प्रमिला दीक्षित
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लेखिका स्वतंत्र पत्रकार है.
समाज | 4-मिनट में पढ़ें
मुस्लिम महिलाओं को कोर्ट बहादुर ने बता दिया है- बेबसी ही मुकद्दर में है!
मुस्लिम आदमी चाहे तो बिना तलाक़ के दूसरी, तीसरी या चौथी शादी कर सकता है. लेकिन मुस्लिम औरत को दूसरी शादी के लिए तलाक़ लेना ज़रूरी है. पर्सनल लॉ के तहत मुस्लिम मर्दों को बहुविवाह का अधिकार मिलता है, क्या औरतों को भी मिलेगा? ये सोच कर किसी ने अदालत का दरवाज़ा खटखटाया, तो अदालत ने जैसे उसे औक़ात दिखा दी.सियासत | 5-मिनट में पढ़ें

