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Updated: 01 अक्टूबर, 2016 05:44 PM
संतोष चौबे
संतोष चौबे
  @SantoshChaubeyy
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भारत के सर्जिकल स्ट्राइक के बाद पाकिस्तान के हुक्मरान गुस्से में हैं. लेकिन समस्या उन बेचारों की ये है कि अपना गुस्सा भी जाहिर नहीं कर सकते. खासकर पाक सेना प्रमुख राहिल शरीफ, जिनके चाचा भारत के साथ 1965 की जंग में और भाई 1971 की जंग में मारे गए थे. उस मायने में भारत से परंपरागत दुश्मनी का उनके लिए व्यक्तिगत एंगल भी है.

लेकिन पाकिस्तान और राहिल शरीफ क्या कहें. पहले तो खिसियानी बिल्ली खंभा नोचे की शैली में पाकिस्तान के नेता ये कहने लगे अब भारत दोबारा से ऐसा (सर्जिकल स्ट्राइक) करेगा तो पाकिस्तान उसका मुंहतोड़ जवाब देगा. फिर जब ये बात राहिल शरीफ साहब को नागवार गुजरी तो पूरे पाकिस्तान की लाइन ये हो गयी भारत ने तो केवल नियंत्रण रेखा पर गोलीबारी की थी. सर्जिकल स्ट्राइक की बात कोरी बकवास है.

समर्थन में पाकिस्तान का पूरा मीडिया आ गया और खबरें दिखाईं जाने लगी कि अब पाकिस्तान के मिसाइल भारत को जमींदोज़ कर देंगे. साथ ही ये भी कि पाकिस्तानी सेना ने भारत की गोलीबारी का कड़ा जवाब देते हुए 8 भारतीय सैनिकों को मार गिराया है.

लेकिन दुनिया में तो कुछ और ही चल रहा है. पाकिस्तान ने अपनी पूरी कोशिश कर ली कश्मीर में जारी अशांति पर चौका मारने के लिए लेकिन किसी ने उसे भाव नहीं दिया. और तो और, उरी हमले के बाद पाकिस्तान दुनिया में अलग-थलग पड़ता जा रहा है. दुनिया भले भारत-पाकिस्तान को संयम रखने को कह रही है लेकिन साथ ही ये भी कहना नहीं भूल रही है कि पाकिस्तान को अपने आतंकवादी गुटों पर लगाम कसना होगा.

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भारत को सर्जिकल स्ट्राइक के लिए पाकिस्तान ने ही मजबूर किया. अफ़ग़ानिस्तान, बांग्लादेश और साउथ कोरिया जैसे देश तो खुलेआम भारत के सर्जिकल स्ट्राइक के समर्थन में आ गए हैं.

हालांकि पाकिस्तानी नेताओं कि धमकियां अब गीदड़भभकी में तब्दील हो गयी हैं. उनकी भाव-भंगिमाएं इसे बयां करने के लिए काफी हैं. लेकिन राहिल शरीफ का क्या. वो भी गाहे-बगाहे भारत को धमकाते रहते थे. उन्हें पाकिस्तान में हीरो के तौर पर देखा जाता है जिसके पास पाकिस्तान कि सभी समस्याओं का हल है. सो अपनी इज़्ज़त बचाने का सबसे अच्छा तरीका उन्हें यही लगा होगा सर्जिकल स्ट्राइक कि बात को ही झुठला देते हैं. न नौ मन तेल होगा, न राधा नाचेगी.

लेकिन राहिल शरीफ भारत से अपनी व्यक्तिगत दुश्मनी का क्या करें. दिल में बेचैनी तो होगी ही कि भड़ास कैसे निकालें. और दुविधा कि इस स्थिति में राहील शरीफ को अपने हाफिज सईद जैसे सिपहसालारों का ख्याल आया होगा. जिसे पाकिस्तानी सेना भारत में आतंकवाद फ़ैलाने के लिए पालती-पोषती रहती है. हाफिज सईद की सोशल मीडिया और पाकिस्तानी मीडिया पर अच्छी पकड़ मानी जाती है शायद इसीलिए पहला मौका उसे दिया गया होगा.

लेकिन यहां ये गौर करने की बात है कि हाफिज सईद और सईद सलाहुद्दीन जैसे लोग जो बात-बात में भारत के टुकड़े कर देने और कश्मीर छीन लेने की बात करते रहते हैं, उनका भी बुधवार की रात के सर्जिकल स्ट्राइक के बाद कुछ अता-पता नहीं था.

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 हाफिज की गीदड़भभकी सुनो...

भारत के इस बदले तेवर का डर उनमें भी स्वाभाविक है. लेकिन जब पाकिस्तान की दशा-दिशा ही राहील शरीफ के शब्द तय करते हैं तो हाफिज सईद की बिसात ही क्या. सो जैसे ही आदेश मिला होगा, लग गए होंगे काम में.

लेकिन जैसे पाकिस्तान के नेता बोल रहे थे कि मानो उन पर किसी ने कई घड़ा पानी उड़ेल दिया हो. ऐसा ही हाल हाफिज सईद का भी था. पहले तो राहिल शरीफ की लाइन लेते हुए हाफिज सईद ने कहा की कोई सर्जिकल स्ट्राइक नहीं हुआ है और ये केवल अजित डोवाल का ड्रामा है. लेकिन लगता है स्वामी-भक्ति का डर कुछ ज्यादा ही चढ़ गया था क्योंकि अगले ही वाक्य में सईद भटक गया और कहने लगा कि पाकिस्तान के जवान जल्दी ही भारत में सर्जिकल स्ट्राइक को अंजाम देंगे भारत को जवाब देने के लिए.

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साथ ही साथ उसने अपनी पसंदीदा लाइन भी जोड़ दी कि अमेरिका भी भारत कि मदद नहीं कर पायेगा और भारत के अंत की शुरुआत कश्मीर की आज़ादी से होगी. सो हाफिज सईद ने भी वो गलती कर दी जो पाकिस्तानी नेताओं ने की थी.

सुनने में आया है की राहिल शरीफ इससे काफी निराश हैं और सोच रहें हैं कि अब किसको भारत के खिलाफ जहर उगलने के लिए आगे किया जाए. सूत्रों की मानें तो जैश-इ-मोहम्मद के सरगना मसूद अज़हर का नाम सबसे आगे है. बात में वज़न भी है. पठानकोट और उरी को जैश ने ही अंजाम दिया था और मसूद मीडिया के लिए नया चेहरा भी होगा तो हो सकता है लोग उसकी बात को गंभीरता से लें.

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लेखक

संतोष चौबे संतोष चौबे @santoshchaubeyy

लेखक इंडिया टुडे टीवी में पत्रकार हैं।

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