अमित@amitbharteey
सियासत | 7-मिनट में पढ़ें
टीवी स्टूडियो की डिबेट्स नहीं बल्कि 'मज़हब' का नशा कश्मीर को सुलगाए है
बुरहान के जनाज़े में सैंकड़ों नहीं, हज़ारों की संख्या में लोग शामिल हुए और उनमें एक नहीं बल्कि दर्जनों की संख्या में पाकिस्तानी झंडे लहराए जा रहे थे. समय-समय पर पाकिस्तानी प्रतीकों का इस्तेमाल एक परंपरा बन गया है. तो क्या ये वास्तव आज़ादी चाहते हैं?सियासत | 6-मिनट में पढ़ें



