New

होम -> टेक्नोलॉजी

 |  7-मिनट में पढ़ें  |  
Updated: 14 मई, 2019 08:43 PM
ऑनलाइन एडिक्ट
ऑनलाइन एडिक्ट
 
  • Total Shares

'OnePlus 7 और OnePlus 7 Pro भारतीय मार्केट में Launched...' जिस खबर का इंतजार था, वो नजदीक है. मंगलवार को OnePlus के दोनों फोन लंदन, न्यूयॉर्क और बेंगलुरु के ग्लोबल इवेंट में एक साथ लॉन्च होने हैं. OnePlus 7 की कीमत 39,999 रुपए के करीब है. जबकि OnePlus 7 Pro की कीमत 49,999 रुपए से शुरू हो सकती है. दोनों फोन्स के दो वेरिएंट लॉन्च होंगे. ये OnePlus Chinese flagship फोन अपने नए Look, बेहतरीन features (specifications ) और कैमरे (Camera) के कारण लोकप्रिय हो सकता है. वहीं इसका प्रतिद्वंद्वी Google Pixel 3A भी भारतीय मार्केट में मौजूद है, जहां गूगल पिक्सल को उसके कैमरे के लिए पसंद किया जा रहा है वहीं इसके फीचर्स कुछ ज्यादा खास नहीं है और अगर इसकी तुलना वनप्लस से की जाए तो हम पाएंगे कि ये कई मामलों में बेहतर है.

1. OnePlus 7 और Google Pixel 3A का स्‍टार वॉर:

फीचर्स की बात करें तो गूगल पिक्सल 3A यकीनन अच्छा फोन है, लेकिन इसका सबसे बेहतरीन फीचर इसका कैमरा ही है और दूसरी है गूगल की ब्रांड इमेज. पर इसके बाकी फीचर्स में कुछ ज्यादा दम नहीं लग रहा है. इन फोन्स के साथ सॉफ्टवेयर सपोर्ट सबसे बेहतरीन है और गूगल के होने के कारण टाइम पर सॉफ्टवेयर अपडेट भी मिलती रहेगी. साथ ही, क्योंकि ये गूगल के अपने फोन हैं तो Bloatware (फैक्ट्री द्वारा फोन में डाले गए एप्स जिनका काम ज्यादा नहीं होता, लेकिन बहुत मेमोरी खर्च कर लेते हैं.) की समस्या कम होगी.

गूगल पिक्सल 3A और 3A XL में कुछ बहुत ज्यादा अंतर नहीं है. सिवाए उसके स्क्रीन साइज के.गूगल पिक्सल 3A और 3A XL में कुछ बहुत ज्यादा अंतर नहीं है. सिवाए उसके स्क्रीन साइज के.

पर अगर यहीं वनप्लस की बात करें तो ये सबसे बेहतरीन फीचर्स के साथ आने वाला फोन बन गया है. 48 मेगापिक्सल का कैमरा (7 प्रो में ट्रिपल लेंस और 7 में डबल लेंस) ये लेंस OIS (ऑप्टिकल इमेट स्टेबिलाइजेशन) के लिए भी है जो फोटो को ब्लर होने से रोकता है. दूसरा लेंस 16 मेगापिक्स का वाइड एंगल सेंसर और तीसरा 8 मेगापिक्सल का 3X जूम फोकल लेंथ सेंसर है. साथ ही साथ, बड़ी बैटरी भी है जो 4000mAh पावर देती है. इसी के साथ, कनेक्टिविटी आदि फीचर्स वनप्लस और गूगल पिक्सल दोनों में एक जैसे ही हैं. वनप्लस के साथ जो एक्सेसरीज हैं उन्हें भी ग्राहकों को आकर्षित करने वाला प्वाइंट माना जा रहा है. Bullets Wireless 2 हेडफोन आदि पसंद किए जा सकते हैं. हां, इसमें हेडफोन जैक नहीं है, लेकिन वायरलेस हेडफोन इसकी कमी महसूस नहीं होने देगा. वनप्लस का Oxygen Os पहले से ही लोगों के बीच लोकप्रिय है. Snapdragon 855 प्रोसेसर इसे पावरफुल तो बनाता ही है. 

