New

होम -> टेक्नोलॉजी

 |  3-मिनट में पढ़ें  |  
Updated: 11 नवम्बर, 2022 02:45 PM
देवेश त्रिपाठी
देवेश त्रिपाठी
  @devesh.r.tripathi
  • Total Shares

इलेक्ट्रिक गाड़ियों यानी ईवी का बाजार भारत में बहुत तेजी से बढ़ रहा है. इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि वित्त वर्ष 20-21 में 1,33,000 इलेक्ट्रिक गाड़ियां बिकी थीं. वहीं, 2022 के सिर्फ अक्टूबर महीने में ही 1,14,001 इलेक्ट्रिक व्हीकल बिके हैं. और, ऑटोमोबाइल सेक्टर की बड़ी कंपनियों से लेकर छोटे स्टार्टअप्स ने इस उभरते हुए बाजार पर कब्जा जमाने के लिए लोगों को ईवी में हर तरह के विकल्प देना शुरू कर दिया है. टाटा मोटर्स जैसी बड़ी कंपनियां जहां अपने सक्सेसफुल मॉडल्स को ईवी में लॉन्च कर रही हैं. वहीं, स्टार्टअप्स माइक्रो और कॉम्पैक्ट ईवी के जरिये इस बाजार में घुसने के प्रयास कर रहे हैं.

ऐसी ही एक कोशिश इस महीने मुंबई बेस्ड ईवी स्टार्टअप पीएमवी इलेक्ट्रिक (PMV Electric) भी करने जा रहा है. पीएमवी इलेक्ट्रिक ने अपनी माइक्रो ईवी EaS-E के लॉन्च की तैयारी पूरी कर ली है. और, इसे देश की सबसे सस्ती इलेक्ट्रिक कार के तौर पर पेश किया जा रहा है. लेकिन, इसके फीचर्स देखकर और स्पेसिफिकेशन देखकर मुंह से केवल यही निकलता है कि माइक्रो ईवी के नाम पर कोई अपग्रेडेड ई-रिक्शा क्यों लेगा? वैसे, ऐसा कहना की कुछ वजहें हैं. आइए उन पर बात करते हैं...

PMV Electric first Electric Car launch in the name of Micro EV Car why anyone buy a upgraded E Rickshaw Tata Motors Nano is exampleपीएमवी इलेक्ट्रिक को शायद टाटा मोटर्स की लखटकिया के बारे में रिसर्च नहीं की.

माइक्रो ईवी में सिर्फ फीचर्स ही सबकुछ

पीएमवी इलेक्ट्रिक की EaS-E को अपग्रेडेड ई-रिक्शा कहने की सबसे बड़ी वजह यही है कि ये माइक्रो ईवी है. इसमें केवल दो लोगों के बैठने की जगह है. एक शख्स ड्राइविंग सीट, तो दूसरा बैक सीट पर. कार का लुक देने के लिए इसमें चार दरवाजे लगा दिए गए हैं. लेकिन, माइक्रो ईवी में चार दरवाजों का क्या ही तुक बनता है? वैसे, कंपनी ने इसमें फीचर्स ढेर सारे दिए हैं. जो इसकी कीमत बढ़ाने वाले कहे जा सकते हैं. मीडिया रिपोर्ट्स की मानें, तो पीएमवी इलेक्ट्रिक की EaS-E में टचस्क्रीन इंफोटेनमेंट सिस्टम, यूएसबी चार्जिंग पोर्ट, एयर कंडीशनर, क्रूज कंट्रोल, सीट बेल्ट, रियर पार्किंग कैमरा, रिमोट कीलेस एंट्री और पार्किंग असिस्ट जैसे फीचर्स होने की बात कही गई है. वहीं, Eas-E मोड पर गाड़ी चलाने के दौरान पैरों की जगह स्टियरिंग पर ही हाथों के जरिये ब्रेक और एक्सीलेरेटर कंट्रोल किया जा सकता है. कार के इन्हीं फीचर्स और स्पेसिफिकेशन की वजह से इसकी कीमत एक सामान्य से ई-रिक्शा की तुलना में करीब 4 लाख से ज्यादा पहुंचने की संभावना है. 

नैनो की विफलता से क्यों नहीं ली सीख?

टाटा मोटर्स ने कुछ सालों पहले लखटकिया के नाम से नैनो कार निकाली थी. इस कार के लिए लखटकिया नाम ही डूबने की वजह बन गया था. दरअसल, नैनो कार का सबसे सस्ता मॉडल 1 लाख में मिलता था. तो, इसे लखटकिया नाम मिल गया. शुरुआत में इसे अच्छा रिस्पॉन्स मिला. लेकिन, कुछ समय बाद लोगों ने इसे डिब्बा और ऑटो जैसे विशेषण देना शुरू कर दिया. जिसने इसकी बिक्री पर सीधा असर डाला. लोगों ने इसे सस्ती कार के नाम पर ही नकार दिया. पीएमवी इलेक्ट्रिक की माइक्रो ईवी EaS-E भी कुछ इसी तरह की नजर आती है. जिसमें नैनो की तरह तमाम अपग्रेड हैं. लेकिन, उस पर ठप्पा सबसे सस्ती ईवी कार का है. भारतीय समाज की नजर में कार का मतलब माइक्रो ईवी नहीं होता है. और, अगर इसे कार के नाम पर बेचा जाएगा, तो शायद ही कोई इस अपग्रेडेड ई-रिक्शा को खरीदेगा.

लेखक

देवेश त्रिपाठी देवेश त्रिपाठी @devesh.r.tripathi

लेखक इंडिया टुडे डिजिटल में पत्रकार हैं. राजनीतिक और समसामयिक मुद्दों पर लिखने का शौक है.

iChowk का खास कंटेंट पाने के लिए फेसबुक पर लाइक करें.

आपकी राय