New

होम -> ह्यूमर

 |  4-मिनट में पढ़ें  |  
Updated: 14 जनवरी, 2021 05:09 PM
प्रीति 'अज्ञात'
प्रीति 'अज्ञात'
  @preetiagyaatj
  • Total Shares

'गुजरात में मकर संक्रांति के दौरान छतों पर 4 से अधिक लोगों के एकत्र होने पर राज्य सरकार ने रोक लगा दी है. ड्रोन से छतों की निगरानी भी की जाएगी'. जब से यह ख़बर पढ़ने में आई है, मैं यह तय नहीं कर पा रही हूं कि इस निर्णय को लेने वाले की पीठ थपथपाऊं या अपना सिर धुनूं. हर मर्ज़ की एक दवा तो हम सदियों से सुनते आ रहे हैं. अब हर परेशानी का एक कारण भी इन दिनों ज़बरदस्त फ़ैशन में है. नाम है वही, हर दिल में नफ़रत की बत्ती सुलगाने वाला ज़ालिम कोरोना. जिसे लेकर इस त्योहार पर भी भरपूर रोना होगा. 'छत पर 4 से ज्यादा लोग एकत्र नहीं हो सकते!' अजीब मज़ाक है ये! जहां एक घर में 10 लोग पहले से ही रह रहे हैं. उस दिन उनके छत पर जाने से कौन सी कयामत आ जाएगी?

अब गुजरात जैसे राज्य में, जहां संयुक्त परिवार की परम्परा अभी भी बख़ूबी चलन में है, वहां इस तरह के बेतुके निर्णय का पालन कितना और कैसे होगा? पर ये तो एक तरह से यही बात हुई न कि 'यार! तुम लोग इकट्ठे क्यों रहते हो? संयुक्त परिवार की क्या जरूरत? एकल में रहो न!' या कि ऐसा है कि बस, छत पे इकट्ठे जाने से कोरोना फैलता है? बाक़ी नीचे आने के बाद साथ ही खाना खाओ, पलंग पर साथ लदकर टीवी भी देखो. अजी, आपको जो करना है, सो करो. पर भिया! तनिक हमको, हमारी तथाकथित जिम्मेदारी तो निभा लेने दो!

Gujarat, Kite, Coronavirus, Gujarat Government, Disease, Family, Satireगुजरात में कुछ यूं हो रही है छतों की निगरानी

जरा सोचिए, जहां एक घर में 6 लोग हैं वहां वे कौन दो महात्मा होंगे जो अपने मनोरंजन की बलि देने को सहर्ष तैयार हो जाएंगे! दादी मां, बच्चों को सामने खड़ा कर समझा रहीं होंगीं कि 'बेटा, ड्रोन अंकल आ जाएंगे. फ़ोटू छप जाएगी कल के पेपर में. बड़ी बदनामी होगी कि हाय राम! देखो तो नासपीटे इकट्ठे पतंग उड़ा रहे थे!'

दादाजी कहेंगे, 'आपको एक दिन 'सब्र का फल मीठा होता है' वाली कहानी सुनाई थी न? तो मैं न, कल टाइमर सेट कर दूंगा. उसके बजते ही भैया का टर्न आएगा.'

इधर हम जैसे गोलुओं से भरे परिवार में यह चिंता व्याप्त है कि अपन तो 3 खड़े होंगे छत पर, लेकिन ड्रोन से क्षेत्रफल ज्यादा घिरा दिखेगा और ये 6 समझ लेंगे. बड़ी जगहंसाई होगी. तो अपन तो खुद को किचन में आइसोलेट कर मंगोड़े तलकर खाएंगे और टीवी पर उड़ती पतंगों को देख, कान से सुर्र सुर्र धुआं छोड़ेंगे. देश के लिए क़ुर्बान होने का थोड़ा सा फ़ील भी ले लेंगे. गणतंत्र दिवस वाली देशभक्ति अभी से दिखाने का यही उचित समय लग रहा है.

'पतंग महोत्सव' नहीं मनाया जा रहा, इस निर्णय का स्वागत किया जा सकता है क्योंकि वहां दूर-दूर से लोग आते हैं. पक्षियों के कारण भी प्रतिबंध समझ में आता है बल्कि हम तो ख़ुद ही कांच लगे मांज़े के विरोध में एक-एक किलोमीटर लम्बी पोस्ट लिखते आये हैं.

छत पर असावधानी के कारण हुए हादसों के भी हम और आप ग़वाह हैं. पर अब जरा गंभीरता से सोचकर ये बताइए कि कोरोना का, आपकी छत पर पतंग उड़ाने से क्या सम्बन्ध? बल्कि मुझे तो लगता है कि यही एक उत्सव है जिसे कोरोना काल में बिना किसी डर के मनाया जा सकता है. बस कांच वाला मांज़ा न हो.

लोग तो अपने रिश्तेदार या परिचित के साथ ही होते हैं. कोई मेला तो लगता नहीं कि खतरा हो उससे! छत पर गाना बजाना चलता है. पतंगें, आसमान का माथा चूमती इठलाती फिरती हैं और साथ में उंधियु, पूरी, जलेबी, चिक्की और तिल के बने तमाम व्यंजनों का स्वाद महकता है. यही तो होता है इस त्योहार में, जो हमें एक साथ, एक घर में बांधे रखता है. बल्कि इसी के कारण तो संक्रांति के दिन लोग घरों की छत पर होते हैं, कहीं बाहर नहीं जाते.

अब आप आसमान से लटक, ड्रोन से छतों की निगरानी करेंगे तो भई, ये तो उन प्रेमियों की निजता का हनन भी हो गया, जो बड़ी आस लगाए इस दिन के लिए अपनी पतंगें तैयार कर रहे थे. उनकी प्रेम नैया तो परवान चढ़े बिना ही, बीच भंवर में डूब जाएगी.

लोग वैसे ही कहीं आने-जाने को लेकर दुखी चल रहे. सबके चेहरे की रौनक़ उड़ चुकी है. जीवन में तनाव अब सौ गुना अधिक बढ़ चुका है. लॉकडाउन से व्यापारियों के पेट पर कोरोना की तगड़ी मार पहले ही पड़ चुकी है. अब जबकि सारा बाज़ार खुला है तो इनके लिए भी ये बेमतलब के विरोध जैसा ही है. क्या ये पहले से त्रस्त जनता के जले पर नमक छिड़कने जैसा नहीं?

ये भी पढ़ें -

Qatra Released: करिश्मा के वीडियो ने Patriarchy को चुनौती तो दी लेकिन झोल के साथ!

Pakistan blackout: पाकिस्तान में बिजली गई, साथ नेताओं के दिमाग की बत्ती भी गुल

Swami Vivekananda Birthday : स्वामी विवेकानंद भी हैं सोशल मीडिया के सताए हुए!

#गुजरात, #पतंग, #कोरोना वायरस, Gujarat Kite Festival, Ahmedabad Kite Ban, Gujarat Government Sankranti Decision

लेखक

प्रीति 'अज्ञात' प्रीति 'अज्ञात' @preetiagyaatj

लेखिका समसामयिक विषयों पर टिप्‍पणी करती हैं. उनकी दो किताबें 'मध्यांतर' और 'दोपहर की धूप में' प्रकाशित हो चुकी हैं.

iChowk का खास कंटेंट पाने के लिए फेसबुक पर लाइक करें.

आपकी राय