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Updated: 26 जनवरी, 2018 07:41 PM
अनुज मौर्या
अनुज मौर्या
  @anujkumarmaurya87
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एक वक्त था जब लोग अपने मोबाइल बिल से परेशान रहते थे. महंगी कॉल्स और महंगे डेटा की वजह से लोगों का मोबाइल बिल भी खूब आता था. लेकिन जैसे ही रिलायंस जियो लॉन्च हुआ वैसे ही टेलिकॉम कंपनियों के बीच एक प्राइस वॉर शुरू हो गया, जिसका सीधा फायदा ग्राहकों को मिला. बाजार में रिलायंस के आने से अन्य कंपनियां ऐसी सहम गईं कि उन्होंने भी कीमतों में तगड़ी कटौती कर दी. जहां एक ओर अन्य टेलीकॉम कंपनियों को लगातार नुकसान होता जा रहा है, वहीं दूसरी ओर रिलायंस जियो सस्ते से सस्ते पैकेज निकाल कर ग्राहकों को अपनी ओर खींच रहा है और अन्य कंपनियों को नुकसान की ओर धकेल रहा है. 2017 की चौथी तिमाही में तो जियो फोन ने 'कांउटरपार्ट रिसर्च फर्म' से सबसे लोकप्रिय फीचर फोन का तमगा भी पा लिया है. ग्राहकों के मोबाइल बिल के लिए मसीहा बनकर आया रिलायंस जियो अन्य टेलीकॉम कंपनियों के लिए गले की फांस बन गया है.

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जियो लाया सबसे सस्ता प्लान

जियो की लॉन्चिंग के दौरान में मुकेश अंबानी ने यह साफ कर दिया कि देश की जनता से या तो डेटा के पैसे लेने चाहिए या फिर कॉलिंग के. अपनी इसी बात को सच साबित करते हुए रिलायंस जियो की तरफ से जो प्लान लॉन्च हुए उनमें सिर्फ डेटा के पैसे लिए जा रहे हैं, कॉलिंग तो बिल्कुल मुफ्त है. 26 जनवरी यानी गणतंत्र दिवस के मौके पर भी रिलायंस जियो ने अपने ग्राहकों को सस्ते प्लान का तोहफा दिया है. रिलायंस जियो ने जियो फोन यूजर्स के लिए महज 49 रुपए का एक पैक लॉन्च किया है जिसमें उन्हें 28 दिनों तक अनलिमिटेड कॉलिंग का फायदा मिलेगा और 1 जीबी 4जी डेटा भी मिलेगा.

इसके अलावा रिलायंस जियो ने अन्य प्रीपेड ग्राहकों के लिए 148 रुपए, 198 रुपए, 299 रुपए, 349 रुपए, 398 रुपए, 399 रुपए, 448 रुपए, 449 रुपए और 498 रुपए के प्लान लॉन्च किए हैं. इनमें 198 रुपए, 398 रुपए, 448 रुपए और 498 रुपए के प्लान में रोजाना 2 जीबी इंटरनेट डेटा मिलेगा. अन्य टेलीकॉम कंपनियां जियो के प्लान के आस-पास आने की योजना बनाती हैं, उससे पहले ही जियो कोई न कोई नया धांसू प्लान ले आता है, जिससे अन्य कंपनियों का नुकसान हो जाता है.

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आइडिया को पछाड़ चुका है जियो

अगर सिर्फ कमाई की बात की जाए तो मिंट में छपी खबर में मुताबिक रिलायंस जियो ने आइडिया को पीछे छोड़ दिया है. वित्त वर्ष 2018 की तीसरी यानी दिसंबर अंत में खत्म हुई तिमाही में जहां आइडिया को 6,680 करोड़ रुपए की कमाई हुई, वहीं रिलायंस जियो ने 6,880 करोड़ रुपए कमा लिए. 2014 में आइडिया की कमाई भी 6,800 करोड़ के आसपास ही थी. यानी 1997 में शुरू हुई आइडिया सेल्युलर 17 साल में जिस मुकाम पर पहुंची, रिलायंस जियो वहां सिर्फ 16 महीने में ही पहुंच गया. आपको बता दें कि यहां तक पहुंचने में भारती एयरटेल को भी 13 सालों का समय लगा था. तीसरी तिमाही में भारती एयरटेल की कमाई 10,750 करोड़ रुपए थी और वोडाफोन की कमाई 8,210 करोड़ रुपए थी. दूसरी तिमाही में जिस रिलायंस जियो को 271 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ था, तीसरी तिमाही में उसे 504 करोड़ रुपए का फायदा हुआ है. सितंबर 2016 में लॉन्च होने के बाद यह पहली बार जब रिलायंस जियो फायदे में पहुंची है.

