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Updated: 12 जनवरी, 2019 06:39 PM
श्रुति दीक्षित
श्रुति दीक्षित
  @shruti.dixit.31
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अगर मैं आपसे पूछूं कि क्या आपने 'मुन्ना भाई एमबीबीएस' देखी है तो आप क्या कहेंगे? शायद ये सवाल बहुत बचकाना लगे क्योंकि मुन्ना भाई सीरीज की दोनों ही फिल्में हिंदुस्तान और यहां तक कि विदेशों में भी बेहद पसंद की गई थीं. मुन्ना भाई और सर्किट का किरदार लोगों के बीच बहुत फेमस हो गया था और मुन्ना भाई के बिना सर्किट का किरदार और सर्किट के बिना मुन्ना भाई का किरदार अधूरा सा लगता है.

पिछले कुछ दिनों से खबर आ रही है कि मुन्ना भाई 3 में सर्किट बदलने वाला है. वो किरदार अब अरशद वारसी नहीं बल्कि रणबीर कपूर निभाएंगे. ये खबरें संजू फिल्म की सफलता के बाद से ही इंटरनेट पर अपनी जगह बना रही हैं और जैसे जॉली एलएलबी की सफलता के बाद अरशद वारसी को बदलकर अक्षय कुमार को उसके सीक्वेल में ले लिया गया वैसे ही अब अरशद को नई मुन्ना भाई से भी हटा दिया जाएगा.

हाल ही में अपनी फिल्म 'फ्रॉड सैयां' के प्रमोशन के दौरान अरशद की ZOOM टीवी से हुई बातचीत में उन्होंने कहा, 'देखिए, मुझे इस बारे में कुछ भी नहीं पता और जिंदगी के इस मोड़ पर मैं न तो मैं नहीं कह सकता और न ही हां कह सकता हूं. यह संभव हो सकता है कि ऐसा हो. हर कोई मेरे रोल के पीछे ही क्यों पड़ा है.'

मुन्नाभाई, संजय दत्त, अरशद वारसी, बॉलीवुडमुन्ना भाई सीरीज में अगर सर्किट का किरदार बदलता है तो ये अरशद के साथ नाइंसाफी होगी.

उन्होंने आगे कहा, 'ये लोग इस किरदार के हिसाब से बड़े स्टार हैं. ये नहीं करेंगे. ये बस कहने की बातें हैं. काफी सारे लोग बस फन के लिए ऐसी बातें करते हैं, लेकिन मुझे नहीं लगता कि ऐसा होगा. मेरा मतलब है कि वह संजू का रोल (मुन्ना भाई) का करना चाहेंगे लेकिन मेरा रोल नहीं.'

बात चाहें जो भी हो लेकिन इतना तो मानना होगा कि मुन्ना भाई के किरदार के लिए अगर संजय दत्त से बेहतर कोई नहीं है तो सर्किट के किरदार के लिए अरशद से बेहतर कोई नहीं. अरशद वारसी ने एक ऐसे दोस्त का किरदार निभाया जो कहने को तो मुन्ना भाई के अंडर काम करता है, लेकिन वो असल में उसके भाई से भी बढ़कर है.

जरा याद करिए, 'मुन्ना भाई एमबीबीएस' के एक सीन में मुन्ना को ऑपरेशन के लिए बॉडी चाहिए होती है तो कैसे अरशद बिना देर किए बॉडी ले आते हैं. या 'लगे रहो मुन्ना भाई' फिल्म में अरशद कैसे प्रोफेसर को उठा कर ले आते हैं ताकि मुन्ना शो जीत सकें. अरशद ने इस किरदार को बेहद दिल से निभाया है और अब एक छवि है जो दर्शकों के दिमाग में बन गई है.

कोई भी फिल्म सफल हो जाए तो उसके किरदारों को बदल कर किसी बड़े स्टार को ले लेना सही नहीं है. ऐसा कई फिल्मों के साथ किया गया है और ये असल एक्टर के साथ नाइंसाफी है क्योंकि उसकी मेहनत के कारण ही फिल्म सफल हो पाई. कोई किरदार अगर किसी फिल्म के लिए मेहनत करता है और लोग उसे अपनाते हैं तो एक बॉन्ड सा बन जाता है, लेकिन अगर उसी एक्टर को बदलकर किसी और को ले लिया जाए तो छलावा सा महसूस होता है.

'वंस अपॉन ए टाइम इन मुंबई', जॉली एलएलबी जैसी फिल्मों में यही हुआ. अक्सर हमने देखा है कि कोई भी सीक्वेल बनाया जाता है तो हिरोइनों को बदल दिया जाता है. हेरा फेरी, मुन्ना भाई, सरकार, हथियार, गोलमाल, धमाल जैसी फिल्मों के साथ यही हुआ.

जहां तक मुन्ना भाई सीरीज का सवाल है तो अगर विधु विनोद चोपड़ा अरशद को रिप्लेस करते हैं तो ये उस सीरीज के सभी फैन्स के साथ नाइंसाफी करेंगे. मेरे लिए मुन्ना भाई हमेशा संजय दत्त और सर्किट हमेशा अरशद वारसी ही रहेंगे.

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श्रुति दीक्षित श्रुति दीक्षित @shruti.dixit.31

लेखक इंडिया टुडे डिजिटल में पत्रकार हैं.

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