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Updated: 02 सितम्बर, 2022 12:42 PM
बिलाल एम जाफ़री
बिलाल एम जाफ़री
  @bilal.jafri.7
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सलीम और अनारकली चर्चा में हैं. कारण बना है मध्य प्रदेश स्थित बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व। टाइगर रिजर्व में एक अजीब तरह की लव स्टोरी चल रही है. जहां रहने वाली एक हथिनी अनारकली का दिल एक जंगली हाथी सलीम पर आ गया है. और दोनों ही एक दूसरे के प्यार में पागल हो गए हैं. दोनों का प्यार ज़माने यानी बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व प्रशासन को खटक गया है और वो तैय्यब अली बन सलीम की राह में रोड़े डाल रहा है. लेकिन जहां चाह है वही राह. सलीम, अनारकली से मिलने की कोई न कोई टेक्नीक हर बार  निकाल लेता है.  

Elephants, Madhya Pradesh, Love, Jungle, Animals, Anarkali, Salim, Satire, Officer बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में दो हाथियों की प्रेम कहानी में ऐसा बहुत कुछ है जो खासा मजेदार है

विषय प्यार और विरोध में आए लोग हैं तो शायद सलीम और अनारकली दोनों ही इस बात को समझते हैं कि    

जब प्यार किया तो डरना क्या

प्यार किया कोई चोरी नहीं की

छुप छुप आहें भरना क्या

जब प्यार किया तो डरना क्या

बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में हथिनी अनारकली और जंगली हाथी सलीम की मुहब्बत का लेवल क्या है? इसे इस बात से भी समझा जा सकता है कि बीते एक माह से सलीम टाइगर रिजर्व के अंदर बने हाथी कैम्प तक आता है और अनारकली को अपने साथ जंगल की सैर पर ले जाता है. यह घटनाक्रम कई बार हो चुका है. एक जंगली हाथी और रिसर्व की हथिनी की मुहब्बत ने पार्क प्रबंधन की भी नींदें उड़ा दी हैं. जब भी अनारकली गायब होती है वो उसे ढूंढ़ने निकलते हैं और वापस कैम्प में ले आते हैं. फिर किसी दिन सलीम आता है और अपनी मुहब्बत की कसमें देकर अनारकली को अपने साथ जंगल में मौज मस्ती और क्वालिटी टाइम बिताने के लिए ले जाता है. 

जिक्र सलीम और अनारकली का हुआ है तो 1960 में आई फिल्म मुग़ल ए आज़म की याद आना स्वाभाविक है. फिल्म में कई मौके ऐसे आए थे जब अनारकली बनी मधुबाला ने अकबर को ये साफ़ बता दिया था कि जैसी सलीम से उनकी मुहब्बत है, ज़माना भले ही उन्हें अलग कर ले. मगर दोनों का प्यार कभी जुदा नहीं होगा। भले ही फिल्म के पात्र और घटनाएं काल्पनिक रही हों लेकिन फिल्म से मैसेज यही मिला कि इंसानों के अलावा जानवरों के केस में, जब जमाना उनके पीछे हो Love Matters. 

जिक्र बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व के एलीफैंट कपल सलीम और अनारकली का हुआ है. तो जान लीजिये कि अनारकली कोई साधारण हथिनी नहीं है. अनारकली को पार्क प्रबंधन द्वारा 1978 में सोनपुर के मेले से खरीदकर बांधवगढ़ लाया गया था. अनारकली तब से लेकर आज तक टाइगर रिजर्व में पेट्रोलिंग से लेकर रेस्क्यू के कई अभियानों में शामिल रही है और पार्क की सबसे महत्वपूर्ण हथिनी है . 

गौरतलब है कि साल 2018 में  जंगली हाथियों के एक झुंड को बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व की आबो हवा कुछ इस हद तक रास आई कि उन्होंने इसे अपना रहवास बना लिया. वहीं टाइगर रिजर्व में पहले से ही नर-मादा मिलाकर 14 पालतू हाथी मौजूद हैं, जिनका इस्तेमाल पेट्रोलिंग और रेस्क्यू के लिए किया जाता है. इसलिए पार्क प्रबंधन को तमाम अलग अलग चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है.

पूर्व में ऐसे भी मौके आए थे जब जंगली हाथियों के झुंड ने पार्क के इन पालतू हाथियों पर धावा बोला था. तब पटाखों और ढोल नगाड़ों का सहारा लेकर पालतू हाथियों को जंगली हाथियों से बचाया गया था. पालतू हथिनी अनारकली और जंगली हाथी सलीम की नजरें एक दूसरे से कब चार हुईं? इसकी जानकारी तो फ़िलहाल पार्क प्रशासन के पास नहीं है लेकिन जिस तरह पिछले एक महीने से हथिनी अनारकली की मुहब्बत के तारों में उलझा सलीम उसके चक्कर काट  रहा है और जैसे वो उसे जंगल में घूमने ले गया है माना यही जा रहा है कि दोनों की मुहब्बत अभी नयी नयी परवान चढ़ी है. 

ध्यान रहे कि बेहद अजीब स्वाभाव होने के कारण आमतौर पर जंगली हाथी उन हाथियों को स्वीकार नहीं करते हैं जो या तो बंदी होते हैं या फिर पालतू लेकिन मुहब्बत किसी से कुछ भी करवा सकती है आज सलीम और अनारकली की स्लाव स्टोरी हमारे सामने है. अनंरकाली के विषय में जो जानकारी बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व के अधिकारियों ने दी है उसके अनुसार अनारकली के दो बच्चे हैं. वहीं ऑफिसर्स इस बात को भी मानते हैं कि यदि सलीम और अनारकली प्रजनन करते हैं तो ये एक खुश होने वाली खबर इसलिए भी है क्योंकि इससे हाथियों के जीन पूल का विस्तार होता है. 

बहरहाल इस समय चुनौती बार बार अनारकली का सलीम के साथ जंगल की सैर को निकल जाना है जिसपर लगातार रिजर्व के लोगों द्वारा पहरे लगाए जा रहे हैं. ऐसे में कह सकते हैं कि वो प्यार ही क्या जहां पहरे, चुनौतियां और उससे लड़ने की तकनीक न हो. 

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लेखक

बिलाल एम जाफ़री बिलाल एम जाफ़री @bilal.jafri.7

लेखक इंडिया टुडे डिजिटल में पत्रकार हैं.

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