गूगल पिक्सल में मेमोरी ऑप्शन भी कम है. इसमें 64GB मेमोरी विकल्प दिया गया है. साथ ही, कोई एक्स्ट्रा मेमोरी स्लॉट नहीं है. वनप्लस में 128GB और 256GB वेरिएंट हैं. कैमरा बेहतर है क्योंकि गूगल का AI इसे अच्छा बनाता है, लेकिन हार्डवेयर के तौर पर देखें तो सिर्फ 12.2 मेगापिक्सल का रियर कैमरा है. जो स्पेसिफिकेशन शीट में इसे वनप्लस के कम बनाता है.

2. गूगल ने पिक्‍सल की कीमत 10 हजार रु. ज्‍यादा रखी है:

गूगल फोन में जिस तरह के फीचर्स हैं वो यकीनन मौजूदा समय के अच्छे फोन्स में से एक हैं. पर क्या इन्हें फ्लैगशिप कहा जा सकता है?

गूगल पिक्सल 3A और 3A XL की बात करें तो दोनों ही फोन स्पेसिफिकेशन के मामले में लगभग एक जैसे हैं. XL जैसा की नाम समझ आ रहा है वो फोन स्क्रीन साइज में बड़ा है. डिस्प्ले की बात करें तो स्क्रीन रेजोल्यूशन और डेप्थ भी काफी कुछ एक जैसी ही है.

ऑक्टा कोर प्रोसेसर के साथ आने वाले इन दोनों ही फोन्स में 2.0 GHz का Kryo 360 प्रोसेसर है. 4GB रैम और कोई एक्सटर्नल मेमोरी नहीं है. एंड्रॉयड 9.0 पाई ऑपरेटिंग सिस्टम दोनों में ही है. साथ ही, इनमें सिंगल रियर कैमरा लेंस दिया गया है. सेल्फी कैमरा 8 मेगापिक्सल है. पर गूगल का पिक्सल फ्लैगशिप कैमरा है और ये बिलकुल अंधेरे में भी इस्तेमाल किया जा सकता है. लाइटिंग और कैमरा फीचर्स को लेकर ग्राहकों को इस फोन से कोई दिक्कत नहीं होगी. यहां तक कि इसे 35000 की रेंज वाला सबसे बेस्ट कैमरा फोन कहा जा रहा है.

ये सब ठीक है, लेकिन इन फोन्स की कीमत को लेकर थोड़े पुराने फीचर्स देना ज्यादा सही नहीं है. कैमरा मेगापिक्सल अभी भी कम है. 3A की बैटरी 3000 mAh पावर की है और 3A XL की बैटरी 3700 mAh पावर की है. जो इसके खराब फीचर्स में से एक है.

जहां 3A की कीमत 39,999 रुपए से शुरू हो रही है, वहीं दूसरी ओर 3A XL की कीमत 44,999 रुपए से शुरू हो रही है. ऐसे में अगर गूगल पिक्सल की कीमत 40 हज़ार की जगह 30 हज़ार की रेंज में होती तो ये बहुत वाजिब होता, लेकिन इसकी कीमत 40 हज़ार की रेंज में है जो इसे फीचर्स के हिसाब से महंगा फोन बनाती है.

3. OnePlus 7 और OnePlus 7 Pro के सामने पिक्‍सल का डिजाइन बोरिंग:

अब एक तरफ मैट फिनिश का डुअल टोन पुराना वाला डिजाइन और दूसरी तरफ चमचमाता हुआ वनप्लस 7 और 7 प्रो जिसमें पॉप अप सेल्फी कैमरा भी है और नए डिजाइन के हिसाब से बेहतरीन है.

गूगल पिक्सल की डिजाइन वनप्लस के आगे बोरिंग है.गूगल पिक्सल की डिजाइन वनप्लस के आगे बोरिंग है.

