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Updated: 19 जून, 2020 05:25 PM
बिलाल एम जाफ़री
बिलाल एम जाफ़री
  @bilal.jafri.7
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Lal Bazaar Review In Hindi: मनोविज्ञान रोचक विषय है जिसमें ये तक बताया गया है कि हमारे मस्तिष्क में एक हिस्सा वो भी है जो 'डार्क' है और जिसे हिंसा खून लड़ाई झगड़ा पसंद है. भले ही हमने और आपने अपने दिमाग के इस हिस्से को इग्नोर कर दिया हो या ज्यादा महत्व न दिया हो मगर बॉलीवुड इसका महत्व समझता है. सिनेमा इंडस्ट्री में, अनुराग कश्यप, अनुष्का शर्मा और अजय देवगन जैसे लोग हैं जो जानते हैं कि कैसे इस हिस्से से बड़ा मुनाफ़ा कमाया जा सकता है. शायद यही वो कारण हैं कि गैंग्स ऑफ वासेपुर (Gangs of Wasseypur) से शुरू हुआ खून, हिंसा, बदले का ये सफर सेक्रेड गेम्स (Sacred Games), मिर्जापुर (Mirzapur), पाताल लोक (Paatal Lok) और बेताल (Betaal) से होते हुए लाल बाजार तक आ गया है. अब तक माना भी यही गया है कि एक दर्शक चाहे जितनी भी न नुकुर क्यों न कर ले, जितना भी मुंह क्यों न बना ले मगर जो मज़ा उसे क्राइम और संस्पेंस थ्रिलर में मिलता है शायद ही उतना आनंद उसे कॉमेडी या हॉरर जॉनर दे पाए. बातें तमाम हैं जिन्हें समझने के लिए हमें बॉलीवुड एक्टर अजय देवगन (Ajay Devgan) का रुख करना होगा. अजय देवगन बीते कुछ दिनों से चर्चा में थे. कहा जा रहा था कि अजय OTT प्लेटफॉर्म पर कुछ ऐसा लेकर आने वाले हैं जो धमाकेदार होगा. आखिरकार वो घड़ी आ गयी है. अजय देवगन की प्रोड्यूस की गई वेब सीरीज लाल बाजार (Lal Bazaar) Zee5 पर रिलीज कर दी गयी है. इस वेब सीरीज की खासियत पुलिस है जिन्हें समझदारी के साथ बेखौफ अपराधियों को खौफजदा करते हुए दिखाया गया है.

Lal Bazaar Review in Hindi, Review, Zee5, Web Series लाल बाजार के जरिये अजय देवगन ने बता दिया है कि अब OTT पर उनका सिक्का चलने का वक़्त आ गया है

कैसा है लाल बाजार क्या बताती है कहानी

कहानी का बैक ड्राप कोलकाता है. सीरीज कोलकाता के लाल बाजार पुलिस हेड क्वार्टर के आस-पास घूमती है. सीरीज में दिखाया गया है कि कैसे इस मुख्यालय में क्राइम के एक से एक दिलचस्प केस आते हैं और उन्हें सुलझाने के लिए पुलिस को भी काफी जुगत भिड़ानी पड़ती है. तमाम तरह की चुनैतियों का सामना करना पड़ता है.

सीरीज की शुरुआत एक रेड लाइट एरिया से होती है जहां काम करने वाली एक सेक्स वर्कर की मौत हो जाती है. मामला पुलिस के पास आता है. शुरुआती जांच में ही पुलिस को दाल में कुछ काला दिखाई देता है फिर जैसे जैसे जांच आगे बढ़ती है और मामला एक थाने से होता हुआ पुलिस मुख्यालय आता है पूरी दाल काली हो जाती है. पुलिस के सामने कई चुनौतियां हैं और वो तकनीक के अलावा समझदारी का परिचय देती है और हर उस क्लू पर काम करती है जो केस सॉल्व करने के लिए जरूरी होता है.

सीरीज की खासियत जहां एक तरफ अभिनय है वहीं कहानी का कसा हुआ होना इसे और दिलचस्प बनाता है. कहानी में कई ट्विस्ट एंड टर्न हैं इसलिए कहानी को जैसा ट्रीटमेंट मिला है हमारा दावा है कि जब दर्शक इसे एक बार देखना शुरू करेगा तो पूरी खत्म करके ही उठेगा.

परफॉरमेंस में कुछ भी इधर उधर का नहीं

इंडियन वेब सीरीज की एक ख़ासियत है वो ये कि शुरुआती दो तीन एपिसोड तक तो सब उम्दा चलता है मगर जैसे ही सीरीज आगे बढ़ती है या तो उसे स्लो कर दिया जाता है या फिर इतना इधर उधर का कंटेंट डाल दिया जाता है कि एक दर्शक के रूप में हमें बोरियत का एहसास होता है.

