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Updated: 05 जनवरी, 2018 06:09 PM
अनुज मौर्या
अनुज मौर्या
  @anujkumarmaurya87
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कहते हैं पैसों से पैसा बनाया जाता है. यह बात बैंक के मामले में एकदम सटीक बैठती है. यूं तो ये बात सभी जानते हैं कि बैंकों की कमाई उन पैसों से होती है जो ग्राहक अपने खातों में जमा कराते हैं. इन पैसों का इस्तेमाल बैंक दूसरों को कर्ज देने में करते हैं और ब्याज के रूप में पैसे कमाते हैं. लेकिन भारतीय स्टेट बैंक ने उन पैसों की वजह से मोटी कमाई की है, जो ग्राहकों ने उन्हें दिए ही नहीं. यानी बिना पैसों के ही पैसे बना लिए. यह बात थोड़ी चौंकाने वाली जरूर है, लेकिन सच है. SBI ने अपने ग्राहकों पर अकाउंट में मिनिमम बैलेंस न रखने की वजह से तगड़ी पेनाल्टी लगाई. इस पेनाल्टी की वजह से बैंक को अपने कुल मुनाफे के लगभग आधे के बराबर की कमाई हो गई है. यही वो आंकड़ा है, जिसने सभी का ध्यान अपनी ओर खींचा है. इन आंकड़ों ने सरकार को यह सोचने पर मजबूर कर दिया है कि क्या बैंक मनमानी कर रहे हैं? हाल ही में आईआईटी मुंबई के एक प्रोफेसर की रिपोर्ट भी बैंकों की सच्चाई बयां करती है.

भारतीय स्टेट बैंक, बैंक, मुनाफा, मिनिमम बैलेंसSBI ने मिनिमम बैलेंस न रखने पर ग्राहकों से इतने पैसे कमा लिए हैं जो उसके कुल मुनाफे के लगभग आधे हैं.

मुनाफे के आधे जितनी पेनाल्टी से हुई कमाई

वित्त मंत्रालय की रिपोर्ट के अनुसार भारतीय स्टेट बैंक ने अप्रैल से नवंबर 2017 तक मिनिमम बैलेंस न रखने वाले ग्राहकों पर पेनाल्टी लगाकर 1771 करोड़ रुपए की कमाई की है. जुलाई से सितंबर तक की तिमाही में बैंक को 1581 करोड़ रुपए का मुनाफा हुआ. यानी जितना SBI ने एक तिमाही में मुनाफा कमाया, उससे अधिक तो 8 महीने में मिनिमम बैलेंस न रखने की वजह से कमा लिया है. अप्रैल से लेकर सितंबर तक दो तिमाही में बैंक का कुल मुनाफा 3,586 करोड़ रुपए है, जिसका करीब आधा मिनिमम बैलेंस की पेनाल्टी से ही बैंक के खजाने में आ गया. इस अवधि में पंजाब नेशनल बैंक ने अपने ग्राहकों से 97.34 करोड़ कमाए. वहीं दूसरी ओर सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया ने 68.67 करोड़ रुपए और केनरा बैंक ने 62.16 करोड़ रुपए वसूल किए. आपको बता दें कि करीब 5 साल बाद 2017-18 में बैंक ने मिनिमम बैलेंस न रखने पर पैनाल्टी लगाई है, ऐसे में यह भी हो सकता है कि बहुत से लोग अनजाने में इसके शिकार हुए हों.

अब घट सकता है मिनिमम बैलेंस पर लगने वाला चार्ज

मिनिमम बैलेंस पर पेनाल्टी लगाकर 1771 करोड़ रुपए कमाने के बाद अब बैंक नियमों में कुछ बदलाव करने की सोच रहा है. यह कहा जा रहा है कि बैंक मिनिमम बैलेंस को मासिक न रखकर तिमाही के लिए अनिवार्य करने वाला है. यानी अब आपको हर महीने मिनिमम बैलेंस नहीं रखना होगा, बल्कि तीन महीने के हिसाब से मिनिमम बैलेंस रखना होगा. इससे उन ग्राहकों को फायदा होगा जिनके खातों में किसी महीने अधिक पैसे होते हैं और किसी महीने कम. भारतीय स्टेट बैंक मिनिमम बैलेंस की सीमा को 1000 रुपए तक कर सकता है. मौजूदा समय में शहरी, अर्ध शहरी और ग्रामीण इलाकों के लिए मिनिमम बैलेंस की सीमा 1000, 2000 और 3000 रुपए है.

मिनिमम बैलेंस के नाम पर हो रही मनमानी

आईआईटी मुंबई के एक प्रोफेसर आशीष दास ने दावा किया है कि बैंक मिनिमम बैलेंस न रखने पर मनमाने चार्ज वसूल रहे हैं. उनकी स्टडी के अनुसार यस बैंक और इंडियन ओवरसीज बैंक मिनिमम बैलेंस न रखने पर ग्राहकों से 100 फीसदी से भी अधिक तक का जुर्माना ले रहे हैं. भारतीय रिजर्व बैंक के साफ निर्देश हैं कि ग्राहकों से अनुचित हर्जाना न वसूला जाए, लेकिन बैंकों की मनमानी पर इसका कोई असर होता नहीं दिख रहा है. दास के डेटा के हिसाब से इंडियन ओवरसीज बैंक 159.48 फीसदी तक हर्जाना ले रहा है, जबकि यस बैंक 112.80 फीसदी तक की पेनाल्टी लगा रहा है. एचडीएफसी और एक्सिस बैंक भी पीछे नहीं है, यो भी 83.76 फीसदी और 82.20 फीसदी का जुर्माना वसूल रहे हैं. मिनिमम बैलेंस से मोटी कमाई करने वाला देश का सबसे बड़ा बैंक भारतीय स्टेट बैंक 24.96 फीसदी चार्ज लगा रहा है.

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