गूगल के फोन में तीन रंग हैं ब्लैक, व्हाइट और पर्पल और वनप्लस में तीन रंग नेब्यूला ब्लू, मिरर ग्रे और अल्मंड दिए गए हैं. डिजाइनिंग के तौर पर एक झलक में पसंद आने वाला फोन वनप्लस बन सकता है. वनप्लस में भी इनबिल्ट फिंगर प्रिंट सेंसर है, लुक्स के हिसाब से कुछ-कुछ आईफोन XR की कॉपी लगता है और इसलिए अल्ट्रा-प्रीमियम फोन वाली झलक दिख रही है. यहीं गूगल में यही फैक्टर कम है और इसलिए ये थोड़ा पीछे रह जाता है.

4. OnePlus की बड़ी RAM ने गूगल पिक्‍सल की तेजी का बखूबी मुकाबला किया है:

गूगल के नाम को छोड़ दिया जाए तो इस रेंज में बेहतरीन स्मार्टफोन्स मिल सकते हैं. साथ ही, सिर्फ 4GB रैम ऑप्शन कम हैं और इसे यकीनन फोन के सबसे खराब फीचर्स में से एक कहा जाएगा. आज के जमाने में भले ही फोन कितना भी तेज़ क्यों न हो, लेकिन 6GB रैम और 128 GB मेमोरी ऑप्शन बेहतर विकल्प लगेंगे. खास तौर पर तब जब इस फोन में एक्सटर्नल मेमोरी की सुविधा नहीं हो. अब इतना महंगा फोन कोई 1 साल के लिए तो खरीदेगा नहीं (खास तौर पर भारतीय मार्केट में.) ऐसे में अगर मैं कहूं कि अगले साल तक लगभग सभी फ्लैगशिप फोन्स 6GB रैम के साथ आएंगे तो गलत नहीं होगा. ये तकनीक बहुत जल्दी फेज आउट हो सकती है.

यहीं वनप्लस में 6GB, 8GB और 12GB रैम ऑप्शन दिए गए हैं जो इसे खास तौर पर गूगल पिक्सल से बेहतर वेटेज देते हैं. साथ ही 256 GB मेमोरी तक का विकल्प है. ऐसे में अगर गूगल पिक्सल से बेहतर फीचर्स वनप्लस में मिल रहे हैं तो स्पेसिफिकेशन शीट के हिसाब से उसे बेहतर फोन माना जा सकता है.

5. Google फोन का डुअल सिम न होना एक बड़ी कमी है...

अगर इन फोन्स में खराबी की बात करें तो सबसे पहले तो भारतीय मार्केट में इस बात को लेकर ही इस फोन को नकारा जा सकता है कि इसमें डुअल सिम नहीं है. भारत में डुअल सिम फोन का चलन ज्यादा है और जियो के आने के बाद से तो ये ज्यादा ही बढ़ गया है.

इस कमी को वनप्लस पूरा कर सकता है. कोई अगर 40 हज़ार का फोन ले रहा है और वो डुअल सिम की सुविधा भी नहीं ले पा रहा है ये थोड़ा गलत है. ये उन लोगों को अखर सकता है जिन्हें ज्यादा ट्रैवल करना होता है और साथ ही जिन्हें डुअल सिम का इस्तेमाल करना है उनके लिए ये अच्छा नहीं माना जाएगा. कई गैजेट प्रेमी महंगा फोन ईएमआई पर ले लेते हैं, लेकिन उन्हें इंटरनेट के लिए जियो जैसी सिम की जरूरत होती है जो सस्ते दामों में डेटा दे सके. ऐसे में भारतीय मार्केट में डुअल सिम की कमी अखर सकती है.

ये भी पढ़ें-

Tesla autopilot adult video: एलन मस्क का मज़ाक भारी पड़ सकता है

Google Pixel 3A खरीदने जा रहे हैं तो थोड़ा Oneplus 7 के लिए रुकिए, क्‍योंकि...

 

लेखक

ऑनलाइन एडिक्ट ऑनलाइन एडिक्ट

इंटरनेट पर होने वाली हर गतिविधि पर पैनी नजर.

iChowk का खास कंटेंट पाने के लिए फेसबुक पर लाइक करें.

आपकी राय