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Updated: 28 सितम्बर, 2021 05:53 PM
बिलाल एम जाफ़री
बिलाल एम जाफ़री
  @bilal.jafri.7
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अपनी वीकली मैगजीन 'पांचजन्य' के कारण राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ सुर्खियों में है. अपनी नीतियों के चलते घरेलू आईटी जायंट इंफोसिस को आड़े हाथों लेने के बाद अब पांचजन्य ने अमेरिकी ई कॉमर्स कंपनी अमेजन इंक को निशाने पर लिया है. बताते चलें कि आरएसएस की पांचजन्य ने अपने करंट एडिशन के लिए अमेजन पर एक कवर स्टोरी की है. दिलचस्प ये कि पांचजन्य ने अपनी कवर स्टोरी में अमेजन को ईस्ट इंडिया कंपनी की दूसरी पीढ़ी घोषित किया है.पांचजन्य को अमेजन की इस कवर स्टोरी को क्यों करना पड़ा? कारण है भ्रष्टाचार. फाउंडर जेफ बेजोस की तस्वीर के साथ छपी इस कवर स्टोरी में पांचजन्य की तरफ से अमेजन पर भ्रष्टाचार को बढ़ावा देने के गंभीर आरोप लगाए गए हैं. ध्यान रहे अभी बीते दिनों ही टीवी चैनल्स और अखबारों/ न्यूज़ वेबसाइट्स की सुर्खियों में था कि अमेजन भारत में अपने बिजनेस हितों को बढ़ावा देने के लिए सरकारी अफसरों को रिश्वत देती रही है. वहीं पांचजन्य की तरफ से 'एंटरटेनमेंट' को भी बड़े मुद्दे के रूप में पेश किया गया है.

पांचजन्य ने अमेजन प्राइम पर वीडियो और कॉन्टेंट के जरिए हिंदू हितों और हिंदुओं की मान्यताओं का मखौल उड़ाने का भी आरोप लगाया है. बात पांचजन्य में छपे लेख की हो तो लिखा गया है कि अमेजन भी भारत में एकाधिकार चाहती है, इसलिए उसने यहां के लोगों की राजनीतिक, धार्मिक और आर्थिक स्वतंत्रता पर शिकंजा कसने के तरीके अपनाने शुरू कर दिए हैं.

Amazon, RSS, Criticism, Write-up. Panchjanya, Infosys, Corruption, Bribeपांचजन्य ने अपनी कवर स्टोरी में अमेजन की धज्जियां उड़ा दी हैं

लेख में कंपनी पर ई-मार्केट प्लेटफॉर्म पर कब्जा जमाने के लिए मुखौटा कंपनियां बनाने, अपने हित में सरकारी नीतियां बनवाने के लिए रिश्वत देने और प्राइम वीडियो पर भारतीय संस्कृति और हिंदू मान्यताओं का मजाक उड़ाने वाली फिल्में और वेब सीरीज रिलीज करने का आरोप लगाया गया है.

बताते चलें कि पांचजन्य का ये एडिशन भले ही 3 अक्टूबर को पब्लिश हो रहा हो मगर जिस तरह इसमें छोटे व्यापारियों के कंधे पर बंदूक रखकर फायर किया गया है उससे भले ही पांचजन्य को छोटे व्यापारियों का समर्थन मिल जाए मगर कहीं न कहीं ये कवर स्टोरी भारत में निवेश को प्रभावित करेगी.

लेख में कहा गया है कि अमेजन ने छोटे व्यापारियों को अपने प्रोडक्ट बेचने के लिए बड़ा प्लेटफॉर्म दिलाने का वादा करते हुए भारत में निवेश किया, लेकिन फिर उसने प्रोडक्ट सेल करने के लिए खुद की कंपनियां शुरू कर दी. कंपनी ने क्लाउडटेल और एपिरिया जैसी सप्लायर कंपनियां बनाई, जिनमें उसका भारी-भरकम निवेश और इनडायरेक्ट कंट्रोल था.

गौरतलब है कि ये सब एक ऐसे समय में हो रहा है जब कुछ समय पहले अमेजन के एक कर्मचारी ने आरोप लगाया था कि कंपनी की तरफ से इंडिया में एक या ज्यादा लीगल रेप्रेजेंटेटिव को दी गई लीगल फीस के बड़े हिस्से का इस्तेमाल घूस देने में किया गया है. अब क्योंकि आरोप अमेजन जैसी एमएनसी की साख को प्रभावित कर रहा है इसलिए अमेजन ने इस आरोप की जांच को हरी झंडी दिखा दी है.

पांचजन्य का आरोप है कि अमेरिकी ई कॉमर्स कंपनी ने भारतीय नागरिकों की आर्थिक, राजनीतिक और व्यक्तिगत स्वतंत्रता पर कब्जा करने के लिए अपने पैर पसारने शुरू कर दिए हैं. चूंकि मामला जंगल की आग की तरह फैल रहा है और पांचजन्य 'सेक्युलर / लिबरल' गैंग के निशाने पर है इसलिए आलोचना का दौर भी शुरू हो गया है.

मुद्दा निवेश को बनाया जा रहा है तो ऐसे में मैगजीन ने भी अपनी सफाई पेश की है. पत्रिका के संपादक की तरफ से कहा गया है कि पांचजन्य ने अमेजन पर जो लेख लिखा है उसमें तथ्यों का खास ख्याल रखा गया है. साथ ही उन्होंने ये भी कहा है कि लेख में जिन सवालों को उठाया गया है उसका जवाब अमेजन को हर सूरत में देना चाहिए.

वहीं पांचजन्य की तरफ से इंफोसिस का भी मुद्दा उठाया गया है और इंफोसिस विवाद पर अपनी सफाई दी गयी है. पांचजन्य के संपादक हितेश शंकर की तरफ से कहा गया है कि मैगजीन ने इंफोसिस पर जो लेख छापा था उसका आधार आम जनता की परेशानियां था. इनके पीछे हितेश का तर्क कुछ यूं था कि इंफोसिस को GST और इनकम टैक्स के पोर्टल के लिए जो पैसा दिया जाता है वो करदाताओं की गाढ़ी कमाई से दिया जाता है.

यदि सरकार ये ऐलान करती है कि इनकम टैक्स रिटर्न भरने की समयावधि को बढ़ाया जा रहा है तो इसकी एकमात्र वजह इंफोसिस है. बताना जरूरी है कि इंफोसिस विवाद के दौरान पांचजन्य ने इंफोसिस की कार्यप्रणाली को संदेह के घरों में रखा था.

बहरहाल इस बार मुद्दा अमेजन है और लेख में एक साथ कई मुद्दों को उठाया गया है इसलिए इस पूरे मामले पर एक कंपनी के रूप में अमेजन से क्या सफाई आती है इसका फैसला तो वक़्त करेगा लेकिन जो वर्तमान है मुसीबतें एक के बाद एक अमेजन के पीछे लग रही हैं.

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लेखक

बिलाल एम जाफ़री बिलाल एम जाफ़री @bilal.jafri.7

लेखक इंडिया टुडे डिजिटल में पत्रकार हैं.

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