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Updated: 28 मार्च, 2021 01:11 PM
देवेश त्रिपाठी
देवेश त्रिपाठी
  @devesh.r.tripathi
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कोरोनाकाल में दूरदर्शन पर रामानंद सागर की रामायण का प्रसारण हुआ था. लॉकडाउन में रामायण के दोबारा हुए प्रसारण ने 7.7 करोड़ दर्शक संख्या के साथ वर्ल्ड रिकॉर्ड बना दिया था. इस कार्यक्रम में राम-रावण संग्राम से पहले रावण को काफी चिंतित दिखाया गया था. पार्श्व में गीत बज रहा था 'यही रात अंतिम, यही रात भारी...' इसका सुप्रीम कोर्ट के पंजाब की रोपड़ जेल में बंद उत्‍तर प्रदेश के मऊ से पांच बार के 'बाहुबली' विधायक मुख्तार अंसारी को अगले दो हफ्तों में यूपी की जेल में ट्रांसफर करने के निर्देश से कोई लेना-देना नहीं है. लेकिन, खबर है कि बीती रात से ही रोपड़ जेल में कुछ ऐसा ही माहौल बना हुआ है.

वैसे माहौल बनाने में उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार का कोई जोड़ है भी नहीं. सीएम योगी सीधी और स्पष्ट बात करते हैं. उन्होंने सरकार बनाते ही कहा था कि अपराधी या तो प्रदेश छोड़ दें या अपराध छोड़ दें. योगी आदित्यनाथ की इस चेतावनी के बाद उत्तर प्रदेश में धड़ाधड़ एनकाउंटर हुए थे. मुंह से ठांय-ठांय की आवाज निकालकर अपराधियों से लोहा लेने से लेकर कानपुर वाले विकास दुबे की गाड़ी पलटने तक यूपी पुलिस ने अपना जलवा कायम कर लिया है.

'खौफ बड़ी चीज है' (ओरिजनल में शौक बड़ी चीज है) सुनने में अटपटा लग रहा होगा, लेकिन ये भी सच ही है. बचपन के दौर में जब कभी आहट या हॉरर शो देख लेते थे, तो रात भर नींद नहीं आती थी. पूरी रात आंखों के सामने वही खौफनाक चेहरा (भूत-प्रेत-पिशाच-चुड़ैल वगैरह-वगैरह) नाचता रहता था. खौफ से याद आया, मुख्तार अंसारी की रातों की नींद भी गायब हो गई है. जब से विकास दुबे की गाड़ी पलटी है, यूपी के बड़े-बड़े बदमाश सुधर गए हैं. असलियत यही है कि बड़े वाले ही सुधरे हैं, छोटे वाले अभी भी उत्पात मचा रहे हैं.

खैर, 2019 के चुनावों से पहले मुख्तार अंसारी साहब (मैंने साहब क्यों लिखा है, इसे जानने के लिए यहीं पर क्लिक कर लें) बांदा की जेल से तशरीफ फरमा रहे थे. यहीं से उन्हें पंजाब की रोपड़ जेल में शिफ्ट किया गया था. इन दो जेलों के बीच की दूरी 890 किलोमीटर (KM) है. पंजाब सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में लगातार कहा था कि मुख्तार अंसारी काफी बीमार हैं. अब सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद इस 890 KM के सफर के बारे में सोच-सोचकर अंसारी साहब की तबीयत और बिगड़ गई.

सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद इस 890 KM के सफर के बारे में सोच-सोचकर अंसारी साहब की तबीयत और बिगड़ गई.सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद इस 890 KM के सफर के बारे में सोच-सोचकर अंसारी साहब की तबीयत और बिगड़ गई.

