवींद्रन के मुताबिक, बाहुबली ने फिल्म इंडस्ट्री को भारतीय बाजार की वास्तविक क्षमता से परिचित कराया. अमेरिका और चीन में फिल्मों की कमाई बॉलीवुड से पांच गुना ज्यादा है, जबकि अमेरिका की आबादी भारत के 30 फीसदी और चीन की थोड़ी ज्यादा होगी. भारत में कुल आबादी के बमुश्किल 2 या 3 फीसदी लोग ही फिल्म देखने जा पाते हैं. ऐसा इसलिए क्योंकि हमारे देश में न तो उतने सिनेमाघर है और न ही ऐसी फिल्में ज्यादातर रिलीज होती हैं, जो लोगों को थियेटर्स तक खींच कर ले आएं.

4. फिल्म प्रमोशन का तरीका बदल गया

फिल्म बाहुबली के निर्माताओं ने सिखाया कि किसी फिल्म का प्रचार कैसे किया जाता है. उन्होंने एक फिल्म को न्यूज में बदल दिया. बाहुबली को सिर्फ एक फिल्म के रूप में नहीं बल्कि एक उत्सव के रूप में प्रचारित किया गया था. यही वजह है कि जिन लोगों को फिल्मों में कोई दिलचस्पी नहीं थी वे भी बाहुबली देखने के लिए सिनेमाघरों में गए. इस फिल्म ने समूचे देश के मन में दक्षिण भारतीय सिनेमा के प्रति सम्मान कई गुना बढ़ा दिया. 'बाहुबली: द बिगनिंग' के रिलीज होने के बाद हर दक्षिण भारतीय फिल्म निर्माता गर्व से झूम उठा. इसने बॉलीवुड के फिल्म निर्माताओं को यह देखने के लिए प्रेरित किया कि तेलुगु फिल्म इंडस्ट्री में नया क्या हो रहा है. फिल्म 'विराट पर्व' के निर्देशक वेणु उदुगुला की माने तो तमिल और तेलुगु फिल्मों के डबिंग राइट्स और रीमेक राइट्स की कीमत में भी बढ़ोतरी हुई है.

5. साउथ और हिंदी सिनेमा के बीच की दीवार गिर गई

फिल्म 'बाहुबली' फ्रेंचाइजी की फिल्मों ने बॉक्स ऑफिस पर कमाई के सारे रिकॉर्ड ध्वस्त करके नए मानक स्थापित कर दिए. इसे देखकर बॉलीवुड के बड़े-बड़े फिल्म निर्माताओं की आंखें तो खुली हीं, साउथ के मेकर्स को भी लगा कि पैन इंडिया स्तर पर कई भाषाओं में फिल्में रिलीज करके समान लागत में ज्यादा मुनाफा कमाया जा सकता है. इसके बाद धीरे-धीरे इसका चलन शुरू हो गया, जिसने साउथ और हिंदी सिनेमा के बीच की दीवार को गिरा दिया. इसके लिए सबसे पहले तो फिल्मों में कास्ट मिक्सअप करने की शुरूआत की गई. उदाहरण के लिए कुछ कलाकार साउथ के तो कुछ हिंदी के साइन किए जाने लगे. इतना ही नहीं कुछ फिल्मों में हिंदी के प्रोड्यूसर और साउथ का डायरेक्टर, ऐसे भी मिक्सअप होने लगा है. RRR से लेकर KGF 2 तक, कई फिल्मों में ऐसा मिक्सअप देखा जा सकता है.


इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.

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