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Updated: 29 मार्च, 2017 07:51 PM
पारुल चंद्रा
पारुल चंद्रा
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आजकल के एक्टर और एक्ट्रेस के बारे में एक बात कहने में जरा भी संकोच नहीं होता कि वो बेहद टेलेंटेड हैं. सिर्फ एक्टिंग में ही नहीं, बल्कि हर विधा में आज के कलाकार खुद को साबित कर रहे हैं. और गायकी एक ऐसी ही विधा है जो आंखों से नहीं, कानों के रस्ते दिल तक पहुंचती है.

बॉलीवुड से कोई एक दो नाम नहीं हैं जिन्हें अच्छे एक्टर्स के साथ-साथ अच्छा सिंगर भी कहा जा सकता है, बल्कि यहां तो टेलेंट की लाइन है. गीता दत्त, वयजंती माला, सुरैया, माधुरी दीक्षित, जूही चावला, करीना कपूर, प्रियंका चोपड़ा, श्रुति हसन, वसुंधरा दास,आलिया भट्ट, श्रद्धा कपूर, सोनाक्षी सिन्हा, किशोर कुमार, अमिताभ बच्चन, सलमान खान, आमिर खान, शाहरुख खान, रितिक रौशन, अभय देओल, फरहान अख्तर और अब इस लिस्ट में एक और नाम जुड़ गया है, परिणीति चोपड़ा का.

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अपनी आने वाली फिल्म 'मेरी प्यारी बिंदू' में परिणीति चोपड़ा ने एक ग़ज़ल गई है 'माना के हम यार नहीं..'. इस फिल्म में वो एक सिंगर का किरदार निभा रही हैं, और फिल्म के इस बेहद संजीदा गाने को गाकर उन्होंने इस किरदार के साथ पूरी तरह से न्याय करने की कोशिश की है.

सोशल मीडिया पर रिलीज़ किए गए इस गाने के बाद परिणीति को हर तरफ से तारीफ मिल रही है. उनकी बहन प्रियंका चोपड़ा ने भी उन्हें बधाई दी.

लेकिन कई लोग ऐसे भी हैं जिन्हें परिणीति का गाना पसंद नहीं आया. हां, ये जरूर है कि आलोचकों की संख्या काफी कम है, पर है.

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ये जरूरी नहीं कि हर सिंगर आपको पसंद हो, सबकी पसंद अलग-अलग होती है. किसी को अरिजीत पसंद है तो किसी को बादशाह. लेकिन फिर भी परिणीति की गायकी की आलोचना करने वाले किस आधार पर उन्हें नापसंद कर रहे हैं ये सोचने वाली बात है. जबकि ये कहने में मुझे कोई संकोच नहीं कि परिणीति की गायकी किसी भी तरह प्रियंका चोपड़ा की गायकी से कम नहीं है. बल्कि मैं तो परिणीति को प्रियंका से बेहतर कहती हूं. और मेरे पास इसकी वजह भी है-

- परिणीति चोपड़ा एक्टर बाद में बनीं पहले वो एक प्रशिक्षित हिंदुस्तानी शास्त्रीय गायिका थीं. उन्होंने शास्त्रीय संगीत में बीए ऑनर्स किया है. और कई स्टेज परफॉर्मेंस भी दे चुकी हैं. उनके लिए सुरों से खेलना कोई नई बात नहीं है. जाहिर सी बात है कि गायकी के उतार, चढ़ाव, ठहराव और मुर्कियों पर उनकी पकड़ भी मजबूत है. शास्त्रीय संगीत की जानकार हैं तो लय और ताल की समझ भी बाकियों से बेहतर ही होगी. वहीं प्रियंका चोपड़ा जो रॉक स्टार हैं, इंटरनेशनल मंच पर कई एल्बम रिलीज़ कर चुकी हैं उन्होंने हिंदुस्तानी शास्त्रीय संगीत की कोई शिक्षा नहीं बल्कि पाश्चात्य संगीत जरूर सीखा है.

- परिणीति का गाना एक ऑफबीट सॉन्ग है, जो सुनने में भले ही सरल लगे लेकिन ये सच्चाई है कि ऑफबीट गाने बाकी गोनों के मुकाबले ज्यादा चैलेंजिंग होते हैं. क्योंकि इनमें शोर कम होता है और सारा ध्यान सिर्फ गायकी पर ही होता है. आवाज एकदम साफ होती है. यानि एक एक सुर का आनंद आप ले सकते हैं.

- चूंकि ये ग़ज़ल है, ऑफबीट है इसलिए इस गीत में न तो वॉयस मॉड्यूलेशन किया गया है और न ही तेज़ संगीत और बीट्स से आवाज को दबाया गया है. जबकि ज्यादातर शौकिया गाने वाले टेक्नोलॉजी की मदद से आवाज में सॉफ्टनेस भी ले आते हैं और रेंज भी. वहीं प्रियंका चोपड़ा के वेस्टर्न सॉन्ग्स में टेक्नॉलाजी का ज्यादा इस्तेमाल नजर आता है. इसीलिए रैप और जैज़ पसंद करने वालों को ये गीत पसंद नहीं आएगा.

सुनिए प्रियंका चोपड़ा को

- और रही बात आवाज की, तो हो सकता है कि परिणीति की आवाज़ बेहद मीठी न हो, लेकिन मधुर तो है ही. हां अगर आप परिणीति में लता मंगेशकर ढूंढेंगे तो वो तो नहीं ही मिलेंगी. मधुर आवाज को ही अच्छी गायकी का पैमाना मानने वालों के सामने ऊषा उथुप, इला अरुण और सोना महापात्रा जैसी गायिकाओं को भी सुनना चाहिए, जिनकी आवाज भले ही मधुर न हो, लेकिन गायकी दमदार है.

तो परिणीति चोपड़ा को मेरी तरफ से शुभकामनाएं, और धन्यवाद कि संगीत सुनने वालों की प्लेलिस्ट में उन्होंने एक और गीत जोड़ा, जो शायद बार-बार रिपीट होता रहेगा.  

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लेखक

पारुल चंद्रा पारुल चंद्रा @parulchandraa

लेखक इंडिया टुडे डिजिटल में पत्रकार हैं

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