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Updated: 02 मार्च, 2019 10:04 PM
पारुल चंद्रा
पारुल चंद्रा
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पुलवामा हमले से लेकर विंग कमांडर अभिनंदन की गिरफ्तारी और वापसी तक दोनों देशों के बीच जो कुछ भी हुआ, वो सब कुछ तुरंत ही सोशल मीडिया के जरिए हम सबके सामने था. दोनों देशों से आने वाली क्रिया और प्रतिक्रिया के साक्षी रहे तमाम सोशल मीडिया यूजर्स. जिन्होंने पाकिस्तान के झूठ भी देखे और भारत के सच भी. जिन्होंने भारत के अभिनंदन की गिरफ्तारी भी देखी और पाकिस्तान का शांति का पैगाम भी. और इसपर दोनों देशों के लोगों के दिलों में जो कुछ भी था वो सबके सामने था. लेकिन यहां उन लोगों के चेहरे भी बेनकाब हो गए जो नाम और काम के लिए भारत का सहारा लेते रहे हैं. यानी पाकिस्तानी कलाकार.

पुलवामा के बाद से ही पाकिस्तानी कलाकारों पर बैन लगा दिया गया. इसकी झुंझलाहट को हमने वीना मलिक के ट्विटर अकाउंट पर साफ तौर पर देखा. वीना मलिक पाकिस्तानी एक्ट्रेस रही हैं और जब पाकिस्तान में इन्हें काम मिलना बंद हो गया तो ये भारत चली आईं थीं. यहां हिंदी फिल्मों के अलावा दक्षिण भारतीय फिल्मों में काम मिला. इतना ही नहीं 2010 में टीवी के सबसे पॉपुलर शो 'बिग बॉस' में इन्हें आने का मौका भी दिया गया. जिसकी बदौलत पाकिस्तान जाकर मोहतरमा को उनका खोया हुआ स्टारडम वापस मिला.

लेकिन इन्होंने जितनी बेशर्मी से अभिनंदन मामले पर अपनी राय ट्विटर पर शेयर की, यूं लगा जैसे कोई अहसान फरामोशी कर रहा हो. भारत का नमक खाने के बाद उन्होंने जिस तरह नमक हरामी की, किसी को अच्छा नहीं लगा. हालांकि पाकिस्तान के और भी कलाकार हैं जिन्हें बॉलीवुड समय समय पर काम देता रहा है. इस मामले पर राय उन्होंने भी रखी लेकिन वो साफ तौर पर पाकिस्तान के सपोर्ट में थी, अभिनंदन या भारत के खिलाफ नहीं.

veena malik commentवीना मलिक की कुछ तीखी बातें जो उन्होंने ट्विटर पर शेयर कीं

वीना मलिक शायद सोशल मीडिया के जरिए खुद को सच्ची देशभक्त साबित कर रही थीं, या फिर इतना जहर उड़ेलने के पीछे उनके कोई और हित हों. लेकिन इतना तो है कि वीना मलिक के ख्यालात ने भारत द्वारा पाकिस्तानी कलाकारों के बैन करने के फैसले को सही साबित कर दिया.

पाकिस्तानी सिंगर आतिफ असलम और राहत फतह अली खान जिन्हें शायद बॉलीवुड से सबसे ज्यादा काम मिलता है, उन्होंने पुलवामा जैसे बड़े हमले पर एक शब्द भी नहीं लिखा. इन्हें सिर्फ अपने प्रमोशन से मतलब है. पाकिस्तानी एक्टर और सिंगर अली जफर भी सिर्फ अपने देश के प्रधानमंत्री का साथ देते नजर आए. माहिरा खान भी शांति की बात कर रही थीं. इन सभी ने #NoToWar की पैरवी भी की. बहुत ही बैलेंस्ड तरीके से ये लोग ट्विर पर अपने रिएक्शन दे रहे थे.

pakistani artistsहर कोई पाकिस्तान के साथ दिखा लेकिन आतंकवाद के खिलाफ एक भी नहीं

जाहिर है ये पाकिस्तानी हैं, भारत के शहीदों पर अफसोस क्यों करेंगे. लेकिन ये पाकिस्तान की सेना द्वारा पाले गए मसूद अजहर और हाफिज सईद जैसों के खिलाफ भी एक शब्द नहीं बोले, ये बात भारत कभी नहीं भूल सकता. आप किसी भी देश के हों, देशभक्ति आपका धर्म है, लेकिन आतंकवाद के खिलाफ न बोलकर इन सभी ने अपनी मंशा साफ कर दी है. और इस बात पर भी मुहर लगाई है कि आतंकवाद सिर्फ एक देश की बपौती है जो सिर्फ पाकिस्तान है.

भारत में बहुत से लोग हैं जो पाकिस्तानी कलाकारों की पैरवी करते हैं. उनकी कला का सम्मान करते हुए उन्हें गले लगाने की बात करते हैं. लेकिन अगर पाकिस्तानी भारत की रोटी खाकर भारत को ही काटें तो उनपर भरोसा नहीं किया जा सकता. तो पाकिस्तानियों तुम्हें तुम्हारे कलाकार मुबारक! वो इस लायक नहीं कि भारत उनपर तरस खाकर या फिर उनकी कला की प्रशंसा में उन्हें काम दे. भारत के पास कलाकारों की कमी नहीं है.

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लेखक

पारुल चंद्रा पारुल चंद्रा @parulchandraa

लेखक इंडिया टुडे डिजिटल में पत्रकार हैं

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