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Updated: 21 जुलाई, 2017 02:49 PM
श्रुति दीक्षित
श्रुति दीक्षित
  @shruti.dixit.31
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रिलायंस जियो. एक ऐसा नाम जिसने भारत में डिजिटल क्रांति ला दी है. एक समय ऐसा भी था जब रिलायंस इन्फोकॉम ने 'कर लो दुनिया मुट्ठी में' नारे के साथ एक फोन लॉन्च किया था. 600 रुपए का वो फोन भारतीयों के बीच इतना लोकप्रिय हुआ था कि उसने भारत में मोबाइल फोन की दिशा और दशा ही बदल दी थी. अब एक बार फिर कुछ ऐसा ही हुआ है. रिलायंस जियो ने जियो फोन लॉन्च कर दिया है. इस फोन के बारे में कहा जा रहा है कि ये फ्री है. कारण ये कि कंपनी 1500 रुपए में ये फीचर फोन दे रही है. ये पैसे 3 साल बाद वापस कर दिए जाएंगे.

टेक्निकली तो ये फ्री दिख रहा है, लेकिन क्या ये वाकई फ्री है? इस फोन को सभी फीचर्स के साथ इस्तेमाल करने के लिए लगभग 2000 रुपए देने होंगे (1500 फोन के, 153 रुपए का डेटा पैक, 309 रुपए का टीवी केबल पैक). इस फोन के फीचर्स और बाकी चीजें देखकर लग तो रहा है कि ये बहुत अच्छा है, लेकिन किस हद तक? क्या ये रिम फोन जिसने 2003 में क्रांति ला दी थी उसकी बराबरी कर पाएगा?

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रिम फोन...

रिलायंस इंडिया मोबाइल यानि रिम फोन अपने आप में किसी अजूबे से कम नहीं था. वो दौर जब इनकमिंग के भी पैसे दिए जाते थे और मोबाइल किसी सोने के ज़ेवर की तरह रखा जाता था.-

  • - 2003 में वो फोन लॉन्च हुआ था.
  • - इस फोन के लिए पहले 3000 रुपए की मेंबरशिप फीस लेने की बात थी, लेकिन बाद में इसे हटा दिया गया था.
  • - फोन के मंथली चार्ज 600 रुपए थे.
  • - इनकमिंग कॉल फ्री थी और आउटगोइंग कॉल के लिए 15 पैसे प्रति 10 सेकंड की कॉल रेट थी.
  • - एसटीडी कॉल रेट 40 पैसे प्रति मिनट हो गई थी.
  • - वॉइस मेल, कॉल वेटिंग, कॉल होल्ड, कॉल डायवर्ट, कॉल आइडेंटिफिकेशन, एसटीडी, आईसीडी लॉकिंग और टेक्स्ट मैसेज जैसी सभी वैल्यू एडेड सर्विस फ्री में ऑफर की गई थी.
  • - ये फोन हल्का था, जावा पर काम करता था, मल्टीमीडिया का इस्तेमाल करता था. इस फोन में 12 महीने की वारंटी भी थी.

ऐसे समय में जब बाजार में सामान्य मोबाइल हैंडसेट की कीमत 10 से 15 हजार रुपये थी और मोबाइल से एक कॉल करने के लिए आपको 2 रुपये से अधिक खर्च करना पड़ता था, रिलायंस ने 600 रुपये में मोबाइल हैंडसेट और 15 पैसे प्रति कॉल दर पर अपना प्लान मार्केट में लॉन्च कर दिया.

उस वक्त सेलुलर इंडस्ट्री में सरकारी दिग्गज बीएसएनएल के साथ-साथ एयरटेल, वोडाफोन, आइडिया, टाटा, एयरसेल, स्पाइस, और वर्जिन मोबाइल जैसी कंपनियां मौजूद थी. टेक्नोलॉजी के हिसाब से टाटा को छोड़कर ये सभी कंपनिया जीएसएम नेटवर्क में थी और रिलायंस देश में पहली बार बड़े पैमाने पर (देशव्यापी) सीडीएमए नेटवर्क के साथ मार्केट में प्रवेश कर रहा था.

उस समय भी एक बात थी कि इस स्कीम में 10,500 रुपए का हैंडसेट आपको फ्री जैसे दाम में मिल रहा था और उस समय भी ये सभी सर्विसेज 3 साल के लिए वैलिड थीं. यानि जियो फोन और रिम फोन का 3 साल वाला प्लान कुछ-कुछ एक जैसा ही है.

जियो फोन...

जियो फोन उस समय लॉन्च हुआ है जब पहले से ही स्मार्टफोन्स 2000 रुपए तक की रेंज में मिल रहे हैं और कॉल और डेटा की किसी को चिंता नहीं है.

