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Updated: 18 अक्टूबर, 2022 09:35 PM
देवेश त्रिपाठी
देवेश त्रिपाठी
  @devesh.r.tripathi
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बॉलीवुड की चकाचौंध और चॉकलेटी सूरतों के बीच कुछ ही 'खुदरे चेहरे' हैं. जो बॉलीवुड से लेकर हॉलीवुड तक और थिएटर से लेकर टीवी तक अपने नाम का डंका बजा चुके हों. और, इनमें से ही एक नाम है ओम पुरी का. आज दिवंगत अभिनेता ओम पुरी की 72वीं बर्थ एनिवर्सिरी है. वैसे, मैंने यहां ओम पुरी को 'खुरदरे चेहरे' वाला लिखने की जुर्रत सिर्फ दिवंगत फिल्म समीक्षक जयप्रकाश चौकसे के पुराने कॉलम 'परदे के पीछे' की वजह से की है. दरअसल, चेचक की वजह से ओम पुरी के चेहरे पर कई गड्ढे पड़ गए थे. जिसकी वजह से उनका चेहरा खुरदरा हो गया था. वैसे, ओम पुरी इसे लेकर खुलकर बात करते थे. एक इंटरव्यू में ओम पुरी ने कहा था कि 'मुझे गलतफहमी नहीं थी. मुझे पता था कि कमर्शियल सिनेमा हमें एक्सेप्ट नहीं करेगा. क्योंकि शक्ल-सूरत ही नहीं है.'

Om Puri Birth Anniversaryओम पुरी का खुरदरा चेहरा कई बेहतरीन किरदारों और अभिनय के लिए हमेशा याद रखा जाएगा.

ओम पुरी कुछ इतनी बेबाकी से अपनी हर बात कहने के लिए जाने जाते थे. और, यही वजह थी कि उनके नाम से कुछ विवाद भी जुड़े. लेकिन, ओम पुरी अपनी पत्नी नंदिता पुरी की व्यक्तिगत खुन्नस का इस कदर शिकार हुए कि अभिनेता अपनी अच्छाईयों से ज्यादा प्रेम प्रसंगों के लिए मशहूर हो गया. खुद ओम पुरी ने माना था कि उन्होंने अपनी दूसरी पत्नी नंदिता पुरी से अपनी जिंदगी से जुड़े कई निजी किस्से साझा किए थे. लेकिन, नंदिता, जो एक पत्रकार रही थीं, उन्होंने उन किस्सों को अपनी लेखकीय स्वतंत्रता का हिस्सा मानते हुए ओम पुरी की बायोग्राफी 'अनलाइकली हीरो : ओम पुरी' में सबके सामने रख दिया. माना जाता है कि इस किताब के बाद से ही ओम पुरी और नंदिता के रिश्ते में खटास आई. जो आगे चलकर तलाक की वजह भी बनी.

दिवंगत फिल्म समीक्षक जयप्रकाश चौकसे ने अपने एक कॉलम में लिखा था कि 'मुद्दा यह नहीं है कि नंदिता का अपने पति के बारे में लिखा विवरण सच है या झूठ. यह प्रकरण खोजी पत्रकारिता का नहीं है. जिसमें पत्रकार जोखिम उठाकर गोपनीय तथ्यों को खोजता है. क्या ओम पुरी कोई आतंकवादी, राष्ट्रद्रोही या खूंखार व्यक्ति हैं और उनके अंतरंग जीवन की जानकारी का प्रकाशन राष्ट्रहित में था या मानवता के कल्याण के लिए आवश्यक था? ओम पुरी आज अपने वैवाहिक 'अर्द्धसत्य' के कारण एक भयावह 'तमस' झेल रहे हैं. ईश्वर उनकी रक्षा करे.' वैसे, जब ओम पुरी को पता चला कि नंदिता ने उनकी बायोग्राफी में उनके सेक्सुअल इनकाउंटर्स को उपलब्धि की तरह लिखा है, तो उन्होंने इसे घटिया कहा था.

तंगहाली में बीता बचपन, लेकिन रहे खुद्दार

ओम पुरी का बचपन कई कड़वी यादों से भरा हुआ था. उनके पिता रेलवे के स्टोर में काम करते थे. उसी दौरान उनके पिता पर सीमेंट चोरी का आरोप लगा और जेल भेज दिया गया. जिसके बाद रेलवे ने उनके परिवार से सरकारी क्वार्टर भी खाली करा लिया. बेघर होने पर ओम पुरी के बड़े भाई वेद प्रकाश पुरी ने रेलवे में कुली की नौकरी की. और, ओम पुरी को एक चाय की दुकान पर गिलास धोने के लिए रख दिया गया. बाद में ओम पुरी को उनके मामा के पास पटियाला पढ़ने के लिए भेज दिया गया. मामा की मौत के बाद उन्हें वापस लुधियाना आने को कहा जाने लगा. लेकिन, ओम पुरी ने अपनी पढ़ाई वहीं से करने की ठान ली थी.

वहां रहने का कोई ठिकाना नहीं था. तो, स्कूल के चौकीदार ने ओम को स्कूल में रख लिया. कुछ दिनों बाद हेडमास्टर को खबर मिली. तो, उन्होंने ओम पुरी की मदद करने के लिए उन्हें छोटे बच्चों के ट्यूशन दिला दिए. और, इस तरह वो 10वीं पास कर गए. ओम पुरी ने एक वकील के यहां भी नौकरी की. और, उसी दौरान नाटक वगैरह भी करने लगे थे. जिसकी वजह से वकील के यहां की नौकरी छूट गई. इसके बाद ओम पुरी ने अपने प्रोफेसर की मदद से अपने ही कॉलेज में नौकरी की. कुछ समय बाद उन्हें पंजाब कला मंच में नौकरी मिल गई. और, यही से उनके 'नेशनल स्कूल ऑफ ड्रामा' में जाने की राह बनी. कुल मिलाकर ओम पुरी अपनी खुद्दारी के दम पर ही आगे बढ़े.

'अनलाइकली हीरो : ओम पुरी' के विवादित किस्से

- ओम पुरी की बायोग्राफी में 14 साल की उम्र में अपनी नौकरानी से शारीरिक संबंधों की कहानी भी लिखी गई थी. किताब के अनुसार, ओम पुरी ने जब पहली बार किसी महिला से शारीरिक संबंध बनाए थे. तो, वो महज 14 साल के थे. उनके मामाजी के घर में 55 साल की नौकरानी काम करती थी. एक दिन लाइट जाने के बाद नौकरानी ने उन्हें पकड़ लिया. और, उनसे संबंध बनाए. ये संबंध काफी समय तक चलते रहे.

- नंदिता ने अपनी किताब में लक्ष्मी नाम की एक महिला को लेकर भी खुलासा किया था कि ओम पुरी के संबंध उस महिला से भी थे. जो पिता के साथ ही उनकी देखरेख करती थी. हालांकि, ओम पुरी ने इस घटना को किताब में लिखे जाने पर नाराजगी जाहिर की थी.

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लेखक

देवेश त्रिपाठी देवेश त्रिपाठी @devesh.r.tripathi

लेखक इंडिया टुडे डिजिटल में पत्रकार हैं. राजनीतिक और समसामयिक मुद्दों पर लिखने का शौक है.

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