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Updated: 28 मई, 2020 10:59 PM
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साल 2020 में पूरी दुनिया को अपनी दहशत की चपेट में लेने वाले इस कोरोना वायरस (Coronavirus) के सैकड़ों किस्से हैं. हज़ारों दास्तानें हैं. भविष्य में जब कभी भी दुनिया भर के लाखों लोगों की ज़िंदगी लीलने वाली इस बीमारी को याद किया जाएगा, ज़रूर याद किये जाएंगे बॉलीवुड एक्टर सोनू सूद ( Sonu Sood). मौजूदा वक़्त में भूख, प्यास, रोटी, रोजगार के चलते पलायन करते लाखों मजदूरों (Migrant Workers) के लिए सोनू, इंसान की शक्ल में भगवान का वो अवतार हैं. जो बिना लोगों के रंग रूप जाति धर्म के भेद के लगातार उनकी मदद कर रहे हैं. सोनू कोई राजनेता नहीं हैं न ही उन्हें भविष्य में चुनाव लड़ना है वो लोगों की मदद बस इसलिए कर रहे हैं क्यों कि इंसानियत का तकाज़ा है ही कुछ ऐसा. हो सकता है कि पहली नजर में घर जाते लोगों की मदद एक बेहद आसान काम लगे. मगर ये आसान बिल्कुल नहीं है. इसमें कितनी जटिलताएं हैं गर जो समझना हो तो हम उस वीडियो (Video) का अवलोकन कर सकते हैं जो सोनू ने पोस्ट किया है.

Sonu Sood, Video, Migrant Workers, Bollywood, Helpसोनू सूद के मोबाइल पर मदद के संदेशों की बाढ़ आई हुई है

ध्यान रहे कि सोनू सैकड़ों मजदूरों को सुरक्षित अपने अपने घर पहुंचा चुके हैं और उनके ऐसा करने के बाद उनके मोबाइल पर मदद के संदेशों की बाढ़ सी आ गई है. सोनू ने अपने मोबाइल पर आ रहे संदेशों का एक वीडियो डालते हुए लिखा है कि 'हमें इस तेजी से आपके मैसेजेस मिल रहे हैं. मैं और मेरी टीम सभी की मदद करने के लिए अपनी पूरी कोशिश कर रही हैं. लेकिन अगर कोई मैसेज छूट जाए तो हम उसके लिए माफी चाहते हैं.

अगर हम सोनू के मोबाइल की स्क्रीन और उस स्क्रीन पर आ रहे वीडियो का अवलोकन करें तो मिलता है कि वो जो कुछ भी कर रहे हैं किसी भी सूरत में वो आसान नहीं है. तमाम तमाम तरह की चुनौतियां होंगी जिनका सामना सोनू सूद कर रहे होंगे.

वाकई सोनू जो कर रहे हैं वह कमाल का है. एक ऐसे समय में जब लोग केवल अपने निजी स्वार्थ देख रहे हो जो सोनू ने किया है उसकी जितनी तारीफ की जाए उतनी कम है. आप खुद सोच कर देखिए क्या यह आसान है? जवाब है बिल्कुल नहीं.

अगर आज सोनू को बॉलीवुड का हॉबिन हुड कहा जा रहा है तो ये खिताब उन्होंने कमाया है. वो उसके हक़दार हैं. सोनू द्वारा पोस्ट किये गए इस वीडियो पर लोगों की प्रतिक्रिया ही खूब आ रही हैं.

वहीं लोगों ने इस मामले को लेकर सरकार को भी खूब घेरा. लोगों का तर्क था कि राज्य से लेकर केंद्र तक लोगों को सोनू से सीख लेनी चाहिए.

लोग ये तक कह रहे हैं कि यदि एक आदमी इतना कर सकता है तो अगर सरकार प्रयास करती तो नजारा कुछ अलग ही होता.

बहरहाल, अब जबकि सोनू ने अपनी मोबाइल की स्क्रीन दिखा ही दी है तो कहीं न कहीं इस बात का यकीन हो जाता है कि लोगों को नेताओं के खोखले वादों के मुकाबले सोनू की बातों और उनके काम पर ज्यादा यकीन है.

लोग सोनू की इस दरियादिली को याद रखते हैं या फिर इसे भूल जाते हैं जवाब आने वाला वक़्त देगा. मगर जो वर्तमान है उसे देखकर कहा जा सकता है कि सोनू ने देश और देश की जनता के अलावा दुनिया भर को बता दिया है कि एक अच्छे इंसान की परिभाषा क्या होती है.

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