  • - इसे दुनिया का मोस्ट इंटेलिजेंट और अफोर्डेबल फोन. जियो फोन 100% 4G फोन है. 22 भाषाएं (रीजनल) इस फोन में इस्तेमाल की जा सकती हैं.
  • - इस फोन में वॉइस कमांड इस्तेमाल कर सकते हैं. कॉल, गूगल सर्च, मैसेज, लोकेशन सेंड सब कुछ वॉइस कमांड पर हो जाएगा.
  • - सभी जियो एप्लिकेशन हैं
  • - पावरफुल स्पीकर सिस्टम है- वॉइस कमांड पर लोकेशन सेंड करता है.
  • - कुछ दिन में लोकल पुलिस और बाकी इमर्जेंसी सर्विसेज भी इस फोन में जोड़ दी जाएंगी.
  • - NFC भी जियो फोन में आएगा, बैंक अकाउंट, जनधन अकाउंट, यूपीआई अकाउंट सब इस फोन से लिंक किए जा सकेंगे.
  • - 153 रुपए प्रति महीने में धन धना धन ऑफर. फ्री वॉइस डेटा, अनलिमिटेड डेटा, फ्री एसएमएस- जियो फोन टीवी केबल 309 प्रति मंथ पैक टू लार्ज स्क्रीन. सिर्फ स्मार्ट टीवी नहीं किसी भी टीवी से जुड़ सकता है ये फोन.

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ये तो हुई एक बात, लेकिन इस किस्से का एक दूसरा पहलू भी है. एक बात बताइए क्या आप जियो फोन में पैसे इन्वेस्ट करेंगे? अगर आपका जवाब हां है तो उसका कारण भी जरूर जगजाहिर होगा. जियो फोन में इन्वेस्ट करने के बहुत से कारण हैं, लेकिन ना इन्वेस्ट करने के भी कुछ हैं.

पहला तो ये कि इस फोन का इस्तेमाल करने का फायदा सिर्फ तब होगा जब इस फोन में नेटवर्क आएगा. रिलायंस जियो के नेटवर्क को लेकर अभी तक लोग पशोपेश में हैं और अभी तक इस नेटवर्क पर भरोसा करना नहीं सीखे हैं.

शायद उतना सफल ना हो पाए ये फोन....

'कर लो दुनिया मुट्ठी में' के नारे के साथ जो फोन आया था उसके साथ एक बात साफ थी कि हर गली-मोहल्ले-नुक्कड़ में रिलायंस का नेटवर्क मिलता था और लोग CDMA फोन से बहुत खुश थे. वो दौर जब मोबाइल फोन रखना ही एक लग्जरी थी तब अगर इस तरह का कोई फोन लॉन्च हुआ था तो लोगों ने उसे हाथों-हाथ लिया था. दूसरी चीज ये है कि वो लोग जिन्हें ठीक से फीचर फोन भी इस्तेमाल करना नहीं आता यानि दूर दराज ग्रामीण इलाके के लोग, उनके लिए इतने फीचर्स को अडैप्ट करना कितना आसान होगा. उनके पास जो फोन है उसे वो सालों से इस्तेमाल कर रहे हैं और ऐसे इलाकों के लिए अगर मुकेश अंबानी फोन लॉन्च कर रहे हैं तो उनके पास एक ऐसी स्ट्रैटजी होनी चाहिए जिसे इतने पिछड़े इलाकों में भी भेजा जा सके.

हाल ही में दिल्ली में बहुत तेज बारिश हुई और उस बारिश के बाद कम से कम 4 घंटों तक जियो का नेटवर्क ठीक से काम नहीं कर रहा था. इतना धीमा कि एक फेसबुक लाइव भी नहीं हो पा रहा था. ऐसे में उन राज्यों का क्या होगा जहां मंत्रियों को पेड़ पर चढ़कर फोन में बात करनी पड़ी थी नेटवर्क के लिए. अगर आपको याद हो तो मिनिस्टर ऑफ स्टेट फाइनेंस अर्जुन राम मेघवाल को पेड़ पर चढ़कर बात करनी पड़ी थी. ये पिछले महीने की बात है. अब बारिश के बाद तो हालात और खराब हो गए होंगे ऐसे में जियो फोन जिसे खास तौर पर फीचर फोन वाले मार्केट के लिए लॉन्च किया है उसका भविष्य इन इलाकों में क्या होगा?

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लेखक

श्रुति दीक्षित श्रुति दीक्षित @shruti.dixit.31

लेखक इंडिया टुडे डिजिटल में पत्रकार हैं.

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