New

होम -> ह्यूमर

 |  4-मिनट में पढ़ें  |  
Updated: 27 सितम्बर, 2022 01:47 PM
बिलाल एम जाफ़री
बिलाल एम जाफ़री
  @bilal.jafri.7
  • Total Shares

राजस्थान अगर शादी का पंडाल है तो दिक्कत दो दूल्हों के बीच है. एक वो जो पहले एक शादी (मुख्यमंत्री ) कर चुका है, दूसरी करने (कांग्रेस पार्टी की अध्यक्षी की उम्मीदवारी) जा रहा है. दूसरा वो जो लम्बे समय से सिर्फ इस कारण कुंवारा है कि उसे शेरवानी के साथ मैचिंग का सेहरा नहीं मिल रहा. बहुत पंगा है भाईसाहब! उधर जैसी हालत अजय माकन और मल्लिकार्जुन खड़गे की है ये दोनों तो ऐसे हलवाई हैं जिनकी सब्जी और मीठा बन चुका है. आटा भी सान दिया गया है. पेड़े बना लिए गए हैं लेकिन पूड़ी तलने के लिए तेल नहीं है. नहीं मतलब सच में. हैरत होती है ये देखकर कि कोई अशोक गेहलोत जैसा निर्मोही. ... अरे नहीं नहीं निर्मोही नहीं निष्ठुर कैसे हो सकता है. कांग्रेस आलाकामन जिस आदमी को कांग्रेस का अध्यक्ष बनवा रही  वही आदमी अपने ही लोगों से बगावत इस लिए करवा रहा है ताकि बंदर, बिल्ली, भेड़, मोर मुख्यमंत्रो कोई बन जाए लेकिन सचिन पायलट किसी सूरत में मुख्यमंत्री न बनें. कह सकते हैं कि विविधता भरे राजस्थान में  मचे सियासी घमासान में जो पात्र हमें दिख रहे हैं वो इतने अतरंगे हैं कि कहना ही क्या? 

Rajasthan, Ashok Gehlot, Chief Minister, Ajay Makan. Mallikarjun Kharge, Congress, Rahul  Gandhiराजस्थान में सीएम गहलोत और सचिन पायलट के बीच जो नाटक चल रहा है सवालों के घेरे में राहुल गांधी हैं

खुद सोचिये क्या ही हालत होगी पर्यवेक्षक बने खड़गे और माकन की जो सचिन पायलट और अशोक गहलोत से लगातार कह रहे हैं कि 'आओ हुज़ूर तुम्हें सितारों में ले चलूं' लेकिन जैसा दोनों ही लोगों का रवैया है उनका यही कहना है कि हमें परदेसियों से न अंखियां मिलाना... राजस्थान में जो ड्रामा चल रहा है उसे देखकर अपनी यात्रा से भारत जोड़ने  वाले राहुल गांधी की याद न चाहते हुए भी आ जाती है और महसूस यही होता है कि कहीं 'विद गॉड ग्रेस' ऐसा न हो कि राजस्थान के संदर्भ में जिस फूल को भौंरी ने खिलाया है, राजकुंवर आए और उसे ले जाए.

मामले में तमाम तरह के तर्क दिए जा सकते हैं. कई कई मील की बातें हों सकती हैं. लेकिन इस पूरी भसड़ में जिस इंसान पर पूरे देश की निगाह है वो सोनिया गांधी ही हैं. सुना कि राजस्थान में मचे सियासी घमासान को देखकर सोनिया नाराज हैं. क्या माकन क्या खड़गे जिसे देखो वही सोनिया को बता रहा है कि मैडम जी मैंने ये किया. मैडम जी मैंने वो किया. लेकिन जो नतीजा निकला है वो हमारे सामने है. मैडम जो कि खुद गफलत में हैं कि एक तरफ तो अभी पार्टी के लिए अध्यक्षी का चुनाव कराना है और जिस पर दांव खेला है वो आदमी ही हंटर है. राजस्थान की और राजस्थान में पार्टी की लंका लगा दी. 

नही वाक़ई. आदमी अपने को यदि शातिर क्लेम करे तो उसका चाल चलन सच में अशोक गहलोत जैसा होना चाहिए/ राजस्थान कांग्रेस में जो जाल अशोक गहलोत ने डाला है सचिन पायलट उस मछली सरीखे हैं जो पड़े तो हैं बस तड़प नहीं रहे. लेकिन बात फिर वही है जो आंख से न  टपका तो फिर वो आंसू क्या है. 

हम फिर इस को दोहराएंगे कि राजस्थान में जितने पात्र हैं सब अपनी करवट बैठे हैं. मगर राहुल गांधी को इस सब से कोई सरोकार नहीं है उनकी ज़िन्दगी का एक ही मकसद है और वो क्या है समझने, बूझने और जानने की ज़रुरत नहीं है. यूं भी कोई बहुत पहले ही इस बात को कहकर चला गया है कि शौक बड़ी चीज है. शौक पूरे होते रहने चाहिए. 

 राजस्थान में जो कुछ भी ड्रामा चल रहा है अगर उसे देखकर सबसे ज्यादा हैरत किसी बात को लेकर होती है वो है सोनिया गांधी के गुस्से के अलावा माकन और खड़गे का रवैया. मौजूदा हाल में जितने मासूम दोनों लग रहे हैं कहा जा सकता है कि यदि राजस्थान कांग्रेस में बवाल चल रहा तो वजह इनका ढीला ढाला हिसाब किताब ही है. कहने बताने को माकन और खड़गे दोनों ही  पर्यवेक्षक हैं. ऐसे में सवाल ये है कि क्या एक पॉलिटिकल डॉक्टर होने के कारण राजस्थान के बीमार  सिस्टम को दोनों सुधार नहीं सकते थे? बिलकुल ऐसा हो सकता था लेकिन कहीं न कहीं दोनों ने ऐसा चाहा ही नहीं. 

बहरहाल सोनिया गांधी को संदेश साफ़ है. गैरों में दम होने के बावजूद अपने घर लूट रहे हैं. भले ही पोपाई एक उम्दा जहाजी है लेकिन  ये तो पक्का है कि कल जब जहाज डूबेगा तो सबसे पहले भागने वालों में चूहे ही होंगे.  

ये भी पढ़ें -

नामीबिया में बैठे 'ब्रो चीते' को भेजे पत्र में भारत आए चीते ने अपना कलेजा निकाल कर रख दिया

भगवंत मान ने कोई गुनाह नहीं किया, थोड़ी सी जो पी ली है!

मल्लिका एलिजाबेथ गर मुसलमान होतीं तो तीजे के खाने पर होता गपर-गपर और बाहर आकर बकर-बकर 

लेखक

बिलाल एम जाफ़री बिलाल एम जाफ़री @bilal.jafri.7

लेखक इंडिया टुडे डिजिटल में पत्रकार हैं.

iChowk का खास कंटेंट पाने के लिए फेसबुक पर लाइक करें.

आपकी राय