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'स्टीरियोटाइप भारतीय' की इमेज दिखा रहा है फिल्म गोल्ड का हीरो!

    • मनीष जैसल
    • Updated: 14 जुलाई, 2018 03:38 PM
  • 14 जुलाई, 2018 03:32 PM
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यूट्यूब पर फिल्म गोल्ड के चर्चित गाने 'चढ़ गई है' में जिस तरह भारतीयों की छवि को दिखाया गया है वो निश्चित तौर पर एक गहरी चिंता का विषय है.

भारत में आजादी के बाद हॉकी में पहले गोल्ड मेडल जीतने का सपना देखने वाली टीम और उनके खिलाड़ियों के वास्तविक दस्तावेज़ पर आधारित फिल्म 'गोल्ड' का निर्देशन रीमा कागती कर रहीं हैं. रीमा इसके पूर्व 2007 में हनीमून ट्रैवेल्स और 2012 में फिल्म तलाश का निर्देशन कर चुकी हैं. फिल्म 'गोल्ड' एक ऐसी हॉकी टीम की कहानी को दर्शाती है जिसने देश के लिए पहली बार गोल्ड जीतने का सपना देखा था. उसी टीम के कोच तपन दास के किरदार में अक्षय कुमार हैं.

अमूमन देखने को मिलता है कि अक्षय कुमार ऐसे किरदार वाली फिल्में या ऐसे विषय को केंद्र में रखकर बनी फिल्मों में काम करते हैं जो लीक से हटकर होती हैं. अब खुद देखिये खेल आधारित फिल्मों में क्रिकेट का बोलबाला हुआ करता था लेकिन अक्षय ने हॉकी को चुना. गौरतलब है कि मौजूदा समय में एक और निर्देशक दिलजीत दोसांझ अपनी फ़िल्म 'सूरमा' बना चुके हैं. जो हॉकी की ही पृष्ठभूमि पर है.

 फिल्म गोल्ड के गीत ने एक बार फिर भारतीयों के चरित्र पर सवालिया निशान लगाए हैं

रीमा कागती हॉकी के स्वर्ण युग की कहानी को पर्दे पर चित्रित करने की ओर अग्रसर हैं, इसी कड़ी में उन्होंने एक ओर जहां फिल्म के प्रदर्शन की तारीख 15 अगस्त निर्धारित की है वहीं फिल्म का दूसरा गाना भी निर्माताओं से रिलीज करवा दिया है. एक्सेल इंटरटेनमेंट के तत्वावधान में बन रही फिल्म का स्वरूप भले ही खेल के सहारे देशभक्ति को खुद में समाहित करता हो लेकिन खेल और देशभक्ति के सहारे फिल्म का व्यवसाय किए जाने से भी निर्माता पीछे नहीं हट रहे.

हाल ही में फिल्म का एक गीत 'चढ़ गई है' रिलीज किया गया है. इस गीत के दृश्यांकन में स्पष्ट है कि देशभक्ति और खेल के प्रति समर्पित हॉकी टीम का कोच इंग्लैंड में एक पार्टी के दौरान शराब का सेवन कर चुका होता है उसके बाद उसका हश्र वही होता है...

भारत में आजादी के बाद हॉकी में पहले गोल्ड मेडल जीतने का सपना देखने वाली टीम और उनके खिलाड़ियों के वास्तविक दस्तावेज़ पर आधारित फिल्म 'गोल्ड' का निर्देशन रीमा कागती कर रहीं हैं. रीमा इसके पूर्व 2007 में हनीमून ट्रैवेल्स और 2012 में फिल्म तलाश का निर्देशन कर चुकी हैं. फिल्म 'गोल्ड' एक ऐसी हॉकी टीम की कहानी को दर्शाती है जिसने देश के लिए पहली बार गोल्ड जीतने का सपना देखा था. उसी टीम के कोच तपन दास के किरदार में अक्षय कुमार हैं.

अमूमन देखने को मिलता है कि अक्षय कुमार ऐसे किरदार वाली फिल्में या ऐसे विषय को केंद्र में रखकर बनी फिल्मों में काम करते हैं जो लीक से हटकर होती हैं. अब खुद देखिये खेल आधारित फिल्मों में क्रिकेट का बोलबाला हुआ करता था लेकिन अक्षय ने हॉकी को चुना. गौरतलब है कि मौजूदा समय में एक और निर्देशक दिलजीत दोसांझ अपनी फ़िल्म 'सूरमा' बना चुके हैं. जो हॉकी की ही पृष्ठभूमि पर है.

 फिल्म गोल्ड के गीत ने एक बार फिर भारतीयों के चरित्र पर सवालिया निशान लगाए हैं

रीमा कागती हॉकी के स्वर्ण युग की कहानी को पर्दे पर चित्रित करने की ओर अग्रसर हैं, इसी कड़ी में उन्होंने एक ओर जहां फिल्म के प्रदर्शन की तारीख 15 अगस्त निर्धारित की है वहीं फिल्म का दूसरा गाना भी निर्माताओं से रिलीज करवा दिया है. एक्सेल इंटरटेनमेंट के तत्वावधान में बन रही फिल्म का स्वरूप भले ही खेल के सहारे देशभक्ति को खुद में समाहित करता हो लेकिन खेल और देशभक्ति के सहारे फिल्म का व्यवसाय किए जाने से भी निर्माता पीछे नहीं हट रहे.

हाल ही में फिल्म का एक गीत 'चढ़ गई है' रिलीज किया गया है. इस गीत के दृश्यांकन में स्पष्ट है कि देशभक्ति और खेल के प्रति समर्पित हॉकी टीम का कोच इंग्लैंड में एक पार्टी के दौरान शराब का सेवन कर चुका होता है उसके बाद उसका हश्र वही होता है जो आम भारतीय का शराब पीने के बाद होता है. बहकना, ऊल-जलाल हरकत करना और मदमस्त होकर नाचना. यही सब तपन दास के किरदार में अक्षय कुमार कर रहें हैं.

यह एक तरह का स्टीरियोटाइप निर्देशकों के मन में बन चुका है कि विदेशी धरती पर हर भारतीय शराब के सेवन के बाद बहक जाता है. यह कितना सच है इस पर शोध की गंभीरता से जरूरत है. शराब के सेवन के बाद एक भारतीय को हिन्दी सिनेमा आम तौर पर ऐसी ही हरकत करते हुए दिखाता है वहीं उसी शराब को विदेशी पिये तो वह दूसरी तरह दिखता है.

सचिन-जिगर के संगीत और विशाल ददलानी का गाया यह गीत यूट्यूब पर खूब पसंद किया जा रहा हैं वहीं फिल्म का ट्रेलर भी अब तक 1.5 करोड़ से अधिक बार देखा जा चुका हैं. कयास लगाए जा रहे हैं कि फिल्म खेलों पर बनने वाली फिल्मों की श्रेणी में नए प्रतिमान गढ़ेगी. अब आने वाला वक्त बताएगा कि फिल्म स्पोर्ट्स कैटेगरी में बनने वाली अन्य फिल्मों से कितना अधिक कमा पाएगी और दर्शकों द्वारा सराही जाएगी.

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इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.

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