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Updated: 29 सितम्बर, 2020 12:05 AM
मशाहिद अब्बास
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Lata Mangeshkar Birthday : सुरों की दुनिया में अपनी पहचान दुनिया भर में बनाने वाली लता मंगेशकर (Lata Mangeshkar) आज 91 साल की हो गई हैं. इंदौर (Indore) जैसे शहर में बेहद सामान्य से परिवार में पैदा होने वाली लता का जीवन बहुत ही उतार चढ़ाव से भरा हुआ है. सुर की मलका, बेमिसाल, लाजवाब, और दिलकश आवाज़ की मालिक लता मंगेशकर ने लोगों के दिल में अपनी एक अलग जगह तैयार की है. उनकी आवाज़ को भारत ही नहीं दुनिया के कई देशों में कोयल की आवाज़ के रूप में जाना जाता है. आज देश की सबसे प्रसिद्ध गायिका जहां अपना 91 वां जन्मदिन (Birthday) मना रही थी तो वहीं सोशल मीडिया (Social Media) पर लोग उनके जीवन से जुड़े विवादों (Controversies) को याद कर रहे थे जिसकी आज के दिन तो कतई ज़रूरत नहीं थी. लता मंगेशकर मौजूदा वक्त में बीमार (Lata Mangeshkar Health) चल रही हैं और मुंबई स्थित ब्रीच कैंडी अस्पताल में इलाज करवा रही हैं. उनकी बीमारी उनकी अधिक उम्र के चलते हैं लेकिन उनकी तबीयत सामान्य है. ऐसे में उनके जन्मदिन पर उनके विवादों को याद करने वालों को उनके जीवन के उतार चढ़ाव पर बात करनी चाहिए थी और उनके प्रेरणादायक जीवन के बारे में सभी को जागरुक करने का कार्य करना चाहिए था.

Lata Mangeshkar, Singer, Songs, Birthday, Music, Dispute, Loveजन्मदिन पर बधाई के नाम पर फैंस लता जी के साथ ऐसा बहुत कुछ कर रहे हैं जो शायद ही उन्हें कभी अच्छा लगे

 

विवाद तो हर किसी की ज़िंदगी का एक हिस्सा होता है इस विवाद को समय के साथ भुला देना बेहतर होता है. लता मंगेशकर की ज़िंदगी से कई सबक सीखे जा सकते हैं कि कैसे एक शहर से निकलकर दुनिया भर में अपनी पहचान बनाई जा सकती है. बचपन में मात्र 13 साल की उम्र में ही लता के पिता का निधन हो गया जिसके बाद घर की बड़ी बेटी होने के नाते उनपे ज़िम्मेदारी का बोझ आ गया. लता मंगेशकर इससे बिलकुल भी नहीं घबराई और हिम्मत दिखाते हुए खुद कार्य करना शुरू किया.

उनका बचपन से ही गायन का शौक था वह इसी में अपना कैरियर भी बनाना चाहती थी. लता मंगेशकर ने अपनी ज़िंदगी में गाने का कार्य शुरू किया और धीरे धीरे अपना नाम बनाती चली गई. फिर उन्होंने कभी भी पीछे मुड़कर नहीं देखा. लता को साल 2001 में ही भारत के सबसे बड़े पुरस्कार भारत रत्न से भी नवाज़ा गया. इसके अलावा लता को कई राष्ट्रीय पुरस्कार, एवं अन्य पुरस्कार से भी नवाज़ा गया है.

लता मंगेशकर ही भारत में एकमात्र जीवित व्यक्ति हैं जिनके नाम से पुरस्कार भी दिया जाता है. लता मंगेशकर गाना गाने को बहुत ही पवित्र कार्य भी समझती हैं इसीलिेए वह हमेशा नंगे पैर होकर ही गाना गाया करती हैं. लता मंगेशकर के जीवन की कई उपलब्धियां हैं जिनके बारे में बात की जाए तो वह लोगों के लिए प्रेरणादायक होंगी. ऐसे मौके पर उनके जीवन के विवादों को याद किया जा रहा है जो किसी भी सूरत में सही नहीं है.

लता मंगेशकर के विवादों में आवाज़ के जादुगर मोहम्मद रफी के साथ विवाद और लता की छोटी बहन आशा भोसले के साथ विवाद की बात अधिक की जा रही है जो विवाद पूरी तरह से खत्म हो चुका है. लता के संबध मोहम्मद रफी के साथ भी अच्छे हो गए थे और उऩकी बहन आशा भोसले के साथ भी उनका विवाद दशकों पहले ही खत्म हो चुका है. ऐसे में उन विवादों पर बात करना किसी भी सूरत में ठीक नहीं है.

लता मंगेशकर की जितनी दिलचस्प कहानी उनके कैरियर को लेकर है उसी तरह उनकी शादी की भी कहानी बेहद दिलचस्प है. उन्होंने शादी तो नहीं की, लेकिन प्यार उन्होंने भी किया था. उनका प्रेम अधूरा रह गया था. लता का नाम डूंगरपुर के घराने के महाराज राजसिंह के साथ हमेशा से जुड़ा था. दोनों क्रिकेट के मैदान पर एक दूसरे से मिले थे. राजसिंह राजस्थान की ओर से रणजी टीम का हिस्सा थे मगर पढ़ाई करने वह मुंबई आ गए थे और लता मंगेशकर के भाई ह्रदयनाथ से उनकी दोस्ती हो गई.

राजसिंह लता के घर आने जाने लगे और यहीं से लता और राजसिंह के बीच प्रेम परवान चढ़ा मगर जब बात शादी तक पहुंची तो राजसिंह को अपने माता-पिता को दिया वचन याद आ गया जिसमें उऩ्होंने अपने माता पिता को वचन दिया था कि वह शादी उनकी ही पसंद से करेंगे. लता का प्यार अधूरा रह गया औऱ वह इस सदमे से कभी बाहर नहीं आ पाई और उम्र वह बिना शादी के ही रह गईं.

लता मंगेशकर भारत की पहचान हैं ऐसा नायाब हीरा भारत के पास होने पर हर भारतवासी को गर्व है हम उनकी लंबी उम्र की प्राथना करते हैं... जन्मदिन की हार्दिक बधाई लता जी!

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लेखक

मशाहिद अब्बास मशाहिद अब्बास

लेखक पत्रकार हैं, और सामयिक विषयों पर टिप्पणी करते हैं.

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