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Updated: 11 अक्टूबर, 2017 01:11 PM
अनूप मणि त्रिपाठी
अनूप मणि त्रिपाठी
  @anoopmani.tripathi.9
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पटाखे सकते में हैं. 'लो तो हम अब फूटेंगे नहीं! बम का सब्र जबाव दे गया. 'कोरट ने तो यही कहा है!' फुलझड़ी ने जबाव दिया. 'वो सब तो ठीक है जी, इतना सारा जो हम बन गए हैं, अब उसका क्या होगा!' रॉकेट बोला. 'मुझे तो कुछ समझ में नहीं आ रहा' चक्करघिनी बोली. 'उफ, त्योहार में ही मनहूसियत फैलनी है' अनार बोला. 'साल भर कुछ भी करो, होली आये पानी बचाओ! दिवाली आये तो पर्यावरण! खेत में बिल्डिंग उगा देंगे. एसी में रह कर ग्लोबल वार्मिंग पर लेक्चर देंगे.'

'अरे बस कर!' सुतली बम को चटाई को रोकना पड़ा. 'दिवाली तो दीपों का त्योहार है, उसमें हमारा क्या काम' छुरछुरिया बोली. 'हम प्रदूषण भी तो फैलाते हैं!', माहताब ने छुरछुरइया की बात का समर्थन किया. 'जब पंचों की यही राय है, तो ठीक है, अब लड़कियों को ही पटाका बोला जाएगा फिर. चीप कहीं के!' रॉकेट मायूस हो कर बोला.' 'अरे हम से ज़्यादा प्रदूषण तो नेताओं के भाषण से फैलता है!' सुतली बम बोला.'

पटाखे, दिवाली, सुप्रीम कोर्ट, दिल्ली  पटाखों की इस बातचीत से तो कोई भी जज्बाती हो जाएगा मुर्गा ब्रांड जनता और फायर ब्रांड नेता, हम फूटे या न फूटे क्या फर्क पड़ता है!' बुलेट बम उवाचा. 'मैं कुछ कहूँ?' चटाई बोली. 'नहीं मेरी मां, रहम कर! एक बार जो तू शुरु हो जाती है, तो रुकने का नाम नहीं लेती है! सर चकरा जाता है!' चक्करघिनी बोली. 'सूप बोले तो बोले छलनी बोले जिसके बहत्तर छेद.' चटाई चटकी. 'मुझे क्या लगता है कि एक बार कोर्ट से हमें अपील करनी चाहिए.' अनार ने सुझाव दिया. ये सुनकर सारे पटाखे शांत रहे. जाहिर है अनार की बातों पर किसी ने कान नहीं धरा.'

'पटाखे नहीं बिकेंगे' चुट पुटिया बोली'. हाँ, पटाखे ही नहीं बिकेंगे यहां विधायक, सांसद बाकी सब.' मिर्ची बम साँस छोड़ते हुए बोली. 'राम जब अयोध्या आये थे तब हम नहीं फूटे थे!' छुरछुरिया ने धीरे से कहा. 'तब चॉकलेट भी नहीं था!' रॉकेट आवेग में बोला. छुरछुरिया ने रॉकेट को ऐसे देखा जैसे माचिस को देखर बम की लत्ती. 'ओय पगली! दिवाली में फिर चॉकलेट भी नहीं चलना चाहिए! अनार ने रॉकेट के कहे का अर्थ समझाया.

'मिठाई न खाओ, चॉकलेट-कुरकुरे खाओ, पान का रस नहीं कोल्ड ड्रिंक पियो, पटाखे न फोड़ो, पर झालर जलाओ, बाज़ार का रैकेट चलेगा. रॉकेट फिर आवेग में आ गया. चटाई काफी देर से शांत थी, खुद को रोक नहीं पायी, बोली, 'बच्चे क्या करेंगे, उत्सव को आतंक का पर्याय बना डाला है. हर तरफ खौफ-खौफ. उत्सव का उत्स सयानेपन के चलते सूख गया है. आवरण लेकर पर्यावरण बचाएंगे. मिस कॉल देके नदी बचाएंगे. बोतलबंद पानी पी कर बांध बनाएंगे. डीजल की कार लेकर 'रन फॉर नेचर' का इवेंट कराएंगे.

पटाखे, दिवाली, सुप्रीम कोर्ट, दिल्ली  सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद पटाखे भी भारी चिंता में हैमेरे तन बदन में आग लगी हुई है, आग. 'अरे अब बस भी कर. बरात में तो हम फूटेंगे ही. इंडो- पाक मैच में तो जलवा अपना होगा ही. माहताब ने चटाई को टोका. 'आग लगी हुई है, तभी तो तू हॉट लग रही है मेरी जान.' छुरछुरिया ने चटाई से चुटकी ली. 'इस निर्णय की वजह से उन गरीबों की पेट की आग.' कुछ कहते कहते चटाई चुप हो गई. चटाई का यकायक चुप हो जाना, उनके लिए बड़ी बात थी.

'हमारी वजह से साँस लेने में दिक्कत होती है और जो देश का माहौल है ,उसमें इनको घुटन नहीं होती.' चुटपुटिया ने धीरे से कहा, मगर पटाखों ने सुन लिया. पर अंजान बनने का नाटक करने लगे, क्योंकि चुटपुटिया ने जो कहा उसे सुनकर पटाखे सतके में आ गए थे.

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