कल शाम चौराहे तक घूमने निकला था, तो अपने कारनामों के लिए मशहूर उत्तर प्रदेश पुलिस के कुछ चेहरों को मुस्कुराता हुआ पाया था. मुस्कान कातिल भी होती है और कौतूहल भरी भी. वो पुलिसकर्मी कौन वाली मुस्कान बिखेर रहे थे, इसका दावा मैं नहीं कर सकता हूं. वैसे, जो पुलिस विकास दुबे की गाड़ी पलटा सकती है, वो किसी की भी गाड़ी पलटा सकती है. योगी सरकार की यूपी पुलिस कल से ही 'आ जा मेरी गाड़ी में बैठ जा' वाला गाना गुनगुना रही है. बात अगर सुप्रीम कोर्ट के निर्देश की करी जाए, तो उसमें भी साफ नहीं किया गया है कि मुख्तार अंसारी वाया रोड लाए जाएंगे या सीधा एयरलिफ्ट किए जाएंगे.

मुख्तार अंसारी को यूपी शिफ्ट करने की खबर सुनकर मेरे भी मन में मीम (MEME) वाले वो चार अफ्रीकन कॉफिन डांस करते हुए दिखने लगे थे. सोशल मीडिया पर रातोंरात फेमस हुईं पाकिस्तान की दनानीर मुबीन आपको याद ही होंगी, अरे वही 'ये हम हैं, ये हमारी कार है और ये हमारी पावरी हो रही है' वाली. आजकल यूपी पुलिस भी सोशल मीडिया पर ऐसे ही वीडियो बना रही है. अब उनका इशारा किस तरफ है, ये तो यूपी पुलिस ही बता सकती है.

जब विकास दुबे की गाड़ी पलटी थी, तो पुलिस की गाड़ी के आगे भैंसों का झुंड आ गया था. बेजुबान जानवरों को बचाने के चक्कर में बरसात से भीगी सड़क पर पुलिस की गाड़ी फिसलकर पलट गई थी. फिलहाल, मौसम मुफीद नहीं लग रहा है. दो हफ्तों के समय में बारिश होने के आसार भी नहीं नजर आ रहे हैं. रामानंद सागर की रामायण की तरह पिछली बार वाली चीजों का दोबारा प्रसारण नहीं हो सकता है, तो इस बार सारा दारोमदार सड़क के किसी गड्ढे पर रहने की संभावना है. लेकिन, यूपी में योगी सरकार ने 'जो दशकों से नहीं हुआ, वो चार साल में कर दिखाया है'. इसकी वजह से सड़क पर गड्ढा भी शायद न मिले. हां, रफ्तार पर ब्रेक लगाने के लिए 'स्पीड ब्रेकर' का निर्माण सड़कों पर किया जाता है, तो हो सकता है कि इस बार स्पीड ब्रेकर कोई अहम भूमिका निभा दे.

पंजाब सरकार लंबे समय से मुख्तार अंसारी की खराब तबीयत का हवाला देकर यूपी नहीं भेजना चाहती थी. मुख्तार अंसारी ने जेल से पंजाब सरकार को पत्र लिखकर आशंका जताई थी कि रास्ता बहुत लंबा है और उनकी भी गाड़ी पलट सकती है. लेकिन, सुप्रीम कोर्ट ने पंजाब सरकार की तमाम दलीलों को खारिज करते हुए दो हफ्तों के अंदर मुख्तार अंसारी को यूपी पुलिस को सौंपने का निर्देश दे दिया है.

वैसे अपराधियों में इस तरह का डर बना रहना बहुत जरूरी है. योगी सरकार की चेतावनी के बाद कई बड़े अपराधियों ने जेल की शरण ले ली थी या प्रदेश छोड़ दिया था. लेकिन, अभी भी कई कुख्यात अपराधी बिना डरे किसी न किसी अवांछित घटना को अंजाम देते रहते हैं. इसमें कोई शक नहीं है कि सुधार के बावजूद प्रदेश में कानून-व्यवस्था का हाल बुरा है. गाड़ी पलटने से इतर इस पर भी लगाम लगानी जरूरी है.

लेखक

देवेश त्रिपाठी देवेश त्रिपाठी @devesh.r.tripathi

लेखक इंडिया टुडे डिजिटल में पत्रकार हैं. राजनीतिक और समसामयिक मुद्दों पर लिखने का शौक है.

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