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ट्राई के एक फैसले से जियो को हुआ बड़ा फायदा

सितंबर 2017 में ट्राई ने इंटरकनेक्ट यूसेज चार्ज (IUC) में 57 फीसदी की कटौती कर दी थी, जिसके बाद यह 6 पैसे प्रति मिनट हो गया, जो पहले 14 पैसे प्रति मिनट था. ट्राई के इस एक फैसले की वजह से भारती एयरटेल और आइडिया सेल्युलर को काफी नुकसान हुआ और रिलायंस जियो को फायदा हुआ. हालांकि, ट्राई के इस फैसले से जनता को भी फायदा हुआ. आईयूसी में कटौती से जियो को करीब 3,800 करोड़ रुपए का फायदा हुआ, जबकि अन्य कंपनियों को लगभग इतना ही नुकसान हुआ. आईयूसी चार्ज घटाने और जियो के सस्ते टैरिफ की वजह से आइडिया को पहली तिमाही में करीब 385.6 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ था तो तीसरी तिमाही तक तीन गुना होकर 820 करोड़ रुपए हो चुका है.

आपको बता दें कि आईयूसी वह चार्ज होता है, जो किसी दूसरे नेटवर्क पर कॉल कर ने की स्थिति में आपकी कंपनी उस दूसरे नेटवर्क को देती है. यानी अगर आप रिलायंस जियो से एयरटेल पर कॉल करेंगे तो रिलायंस जियो एयरटेल को प्रति मिनट आईयूसी (6 पैसे) देगा. वहीं एक ही नेटवर्क पर कोई चार्ज नहीं लगता है. यहां आपके लिए जानना जरूरी है कि जहां एक ओर अन्य टेलीकॉम कंपनियां आईयूसी चार्ज को बढ़ाने के पक्ष में थीं, वहीं दूसरी ओर रिलायंस जियो का मानना था कि आईयूसी चार्ज को घटाकर जीरो कर देना चाहिए.

बंद होने की कगार पर पहुंचीं कंपनियां, जा रही लोगों की नौकरी

रिलायंस जियो से अन्य टेलिकॉम कंपनियों का क्या हाल हुआ है, इसका पहला उदाहरण तो खुद उनके छोटे भाई अनिल अंबानी हैं. अनिल अंबानी को रिलायंस कम्युनिकेशन का अपनी 2जी का बिजनेस ही बंद करना पड़ा है. आइडिया भी जल्द ही वोडाफोन के साथ विलय होने वाली है.

जियो के बाजार में आने के बाद अक्टूबर 2017 में टेलीनॉर इंडिया और टाटा टेलीसर्विसेस की भारती एयरटेल में विलय होने की घोषणा हुई. अब खबर यह है कि दोनों कंपनियों के करीब दो तिहाई लोगों को ही एयरटेल नौकरी देगी. यानी जियो के बाजार में आने के बाद जहां एक ओर ग्राहकों को फायदा हुआ, वहीं दो कंपनियों के कुल एक तिहाई यानी करीब 33 फीसदी (लगभग 2000) लोगों की नौकरी जाने की आशंका है.

वहीं दूसरी ओर, टेलीकॉम कंपनी एयरसेल ने भी रिलायंस कम्युनिकेशन के साथ मर्जर करना चाहा, लेकिन बात आगे नहीं बढ़ सकी. अभी एयरसेल की ये हालत है कि वह एक अच्छी डील के इंतजार में है. अच्छी डील मिलते ही एयरसेल अपना कारोबार समेटने की तैयारी में है. मौजूदा समय में एयरसेल के पास 4जी स्पेक्ट्रम नहीं है और उस पर करीब 20,000 करोड़ रुपए का कर्ज है.

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