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Updated: 01 मई, 2018 04:50 PM
सिद्धार्थ हुसैन
सिद्धार्थ हुसैन
  @siddharth.hussain
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अमिताभ बच्चन हिंदी फिल्म इंडस्ट्री का ऐसा नाम हैं जिनके बग़ैर हिंदी सिनेमा का इतिहास अधूरा है, इनकी सबसे बड़ी ख़ासियत है आज भी उम्र के इस पड़ाव पर अमिताभ कुछ नया करने से झिझकते नहीं हैं. फिर चाहे वो अलग-अलग किरदार निभाना हो या फिर गाने गाना. जी हां फिल्में तो अमिताभ बच्चन की सुपर हिट रही हैं लेकिन उनके गाये हुए गाने भी ज़बरदस्त हिट रहे हैं. हाल ही में अमिताभ ने अपनी अगली फिल्म 102 Not out के लिये पहली बार गाना कंपोज़ भी किया. गाने के बोल हैं "बडूम्बा" ये लफ़्ज़ भी उन्होंने खुद ही इजाद किया.

ख़ुशी का इज़हार करने के लिये अमिताभ ने "बडूम्बा" बोलना शुरू किया और गाने में भी इसका इस्तेमाल किया. अब इसी फिल्म 102 not out की टीम ने एक और बात का ख़ुलासा किया है, कि इस फिल्म में अमिताभ ने एक और गाना गया है. सुपर हिट और क्लासिक फिल्म "काग़ज़ के फूल" का ये गाना है "वक्त ने किया क्या हँसी सितम, हम रहे ना हम तुम रहे ना तुम".

102 not outगीता दत्त का गाना वक्त ने किया ... को अमिताभ ने दी अपनी आवाज़

1959 की इस यादगार फिल्म के निर्देशक थे गुरू दत्त. इस गाने को लिखा था मशहूर शायर कैफी आज़मी ने. और गाया था गुरू दत्त की पत्नी गीता दत्त ने. इसे कंपोज़ किया था लेजेंड्री एस डी बर्मन ने. जब एक गाने के साथ इतने टेलेंटिड लोग जुड़े हों, तो ये हैरत की बात नहीं है कि गाना इतना लोकप्रिय क्यों है.

मगर अमिताभ बच्चन और 102 Not out की टीम को दाद देनी होगी. ऐसे गाने को दोबारा किसी और फिल्म की सिचुएशन में डालना आसान बात नहीं है, क्योंकि लोगों की उम्मीद भी बढ़ जाती है और अगर उन उम्मीदों पर अमिताभ और उनकी टीम खरी नहीं उतरी तो खरी खोटी भी सुनना पड़ सकता है. और अगर अमिताभ का गाया हुआ version पसंद आया तो कहा जायेगा "आखिर गाना इतना बेहतरीन है, अच्छा तो लगना ही था". और यही वजह है जो अमिताभ को महान बनाती है. सब कुछ समझते हुए भी उन्होंने ये रिस्क लिया.

102 not out

वैसे अमिताभ के मुताबिक ये उनका पसंदीदा गाना भी है और ये फिल्म उनके दिल के बेहद करीब है. हालांकि उन्होंने ये भी बताया कि जब ये फिल्म रिलीज हुई थी, तब ये बॉक्स ऑफिस पर फ्लॉप साबित हुई थी. लेकिन वक्त के साथ "काग़ज़ के फूल" यादगार बन गई. ये गाना जितना ख़ूबसूरत है इसकी सिनेमेटोग्राफ़ी भी उतनी ही गजब की थी. सिनेमेटोग्राफ़र वी के मूर्ति का नाम भी इस गाने के साथ अमर हो गया. अब देखना दिलच्सप होगा 102 not में इस गाने को कैसे फ़िल्माया है.

वैसे अमिताभ ने अपने फिल्मी करियर में तक़रीबन पचास से भी ज्यादा गाने गाये हैं मगर कुछ गाने आज भी यादगार हैं. इस फ़ेहरिस्त में अमिताभ का गाया हुआ पहला गाना भी है. 1979 की फिल्म मिस्टर नटवरलाल का गाना "मेरे पास आओ मेरे दोस्तों एक क़िस्सा सुनाऊं" :

बच्चों में इस गाने की लोकप्रियता आज भी है और इस गाने की सफलता के बाद अमिताभ ने एक 1981 में दो और गाने गाये. एक तो फिल्म "लावारिस" में "मेरे अंगने में तुम्हारा क्या काम है, जो भी है नामवाला वही तो बदनाम है" :

और दूसरा गाना था फिल्म सिलसिला का " रंग बरसे भीगे चुननेवाली रंग बरसे". रंग बरसे की सफलता का अंदाज़ा इस बात से लगाया जा सकता है कि आज भी होली में ये गाना ज़रूर बजता है :

बागबान में चली चली हवा चली :

इसमें कोई शक नहीं है कि अमिताभ पहले सुपर स्टार हैं जिन्होंने बतौर सिंगर भी सफलता हासिल की. हालांकि ब्लैक एंड वाइट फिल्मों में हीरो हीरोइन खुद ही गाने गाते थे. लेकिन वो उस दौर की ज़रूरत थी लेकिन अमिताभ ने जब गाना गाया तो उनके फैन्स के लिये वो एक बोनस की तरह था. उनका चहेता स्टार एक्टिंग के साथ गाने से भी उन्‍हें एंटरटेन कर रहा है.

102 not out102 not out में अमिताभ ने गाना कंपोज़ भी किया

अमिताभ के बाद कई सितारों ने गाना गाये. शाहरुख , सलमान, संजय दत्त, आमिर, रितिक, सभी कम से कम एक गाना तो गा चुके हैं. लेकिन इन सभी सितारों के गाने आइटम नंबर की तरह रहे, मगर अमिताभ बच्चन ने बाक़ायदा प्रोफ़ेशनल सिंगर की तरह गाने गाये और आज भी गाते हैं. ऐसे में ये कहना गलत ना होगा "जहाँ वो खड़े होते हैं लाइन वहीं से शुरू होती है". अब तो सिर्फ इंतज़ार इस बात का है "क्या वक्त ने किया हँसी सितम" जैसे महान गाने के साथ अमिताभ इंसाफ़ कर पाते है या नहीं.

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#ऋषि कपूर, #फिल्म, #गाना, 102 Not Out, Amitabh Bachchan, Rishi Kapoor

लेखक

सिद्धार्थ हुसैन सिद्धार्थ हुसैन @siddharth.hussain

लेखक आजतक में इंटरटेनमेंट एडिटर हैं

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