इस मामले में अजय देवगन की लाल बाजार ने अन्य भारतीय सीरीज को मात दी है. लाल बाजार में चाहे स्पेशल सेल में सीनियर इंस्पेक्टर सुरंजन सेन बका किरदार निभाने वाले एक्टर कौशिक सेन हों या फिर गौरव चक्रवर्ती, सब्यसाची चक्रवर्ती, सौरासेनी मैत्रा, हृषिता भट्ट, सुब्रत दत्ता, विजय सिंह, अनिर्बान जैसे लोग सबने अपना बेस्ट दिया है.

 
 
 
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Aa rahi hai #Lalbazaar ki Police! Teaser out tomorrow! #TillTheEndofCrime #LalbazaarOnZEE5 premieres 19th June @zee5premium

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कौशिक के बाद इस सीरीज में ये हृषिता भट्ट ही हैं जिनके काम को देखना अपने आप में किसी विजुअल ट्रीट से कम नहीं है.

लाल बाजार की यूएसपी एक उम्दा कहानी, सधा हुआ निर्देशन और धमाकेदार परफॉरमेंस है. दर्शक इसे देखें हमारा दावा है कि मायूसी उनके हाथ नहीं लगेगी.

अजय के अलावा डायरेक्टर, कैमरामैन और एडिटर को सौ तोपों की सलामी

बात सीधी और साफ है. मिर्ज़ापुर से लेकर पाताल लोक और रक्तांचल तक अब तक हमने जितनी भी वेब सीरीज देखी तमाम कमियां थीं जो हमें दिखाई दीं . कहीं निर्देशन अच्छा था तो कहीं कहानी कमज़ोर थी तो कहीं कैमरा वर्क काम चलाऊ था. इन तमाम पहलुओं पर अगर हम लाल बाजार को रखकर देखें तो लाल बाजार सभी को मात देती हुई दिखाई देती है.

चूंकि अपराध और अपराधियों को बेनकाब करना इस सीरीज का सबसे जरूरी पक्ष है इसलिए निर्देशक से लेकर कैमरामैन और एडिटर तक ने जी तोड़ मेहमत की है और एक ऐसा प्रोडक्ट लाकर हमारे सामने रखा है जिसका फिलहाल किसी से कोई मुकाबला नहीं है.

निर्देशक सयतन घोषाल ने इस सीरीज के हर एक सीन को रोचक बनाने का काम किया जिसमें वो पूरी तरह कामयाब हुए हैं वहीं सिनेमेटोग्राफर और एडिटर ने भी उनकी लाज रखी है जिसके लिए उन्हें सौ तोपों की सलामी मिलनी चाहिए.

अन्य लोगों से अलग काम का श्रेय अजय को

बॉलीवुड पर हमेशा ही आरोप लगे हैं कि अपनी कहानियों के लिए वो किसी और से प्रेरणा लेते हैं. ऐसे भी जिस तरह अजय देवगन ने अपराध और सस्पेंस को औरों से अलग किया है वो उसके लिए बधाई के पात्र हैं. इस सीरीज में चाहे वो कलाकारों का चयन हो या फिर संवाद और लोकेशन बारीक से बारीक चीजों का ख्याल रखा गया है. सीरीज अच्छी है और एक अच्छे काम का क्रेडिट अजय देवगन को देना बनता है.

क्या है हमारा वर्डिक्ट

अब तक हमने इस सीरीज को लेकर तारीफों के पुल बांधे हैं और बताया है कि बहुत दिन के बाद बॉलीवुड कुछ अच्छा लेकर आया है इसलिए इसे उन दर्शकों को ज़रूर देखना चाहिए जो अच्छे इंडियन क्राइम थ्रिलर के भूखे हैं. ये सीरीज और इसका कंटेंट बच्चों के लिए नहीं है तो बेहतर यही है कि बच्चे इससे दूरी बनाए रहें. लाल बाजार एक परफेक्ट एंटरटेनर है हमारा दावा है कि जब आप इसे एक बार देखना शुरू करेंगे तो पूरा खत्म करके ही उठेंगे और साथ ही आपको इसके अगले सीजन के इंतजार बेसब्री से रहेगा.

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लेखक

बिलाल एम जाफ़री बिलाल एम जाफ़री @bilal.jafri.7

लेखक इंडिया टुडे डिजिटल में पत्रकार हैं.

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